मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने ‘बुल्ली बाई’ (Bulli Bai) एप्प केस में एक 21 साल के युवक को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया युवक इंजीनियरिंग का छात्र है। वह बुली बाई के उन पांच फॉलोअर्स में से एक है जिन्होंने इस घिनौने काम को अंजाम दिया। माना जा रहा है कि दूसरे लोगों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि, मुंबई पुलिस ने आरोपी की पहचान का खुलासा नहीं किया है।
पुलिस अधिकारियों ने सिर्फ इतनी जानकारी दी है कि 21 साल का आरोपी युवक बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बुली बाई एप्लिकेशन पर करीब 100 नामचीन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गई थीं।
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— Ashraf Hussain (@AshrafFem) January 3, 2022
मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन प्रताड़ित करने वाली ऐप्प ‘बुल्ली बाई’ मामले के आरोप में मुंबई पुलिस साइबर सेल ने बेंगलुरु के एक 21 वर्षीय व्यक्ति को हिरासत में लिया है
दरअसल, ‘बुल्ली बाई एप्प’ एक ऐसा एप्प है जहां कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट करके अपमानित किया जा रहा था। इस एप्प पर मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो को डाउनलोड करके नीलामी के लिए पोस्ट किया जा रहा था और फिर लोगों को मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए प्रोत्साहित किया जा गया था।
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जब इसकी खबर सोशल मीडिया पर आई तो तेजी से वायरल हो गई तो मामले के खिलाफ मुम्बई से लेकर दिल्ली तक महिलाओं ने शिकायत दर्ज कराई। GitHub पर ‘Bulli Bai’ नाम का एप्प क्रिएट कर उसपर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की फोटोज डाली गईं। फिर उनकी ‘बोली’ लगाई गई। वहीं, मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एप्प बनाने वाले यूजर को GitHub पर ब्लॉक कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई पर भी बात चल रही है।
एक ऐसा ही मामला 2020 में भी सामने आया था। उस समय ‘Sulli Deal’ नाम का एप्प चर्चा में था। इस एप्प के जरिए भी मुस्लिम महिलाओं को नीलाम किया जा रहा था। एक साल से कम समय में यह दूसरी बार है, जब मुस्लिम महिला के साथ ट्रोल्स ने इस तरह की अभद्रता की है। पिछले साल जुलाई में सुली डील्स नामक एप्प पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की थीं।
ठीक सुली डील्स तर्ज पर ही इस बार ‘बुल्ली बाई’ एप्प पर वही काम हो रहा है। पिछले बार भी क्या करवाई हुई इसकी कोई जानकारी नहीं है। सुल्ली डील्स एप्प के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि, अब तक जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है।
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बुल्ली डील्स एप्प पर द वायर की पत्रकार इस्मत आरा की फोटोज भी शामिल हैं जिन्होंने ट्विटर पर इस वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें उन्हें ‘बुली बाई ऑफ द डे’ बताया गया है। इस्मत ने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराकर आईपीसी की धारा 153ए (धर्म के नाम पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना), 153बी (राष्ट्रीय एकता पर प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना), 354ए (यौन उत्पीड़न), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (स्त्री की मर्यादा का अनादर करने के आशय से कुछ कहना या कोई इशारा करना) और आईटी अधिनियम की धारा 66 ( इलेक्ट्रॉनिक संचार के माध्यम से असंवेदनशील जानकारी भेजना) और धारा 67 (अश्लील संदेश भेजना) के तहत एफआईआर दर्ज कराई है।
UPDATE: An FIR has been registered by Cyber Police (South East Delhi) on the basis of my complaint with IPC sections 153A (Promoting enmity on grounds of religion etc), 153B (Imputations prejudicial to national-integration), 354A & 509 for sexual harassment. #BulliDeals pic.twitter.com/dJ1mspyiGI
— Ismat Ara (@IsmatAraa) January 2, 2022
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि यह शब्द ‘बुली ऑफ द डे’ महिलाओं का वस्तुकरण करने और उन्हें कमतर करने की मंशा से किया गया है। उन्होंने पुलिस से इस वेबसाइट के संबंध में साजिश की जांच करने का भी अनुरोध किया है
इस्मत ने अपनी शिकायत में कहा है, “सार्वजनिक अभिव्यक्ति का प्लेटफॉर्म होने की वजह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल समाज के स्त्री विरोधी वर्गों द्वारा महिलाओं विशेष रूप से मुस्लिम महिलाओं को नीचा दिखाने और उन्हें अपमानित करने के लिए नहीं किया जा सकता।”
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उन्होंने शिकायत में आगे कहा है, “यह देखना वास्तव में निराशानजक है कि नफरत फैलाने वाले ये लोग बिना किसी डर के मुस्लिम महिलाओं को निशाना बना रहे हैं और उन्हें दंडित भी नहीं किया जा रहा।”
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर कहा, “गिटहब ने जानकारी दी है कि इस साइट को होस्ट करने के लिए जिम्मेदार यूजर को ब्लॉक कर दिया है।” वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “गिटहब द्वारा एप्प को हटाना ही पर्याप्त नहीं है। दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “मैंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री माननीय अश्विनी वैष्णव जी से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का कई बार आग्रह किया जो सुल्लीडील्स जैसे प्लेटफार्म के जरिये महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। शर्म की बात है कि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।”
अब इस मामले पर फिल्म गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने धर्म संसद और 100 महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के बारे में ट्वीट कर सरकार से सवाल किए हैं। एप्प को लेकर जावेद अख्तर ने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल किए हैं।
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उन्होंने लिखा है, “सौ महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी हो रही है, तथाकथित धर्म संसद सेना और पुलिस को लगभग 20 करोड़ भारतीयों के नरसंहार की सलाह दे रही है। मैं हर एक की चुप्पी, खास तौर पर प्रधानमंत्री की चुप्पी से हैरान हूं। क्या यही है सब का साथ है?”
There is an online auction of hundred women There are so called Dharm Sansads , advising the army the police n the people to go for the genocide of almost 200 MLN Indians .I am appalled with every one ‘s silence including my own n particularly of The PM . Is this Sub ka saath ?
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 3, 2022
The moment I raised my voice against the online auction of women n those glorifying Godse n preaching genocide to the army police n people some bigots have started abusing my great great grand father a freedom fighter who died in kala pani in 1864 What do you say to such idiots
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 4, 2022
बहरहाल, Bulli Bai और Sulli Deals एप्प दोनों में ही कोई अंतर नहीं है। इन दोनों एप्प्स का मकसद एक ही है मुस्लिम महिलाओं का मानसिक और शारीरिक शोषण करना। दोनों एप्प्स के नाम भी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आपत्तिजनक शब्द हैं। दोनों पर ही मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें और डीटेल्स अपलोड की गईं। महिलाओं के ट्विटर/इंस्टाग्राम/फेसबुक से जानकारियां और पर्सनल फोटो चोरी कर डाली गईं।
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