विश्व दलहन दिवस यानी वर्ल्ड पल्स डे 10 फरवरी मनाया जाता है। इसे मनाने का मकसद दाल की पैदावार को बढ़ावा देना है। 2016 में पहली बार इसे अंतरराष्ट्रीय दाल वर्ष घोषित किया गया था। लेकिन विश्व दलहन दिवस मनाने की शुरुआत 10 फरवरी 2018 से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम को संयुक्त राष्ट्र प्रायोजित करता है।
दरअसल, दालों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र दलहन का उत्पादन बढ़ाकर देश से कुपोषण मिटाना चाहता है। यही कारण है कि दुनिया भर में पोषक तत्व और खाद्य सुरक्षा के लिए दालों का महत्व समझाने के लिए विश्व दलहन दिवस मनाया जाता है।

दलहन को फलियां भी कहा जाता है। इनमें अरहर, चने, मूंग, मसूर, सूखी मटर और अन्य प्रकार की दालें शामिल हैं। दाल के बगैर खाना अधूरा है। ये सुपाच्य तो होते ही हैं, साथ ही इसमें पोषक तत्वों का खजाना है। दलहनी फसलों में हरी मटर या हरी फलियां शामिल नहीं होती। दाल में वसा कम और घुलनशील फाइबर से युक्त होता है। जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
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डायबिटीज और हृदय रोग वाले व्यक्ति के लिए दाल काफी फायदा होती है। इनमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो रक्त संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। दालों से पाचन तंत्र और मांसपेशियां बेहतर होती हैं। दालों को तेज आंच पर पकाने पर भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं।
तो चलिए विश्व दलहन दिवस पर आज हम जानते हैं किन दालों में कौन से पोषक तत्व पाए होते हैं और इनके नियमित सेवन से क्या फायदे होते हैं-
अरहर की दाल

सभी दालों में अरहर की दाल का प्रमुख स्थान है। अरहर की दाल हर कोई बहुत ही चाउ से खाते हैं। 100 ग्राम अरहर की दाल में प्रोटीन, सोडियम ,फाइबर, कैलोरी, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी 12, डी और कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह दाल जल्दी पच जाती है। हालांकि, गैस, कब्ज और सांस के रोगियो को इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
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मूंग की दाल

मूंग की दाल में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो पीली मूंग की दाल में करीब 50 फीसदी प्रोटीन होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है। इसके साथ ही इसमें पोटैशियम, कैल्शियम और विटामिन बी कॉम्पलेक्स होता है। मूंग की दाल कब्ज के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है।
मसूर की दाल

मसूर दाल बहुत हल्की होती है और बहुत ही जल्दी पक जाती है। मसूर की दाल में प्रोटीन, कैल्शियम, आयोडीन,क्लोरीन, फॉस्फोरस सल्फर, कार्बोहाइड्रेट, एल्युमीनियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम, सोडियम और विटामिन डी जैसे के तत्व पाए जाते हैं।
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चने की दाल

चने की दाल पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। यह दाल बहुत ही स्वादिष्ट होती है। इसे पचाना भी बेहद आसान होता है। चने की दाल में प्रोटीन, कैलोरी, फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं। इसमें फाइबर की अधिकता होती है, जिसके चलते यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करती है।
उड़द की दाल

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उड़द की दाल बाकी दालों से अधिक ताकतवर और पौष्टिकता से भरपूर होती है। उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन सी, केल्सियम,राइबोफ्लेविन, नियासिन, आयरन,विटामिन बी थायमीन, स्टार्च, विटामिन्स, खनिज लवण इत्यादि पाए जाते हैं। इसमें कोलेस्ट्रॉल न के बराबर होता है।
इस तरह से दहलन में शामिल सभी प्रकार की दालें सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी मानी जाती हैं। इसलिए चाहे जो भी दाल आपको पसंद हो वो जरूर खाएं और बच्चों को भी दाल खाने की आदत लगवाएं। शरीर को सेहतमंद बनाए रखने में काफी सहायक करती है।
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