Category: <span>एंटरटेनमेंट</span>

Home एंटरटेनमेंट
ये है देओल फैमली, सन्नी के बर्डडे पर जानें- क्यों ग्लैमर इंडस्ट्री से दूर रहता है परिवार
Post

ये है देओल फैमली, सन्नी के बर्डडे पर जानें- क्यों ग्लैमर इंडस्ट्री से दूर रहता है परिवार

बॉलीवुड एक्टर सन्नी देओल आज (19 अक्टूबर) अपना 65वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। बॉबी देओल ने इस खास मौके पर अपने भैया को एक प्यारा-सा मेसेज सेंड किया और बर्डडे विश किया है। साथ में उन्होंने अपनी दोनों बहन अजीता देओल और विजेता देओल के साथ एक प्यारी-सी तस्वीर भी शेयर की है। जिसमें...

सबकुछ बिकने और बेचे जाने के दौर में फिल्म ‘मंथन’ देखनी चाहिए
Post

सबकुछ बिकने और बेचे जाने के दौर में फिल्म ‘मंथन’ देखनी चाहिए

सहकारिता समाजवाद का गोमुख है। एक समतावादी समाज का निर्माण उसके सदस्यों के पारस्परिक सहयोग और भाईचारा से ही सम्भव है। प्राकृतिक संसाधनों और उससे निर्मित उत्पादों का नियंत्रण एवं नियमन समाज के सदस्यों द्वारा किए जाने पर ही प्रत्येक व्यक्ति को उसके योगदान के अनुरूप प्रतिफल प्राप्त हो सकता है। सभ्यता के प्रारंभिक मंज़िल...

अनुराग कश्यप की बेटी ने किया खुलासा, बचपन में अधेड़ आदमी ने किया था सेक्शुअल हैरास
Post

अनुराग कश्यप की बेटी ने किया खुलासा, बचपन में अधेड़ आदमी ने किया था सेक्शुअल हैरास

बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप की बेटी आलिया कश्यप सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। उन्होंने हाल ही में इनरवियर के प्रचार के लिए फोटोशूट करवाया था जिसकी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की थीं। जिसके बाद से आलिया को रेप तक की धमकी मिली थी। लेकिन अब आलिया ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर...

कोरोना आने से पहले ही हॉलीवुड ने कर दिया था आगाह, बन चुकी है ये मूवीज
Post

कोरोना आने से पहले ही हॉलीवुड ने कर दिया था आगाह, बन चुकी है ये मूवीज

हम सब अक्सर आस-पास हो रहे गतिविधियों या अपराधों को देखते हुए भी नजरअंदाज कर देते हैं। वहीं जब हम कोई फिल्म को देखते हैं तो इंस्पायर हो जाते हैं। आज कोरोना पूरे दुनिया को अपने चपेट में ले चुका है। ऐसे समय में सवाल उठाया जा रहा है कि इतनी बड़ी महामारी आने वाली...

जब प्राण ने फिल्म ‘पाकीज़ा’ के साथ बेईमानी होने पर अपना पुरस्कार लौटा दिए
Post

जब प्राण ने फिल्म ‘पाकीज़ा’ के साथ बेईमानी होने पर अपना पुरस्कार लौटा दिए

बॉलीवुड के मशहूर खलनायक प्राण साहब अपनी सीट पर बड़ी बेचैनी के साथ पहलू बदल रहे थे। 1973 में बॉम्बे में फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह का कार्यक्रम चल रहा था जिसमें फिल्म सितारों का सैलाब उतर आया था। बीते साल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का पुरस्कार पाने वाले सितारों के चेहरे खुशी से चमक रहे थे। तारीफों के...

जब लता मंगेशकर को जहर देकर मारने की कोशिश की गई
Post

जब लता मंगेशकर को जहर देकर मारने की कोशिश की गई

उस दिन सुबह-सवेरे रियाज के लिए उठने वाली लता मंगेशकर को गैर-मामूली तौर पर पेट में दर्द महसूस हुआ। यह तकलीफ उन्हें कई दिनों से हो रही थी, जिसे वह मुसलसल नजर अंदाज करती आ रही थीं। पहले-पहले तो उन्हें ख्याल यही आया कि गानों के लगातार रिकॉर्डिंग और वक्त-बे-वक्त खाने की वजह से मुमकिन...

धरती के लाल : ख़्वाजा अहमद अब्बास की समानता और शोषण से मुक्ति का स्वप्न
Post

धरती के लाल : ख़्वाजा अहमद अब्बास की समानता और शोषण से मुक्ति का स्वप्न

1943 का बंगाल का अकाल भीषण त्रासदी थी। लगभग तीस लाख लोग भूख से काल कलवित हो गए थे। माना जाता है कि यह त्रासदी प्राकृतिक कम मानव निर्मित अधिक थी। चावल के उत्पादन में उल्लेखनीय कमी नहीं होने के बावजूद द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियों के चलते ब्रिटिश सरकार की अदूरदर्शिता के कारण, बर्मा पर...

कस्बाई मध्यवर्गीय जीवन का अंतर्द्वंद्व है रितुपर्णो घोष की फिल्म ‘रेनकोट’
Post

कस्बाई मध्यवर्गीय जीवन का अंतर्द्वंद्व है रितुपर्णो घोष की फिल्म ‘रेनकोट’

कस्बाई क्षेत्र का मध्यवर्गीय जीवन अजीब द्वंद्व से घिरा होता है। इच्छाएं बड़ी मगर सुविधाओं के नहीं होने से उलझने बढ़ती जाती हैं। युवावस्था की रोमानियत यथार्थ के धरातल से टकराने पर सहसा उसे स्वीकार नहीं कर पाती। मगर यथार्थ को इंकार करने से वह बदल नहीं जाता। इसलिए विडंबनाएं होती हैं, दिल टूटते हैं...

आमिर खान ने ऐसा क्या किया जिसकी वजह से दिव्या भारती बाथरूम में घंटों रोईं?
Post

आमिर खान ने ऐसा क्या किया जिसकी वजह से दिव्या भारती बाथरूम में घंटों रोईं?

आमिर खान को परफेक्शनिस्ट माना जाता है। अभिनय की बात हो या फिर फिल्म चुनने की क्षमता, उन्हें बाकी कलाकारों से बिल्कुल अलग कर देती है। आमिर निजी जिंदगी में भी बहुत व्यवहारिक व्यक्ति माने जाते हैं। उन्होंने अपने इस परफेक्शन के चक्कर में कइयों को रुला भी चुके हैं। अपने समय की टॉप एक्ट्रेस...

फिल्म ‘तीसरी कसम’ : न कोई इस पार हमारा, न कोई उस पार
Post

फिल्म ‘तीसरी कसम’ : न कोई इस पार हमारा, न कोई उस पार

रेणु की चर्चित कहानी ‘तीसरी कसम उर्फ़ मारे गए गुलफ़ाम’ पर आधारित फिल्म ‘तीसरी कसम'(1966) की काफ़ी चर्चा होती रही है। फिल्म के निर्माता गीतकार शैलेन्द्र थे।उन्होंने बहुत उत्साह और जोख़िम से फिल्म का निर्माण कराया था, मगर अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर काफ़ी आहत भी हुए थे, जिसकी एक अलग कहानी है। कहानी और...