कुछ चीजें या आदतें हैं जो पहली नज़र में बहुत हानिकारक नहीं लगती हैं, लेकिन समय के साथ आपके शरीर को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। ये आदतें इतनी हानिरहित लगती हैं कि ज्यादातर लोग इन्हें अपनाने से नहीं हिचकिचाते और न ही इन्हें अपने नुकसान का एहसास होता है। उनके बारे में जानकर आप हैरान या परेशान हो सकते हैं।
नाखून चबाते रहना

आपने देखा होगा कि बहुत से लोगों को नाखून चबाने की आदत होती है, इसे अच्छी आदत नहीं बल्कि बुरी तरह की लत माना जाता है। हालांकि, यह आदत नाखूनों को नुकसान पहुंचा सकती है और स्किन के उस हिस्से को संक्रमित भी करता है। स्किन संक्रमण शरीर के अन्य भागों में फैल सकती है और श्वसन रोगों और अन्य संक्रमणों का कारण बन सकती है और हाँ यह आदत दांतों को नुकसान या टूटने का कारण भी बन सकती है।
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पेशाब को रोक कर रखना

लंबे समय तक पेशाब रोकने वाले लोगों की कमी है, लेकिन सवाल यह है कि इस आदत से कोई नुकसान नहीं होता है? चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा करने की आदत से मूत्राशय, गुर्दे और आंतों में संक्रमण हो सकता है। मेडिकल रिसर्च रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंबे समय तक ऐसा करने से ब्लैडर में फैलाव होता है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
च्यूइंग गम चबाते रहना

गंध को दूर रखने या तनाव कम करने के लिए आप चाहे तो हर समय गम चबा सकते हैं, लेकिन यह आदत जबड़े पर बहुत दबाव डालती है, जिससे जबड़े में दर्द और परेशानी हो सकती है। उसी तरह च्युइंग गम पेट को हवा से भर देता है जिससे उसके रोग हो सकते हैं। इसके अलावा ये दांतों में जर्म की मात्रा को भी बढ़ाता है जिससे इसके खराब होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
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ब्रश नहीं करना

क्या आप रात को सोने से पहले अपने दांतों की सफाई नहीं करते हैं। दरहकीकत ब्रश न करना या ब्रश करना आपके विचार पर निर्भर करते हैं लेकिन सुबह-शाम यानी ब्रश न करना एक आदत है। इससे दांतों के तेजी सड़ने का खतरा बढ़ जाता है। जबकि इससे कई संक्रमण और हृदय रोग हो सकते हैं। मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंह में बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं और रक्त वाहिकाओं में सूजन पैदा कर सकते हैं, इसलिए इस क्षति से बचने के लिए दिन में दो बार ब्रश करना और दिन में एक बार ब्रश करना आवश्यक है।
कंप्यूटर के सामने बैठे रहना

चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, आजकल ज्यादातर लोग कंप्यूटर स्क्रीन को देखने में 7 से 8 घंटे बिताते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से पीड़ित होते हैं। जबकि आंख के कॉर्निया को नुकसान होने से भी आंखों में दर्द होता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि हर 20 मिनट में 20 मिनट के अंतराल पर किसी चीज को 20 फीट की दूरी पर देखें। बीच-बीच थोड़ा चहलकदमी करें। मुंह धोया करें।
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बहुत देर तक बैठना

दिनभर स्क्रीन के सामने बैठे रहना या किसी ऐसा दूसरे कारणों से भी ऐसा करना; सेहत के लिए हानिकारक है। इस धीमी लाइफस्टाइल से मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्किन एजिंग और कैंसर समेत किडनी की बीमारियां हो सकती हैं। अगर आपको काम के लिए बहुत देर तक बैठे रहना पड़ता है तो फिर बीच-बीच में टहलते रहें। पानी जरूर पिएं। न अधिक खाकर बैठे न बिना खाए काम करने बैठें।
अपनी पीठ नीचे रखना

चाहे आप बैठे हों या खड़े, अपनी पीठ को मोड़कर रखने से बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो इस स्थिति से सिर और गर्दन पर भार बढ़ जाता है, जिससे सिरदर्द अधिक आम हो जाता है। उसी तरह यह आदत भी पीठ के लिए हानिकारक होती है, क्योंकि पेल्विस को अपनी जगह से हिलाने से तेज दर्द होता है। शरीर को झुका कर या गर्दन को लटकाकर बैठने से पेट और कब्ज सहित अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है। गैस की समस्या होती है। गर्दन और पीठ दर्द का सम्भावना बढ़ जाती है।
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कंधे पर बैग लटकाए रखना

महिलाओं के लिए एक बड़ा पर्स उन्हें किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखने में मदद करता है। लेकिन अगर वे हर समय एक कंधे पर लटकी रहती हैं तो यह उनके स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, जब एक भारी बैग एक तरफ लटका दिया जाता है, तो यह गर्दन के एंगल को प्रभावित करता है और नसों पर दबाव बढ़ाता है, जिससे झुनझुनी, अंगों का सुन्न होना और कंधों और बाहों में दर्द होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बहुत समय हो जब आपके पास यह बैग हमेशा एक तरफ लटका रहे।
ऊँची हील के जूते या स्लिपर बनना

ऊँची हील के जूते, जूती या स्लिपर पहनना कुछ लोगों के लिए फैशन होता है। खासकर महिलाएं ऐसा करती हैं। इसके पैरों और शरीर पर विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। जैसे- पैरों, घुटनों, कूल्हों और पीठ में दर्द होना। क्योंकि प्राकृतिक तौर पर हमारा शरीर ऐसी ऊँची एड़ी के जूते-चपल पहनकर चलने के लिए नहीं बना है। ये पैर को हड्डियों तो भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
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कम नींद लेना या देर तक जगना

आजकल नींद नहीं आना एक आम समस्या है। ऐसा होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। चाहे वह काम की वजह से थकान हो या किसी तरह का तनाव। या फिर देर रात तक मोबाइल जैसे गैजेट पर समय बिताना। सही समय पर नहीं होने और पूरी नींद नहीं लेने के चलते कई तरह की शारीरिक दिक्कतें सामने आती हैं। अगर नहीं सो पाए तो पूरा दिन उनका चिड़चिड़ाहट में गुजरता है। एकाग्रता की कमी आती है। हृदय रोग होता है। साथ ही मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता। इसके अलावा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। एक सोध के मुताबिक, नींद कम लेने से जिंदगी 12 फीसदी कम हो जाता है।
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