वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की उत्तर भारत के कई राज्यों में पूजा की जाती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती है। लेकिन क्या आपको पता है इस पेड़ में कई औषधीय तत्व भी होते हैं। जी, हाँ बरगद के पेड़ के फल में प्राकृतिक खनिज होते हैं। जो उच्च रक्तचाप को कम करने और कोरोनरी हृदय रोग को रोकने के लिए बहुत कारगर है।
बरगद के पेड़ का फल फिकस कैरिका प्रजाति का होता है। इस पेड़ के फल, पत्तियां और तो और जड़ सब में पौष्टिक तत्व होते हैं। कैलिफोर्निया फिग एडवाइजरी बोर्ड के मुताबिक, बरगद के फल के प्रत्येक 100 ग्राम में ढेर सारा पोषण होता है। बरगद के फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व हैं-
- ऊर्जा – 259 कैलोरी
- कार्बोहाइड्रेट – 63.87 ग्राम
- चीनी – 47.92 ग्राम
- फाइबर – 9.8 ग्राम
- वसा – 0.93 ग्राम
- प्रोटीन – 3.30 ग्राम30
- थायमिन (विटामिन बी1) – 0.085 मिलीग्राम
- नियासिन (विटामिन बी3) – 0.619 मिलीग्राम
तो वहीं इनके पत्तियों में भी प्रोटीन 9.63 फीसद, फाइबर 26.84 फीसद, कैल्शियम 2.53 फीसद और फास्फोरस 0.4 फीसद पाया जाता है। इसलिए बरगद के पेड़ की जड़, पत्तियां, दूध और फल सभी स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।
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हार्ट अटैक से बचाव

हार्ट अटैक की समस्या आज के समय में बहुत बढ़ गई है। यह वसा के अलावा धमनी को बंद कर देता है, हृदय रोग जैसे कोरोनरी हृदय रोग मानव के उच्च सोडियम स्तर के कारण हो सकता है। उच्च सोडियम स्तर धमनी को संकुचित करता है और पूरे शरीर में रक्त के वितरण को धीमा कर देता है।
ऐसे में बरगद के पेड़ के फल के पोषण मूल्य के बारे में शोध के आधार पर, पाया गया है कि बरगद के फल में उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है, जो शरीर के सोडियम स्तर को कम करने के लिए अच्छा होता है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, ओमेगा 3 और 6 जैसे प्राकृतिक खनिज भी होते हैं और पॉलीफेनॉल जो रक्तचाप को कम करने और कोरोनरी हृदय रोग को रोकने के लिए उपयोगी होता है।
इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि बरगद के पेड़ के फल का सेवन दिन में कम से कम एक बार करना चाहिए। ऐसा करने से अचानक दिल का दौरा पड़ने का खतरा नहीं होगा।
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बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्ट

इम्युनिटी हमें बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। एनसीबीआई के मुताबिक, इसकी पत्तियों में कुछ खास तत्व जैसे- हेक्सेन, ब्यूटेनॉल, क्लोरोफॉर्म और पानी मौजूद होता है। ये सभी तत्व संयुक्त रूप से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होते हैं। इसलिए ही बरगद के पेड़ की छाल को एक अच्छा प्रतिरक्षा बढ़ाने वाला एजेंट माना गया है।
दस्त-पेचिश में लाभकारी

बरगद के पत्ते की कलियां भी बहुत फायदेमंद होती है। पुराने दस्त और पेचिश के इलाज में काम आती है। जिस किसी को भी ऐसी दिक्कत हो वो बरगद के पेड़ के पत्ते की कलियों को रात भर पानी में भिगोकर रख दें। और सुबह उस पानी को पी जाएं।
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वजन घटाने में मददगार

आपको जानकर हैरानी होगी कि बरगद के पेड़ का फल जादुई रूप से वजन बढ़ाने और घटाने दोनों में ही सक्षम है। अगर किसी को वजन बढ़ाना है तो वो व्यक्ति सोने से ठीक पहले बरगद के पेड़ के फलों के रस का नियमित रूप से दूध के साथ सेवन करें। वहीं वजन कम करना हो तो बरगद के पेड़ के फलों का जूस बिना दूध और चीनी के पी लें। साथ ही नियमित व्यायाम भी करें।
कम करता है डिप्रेशन

डिप्रेशन की समस्या आज आम हो गई है। डिप्रेशन की समस्या हो तो ऐसे में वो डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें। हम बस एनसीबीआई के छपे लेख के अनुसार बता रहे हैं कि बरगद पर किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि बरगद के संपूर्ण पेड़ में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो मानसिक क्षमता को बढ़ाने के साथ चिंता और तनाव की समस्या को दूर करने में सक्षम हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि यह दिमाग की नसों को भी आराम पहुंचाता है।
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शुगर कंट्रोल में लाभकारी

बरगद के पेड़ का फल अपनी मिठास के लिए जाना जाता है। ये सभी जानते हैं कि शुगर पेशेंट को मीठा सख्त मनाही होती है। लेकिन बरगद के पेड़ का फल मीठा होने के बावजूद इसमें मौजूद फ्रुक्टोज और ग्लूकोज ब्लड शुगर को नहीं बढ़ाता। यही नहीं फ्रुक्टोज और ग्लूकोज के अलावा बरगद के पेड़ के फल में असंतृप्त फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं, पाचन तंत्र पर अतिरिक्त चीनी अवशोषण की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। साथ ही इसमें मौजूद पोटेशियम भोजन के बाद अवशोषित चीनी की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए शुगर पेशेंट वालों के लिए इसका फल लाभकारी माना जाता है।
नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।
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