कोविड-19 महामारी के साथ लोगों का 2020-21 कैसा बिता ये बात किसी से छुपा नहीं है। ऐसा लगता है कि अगर 2020-21 क्लैंडर में नहीं आया होता तो बेहतर था। अगर हेल्थ की बात करें, तो 2020 और 2021 में सेहत में कई तरह के उतार-चढ़ाव आए।
कुल मिलाकर कहा जाए तो साल 2020-21 सेहत के लिहाज से 21वीं सदी के सबसे खराब सालों में रहा। लेकिन आने वाला साल कैसा रहेगा, इसका अभी सही से अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन हम पिछली गलतियों से सिख हम आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं।
वैसे में कोरोना वायस के चलते लोग अपने हेल्थ को लेकर काफी जागरूक भी हुए हैं। बीते एक साल में हर किसी ने अपनी लाइफस्टाइल में कुछ-न-कुछ बदलाव किया है। बदलाव के साथ कुछ अच्छी हेल्दी हेबिट्स भी हमने अपनाई हैं।
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एक तरह से हम यह भी कह सकते हैं कि कोविड-19 ने हमें कुछ ऐसी हेल्दी हैबिट्स भी सिखाई हैं, जिसे हम भविष्य में भी फॉलो कर फिट और हेल्दी रह सकते हैं। अब हम नये साल में प्रवेश कर गए हैं।
ऐसे में इस साल हमें कुछ ऐसी आदतें अपनानी चाहिए ताकि हम और अधिक मजबूत और हेल्दी बन सकें। तो आइए हम आपको ऐसे पांच फूड हैबिट के बारे में बताते हैं जिन्हें फॉलो कर हम अपने आने वाले कल को बेहतर बना सकते हैं-
फल और सब्जी खाएं
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ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम घटाने में सब्जियों और फलों का सेवन अधिक लाभकारी साबित हो सकता है। ये दोनों चीजें अधिक मात्रा में लें। क्योंकि कुछ प्रकार के कैंसर से बचाने, आंखों और पाचन संबंधी समस्याओं को कम में ये मददगार होता है। फल और सब्जी ब्लड शुगर पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।
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स्मूदी का त्याग करें
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स्मूथी ताजे फलों और सब्जियों, नट्स और डेयरी उत्पाद को मिक्स या ब्लैंडर में डाल कर तैयार की जाती है। फल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है। फाइबर स्वास्थ्य के लिए बेहद अहम चीज है। इसलिए फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें।
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्लेंड किए हुए फल पूरे फल के बराबर फायदेमंद नहीं होते हैं। इसलिए कोशिश की करें की स्मूदी के बजाए फलों, सब्जियों, नट्स वगैरह का सेवन सीधे करें। इसके अलावा स्मूदी में अतिरिक्त कैलोरी और शुगर हो सकता है.
माइक्रोन्यूट्रिएंट्स
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माइक्रोन्यूट्रिएंट्स उन मुख्य पोषक तत्वों में से एक है, जिनकी जरूरत एक हेल्दी शरीर के लिए होती है। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में विटामिन और मिनरल्स शामिल होते हैं। इम्यून फंक्शन, हेल्थ एनर्जी, ब्लड क्लॉटिंग और दूसरे फंक्शन के लिए विटामिन की जरूरत होती है।
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वहीं, मिनरल ग्रोथ, फ्लूइड बैलेंस, हड्डियों की सेहत और दूसरी कई प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाते हैं। हमारे हार्मोनल रेस्पॉन्स के लिए भी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, हमारी आधुनिक जीवनशैली ने हमारे शरीर में सूक्ष्म पोषक तत्वों के स्तर को काफी प्रभावित किया है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने शरीर की सूक्ष्म पोषक जरूरतों को समझने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
जल्दी करें डिनर
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आधुनिक दिनचर्या ने हमारी कई आदतों को खराब किया है। जिसमें से एक है डिनर लेट से करना और सोना। आपने कभी अगर किसी न्यूट्रिशनिस्ट से कंसल्ट किया है, तो मुमकिन है कि उन्होंने आपको डिनर यानी रात का खाना जल्दी करने की सलाह दी हो।
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जल्दी डिनर करने के बहुत सारे फायदे हैं। पहले के जामने में लोग डिनर जल्दी करते थे और इसीलिए काफी सेहतमंद भी रहते थे। एंडोक्राइन सोसाइटी के जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में आई एक स्टडी के मुताबिक, देर रात खाना खाने का संबंध वजन बढ़ने और हाई ब्लड शुगर से है। इसलिए जल्दी खाएं, जल्दी सोएं और जल्दी सुबह उठें।
उपवास करें
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पिछले कुछ वर्षों में उपवास तेजी से लोकप्रिय हो गया है। खासकर स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने वाले समुदाय के बीच। हालांकि, उपवास और रोजा रखना एक धार्मिक पद्धति है। पहले इसे मॉडर्नाइजेशन से अलग करके देखा गया। लेकिन जल्द ही साइंसदानों ने इसे सेहत से लिए काफी अहम चीज माना।
अध्ययनों से पता चला है कि उपवास वजन कम करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड शुगर लेवल में सुधार करने में काफी मदद करता है। कुछ अध्ययनों में ये भी आया है कि उपवास सूजन के स्तर को कम करने और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।
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पिछले दिनों 50 स्वस्थ वयस्कों के बीच किए गए एक अध्ययन से पता चला कि एक महीने की इंटरमिटेंट फास्टिंग से इन्फ्लेमेटरी मार्करों के स्तर को काफी कम करने में मदद मिली। हालांकि, उपवास शुरू करने से पहले कृपया एक चिकित्सक से परामर्श करें। खासकर अगर आज डायबिटीज जैसी बीमारियों के मरीज हैं।
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