दोपहर में सोना सेहत के लिए कैसा होता है? जानिए साइंस क्या कहता है

दोपहर में सोना सेहत के लिए कैसा होता है? जानिए साइंस क्या कहता है

मेडिकल विशेषज्ञ रात में कम-से-कम 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसका पालन नहीं करते हैं। कारण जो भी हो, यह सर्वविदित है कि नींद की कमी स्वास्थ्य के लिए विनाशकारी हो सकती है, और इसका समाधान यह है कि आप दोपहर में थोड़ी देर के लिए नींद या झपकी लें।

न केवल बच्चों के लिए, बल्कि कई शोध रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि दोपहर की नींद वयस्कों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। दोपहर में एक छोटी झपकी स्मृति में सुधार करती है, कार्यालय में काम करने वालों के मूड को ठीक करती है। इसके इलावा ऐसा करके मानसिक और शारीरिक तनाव को भी कम किया जा सकता है। यहाँ सोने के कुछ ऐसे फायदे बताए गए हैं जिनकी पुष्टि साइंस करता है-

याददाश्त में सुधार (Improve Memory)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

शोध रिपोर्टों से साबित हुआ है कि यादों को संरक्षित करने में नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दोपहर की नींद से दिनभर में जो कुछ सीखते हैं, उन्हें याद रखने में मदद मिलती है।

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विश्लेषण की क्षमता (Analytical Ability)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

झपकी लेना न केवल आपको यह याद रखने में मदद करता है कि आपने क्या सीखा है, बल्कि मस्तिष्क को आपके द्वारा सीखी गई बातों के बीच संबंध बनाने में भी मदद करता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग दोपहर में सोने के आदी हैं, उन्हें दिन-प्रतिदिन के विवरण को इकट्ठा करना और व्यवस्थित करना आसान लगता है।

प्रदर्शन में सुधार (Performance Improvement)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

जब आप पूरे दिन में बार-बार एक ही काम करते हैं, तो दिन खराब होता है। अनुसंधान रिपोर्टों से पता चला है कि एक दिन में कुछ मिनट की झपकी लेने से लगातार करने वाले कामों को बनाए रखने में मदद मिलती है।

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मूड बनाएं खुशनुमा (Create Happy Mood)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

अगर आप चिड़चिड़े महसूस कर रहे हैं, तो दोपहर में एक छोटी झपकी या बस आराम करने से आपके मूड पर सुखद प्रभाव पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी देर आराम करने से आपको अच्छा महसूस होता है, चाहे आप नींद का मजा लें या नहीं।

मानसिक और शारीरिक गतिविधि (Mental and Physical Activity)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

यदि आप दोपहर के भोजन के बाद थकावत और सुस्ती महसूस कर रहे हैं, तो यह सिर्फ आपके साथ ही नहीं होता।

दोपहर के भोजन के बाद लाखों लोग इस तरह के आलस्य का सामना करते हैं और फिर 20 मिनट की झपकी से उन्हें फिर से फ्रेस कर देता है।

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नींद का समय (Sleep Time)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

केवल 10 मिनट की झपकी सेहत के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि दोपहर की नींद का समय थकान से बचने के लिए 30 मिनट या उससे कम होना चाहिए।

यदि आप लंबे समय तक झपकी लेते हैं, तो यह अधिक संभावना है कि जब आप जागते हैं तो आप एक मानसिक कोहरे का अनुभव करेंगे, जिसके बाद आपको पूरी तरह से जागने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी।

कॉफी और चाय (Coffee and Tea)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

यदि आप थका हुआ महसूस करते हैं, लेकिन काम करना या अध्ययन करना है, तो कॉफी या चाय के बगैर झपकी लें। कैफीन की तुलना में, झपकी स्मृति को अधिक सीखने की क्षमता में सुधार करती है।

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नींद की कमी (Lack of Sleepiness)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

अगर आपको मालूम है कि एक या दो रात को भरपूर नींद नहीं ले पाएंगे तो आपको लंबे वक्त की झपकी बेहतर महसूस करा सकता है।

ऐसे हालात में, दोपहर में शॉर्ट के बजाय जितना संभव हो उतनी देर तक सोना बेहतर होता है।

तनाव में कमी (Stress Reduction)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

यदि आप बहुत अधिक दबाव में हैं, तो छोटी झपकी लेने से तनाव दूर हो सकता है और स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि 30 मिनट की नींद इस उद्देश्य के लिए मददगार हो सकती है।

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दिल की सेहत (Heart Health)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

एक झपकी रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग दोपहर में सोने के आदी हैं, उनमें तनाव की अवधि के दौरान रक्तचाप का स्तर कम होता है।

सीधे शब्दों में कहें तो झपकी लेने से शरीर को तनावपूर्ण स्थितियों से उबरने में मदद मिलती है।

रचनात्मकता में बढ़ोतरी (Increase Creativity)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

झपकी के बाद, लोगों का दिमाग ताज़ा और नीरस नहीं रहता है, जिससे मन की रचनात्मकता को फायदा होता है।

इसका एक उदाहरण यह है कि जब कंप्यूटर ओवरलोडेड होता है, यानी जब बहुत सारी फाइलें खुली होती हैं, तो इसे सही से और तेज बनाने के लिए रिबूट किया जाता है। वही बात एक झपकी के साथ होती है, जो दिमाग को साफ करती है। इससे समस्याओं को हल करना और ढूंढना आसान हो जाता है। और फिर से नये-नये विचार आने लगते हैं।

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रात की नींद (Night Sleep)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

हालांकि, यह अस्वाभाविक लग सकता है, कि दोपहर में सोने से रात को अच्छी नींद आती है।

शोध रिपोर्टों के अनुसार, दोपहर एक से तीन बजे के बीच 30 मिनट की नींद और शाम को थोड़ी देर की सैर रात को नींद में मदद करती है, जबकि ऐसा करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है।

बच्चों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Children)

दोपहर की नींद को आदत बना लेने से सेहत पर क्या असर पड़ता है?

अक्सर बच्चे स्कूल जाने की वजह से दोपहर में सो नहीं पाते हैं। लेकिन सीखने और विकसित होने की उम्र में यह आदत बहुत ठीक नहीं है। अध्ययनों से पता चलता है कि जो बच्चे दोपहर में सोने के आदी होते हैं उनकी याददाश्त नहीं सोने वालों के मुकाबले बेहतर होती है।


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