Category: <span>ओपिनियन</span>

Home ओपिनियन
सत्यजीत राय की फिल्म ‘सद्गति’ यानी मृत्यु की सही गति अर्थात ‘मोक्ष’ की प्राप्ति
Post

सत्यजीत राय की फिल्म ‘सद्गति’ यानी मृत्यु की सही गति अर्थात ‘मोक्ष’ की प्राप्ति

प्रेमचंद तत्कालीन समाज के कुशल चितेरे हैं। वे समाज के अंतर्विरोधों, विडम्बनाओं से आँख नहीं चुराते बल्कि जोखिम की हद तक ‘नंगी सच्चाई’ को उजागर करते हैं। वे चाहते तो कइयों की तरह निजी सुख-दु:ख और व्यक्तित्व के मनोवैज्ञानिक चित्रण तक सीमित रह सकते थे, लेकिन उन्होंने दूसरा रास्ता चुना। उनकी बहुत-सी कहानियां अपने समय...

हमें अपने भीतर आध्यात्मिक गुणों का विकास करना होगा
Post

हमें अपने भीतर आध्यात्मिक गुणों का विकास करना होगा

हम यह अच्छी तरह जानते हैं कि मानव जीवन दुर्लभ है और हमें अपने जीवन को सुंदर से सुंदर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। शास्त्रों में मानव शरीर को बहुमूल्य कहा गया है और यहां तक कहा गया है कि 8400000 योनियों में सर्वाधिक श्रेष्ठ मानव योनि है और हमें अपने मानव...

अरुंधति रॉय का लेख: पेगासस साधारण जासूसी नहीं, लोकतंत्र के ताबूत में कील है
Post

अरुंधति रॉय का लेख: पेगासस साधारण जासूसी नहीं, लोकतंत्र के ताबूत में कील है

भारत में मौतों का मनहूस मौसम बड़ी तेज़ी से जासूसी के मौसम में बदलता हुआ दिखायी दे रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर उतर गयी है, और अपने पीछे छोड़ गयी है अंदाज़न 40 लाख भारतीयों की मौत। मौतों का आधिकारिक आंकड़ा इसका दसवां हिस्सा है– चार लाख। नरेंद्र मोदी की इस खौफ़नाक हुकूमत...

स्वामी सहजानंद : तीसरी दुनिया के जनांदोलनों के ऑर्गेनिक इंटेलेक्चुअल
Post

स्वामी सहजानंद : तीसरी दुनिया के जनांदोलनों के ऑर्गेनिक इंटेलेक्चुअल

अभी हाल में सवर्ण जाति के लोगों के नरंसहार, सेनारी नरसंहार, के अभियुक्त साक्ष्य के अभाव में अदालत से बरी हो गए। अब तक पिछड़ी व दलित जातियों के नरसंहार के सवर्ण आरोपी ही दोषमुक्त होते रहे हैं। लेकिन पहली बार सवर्ण जाति के किसानों के नरसंहार के अभियुक्तों (मुख्यतः पिछड़े-दलित तबके से आने वाले)...

मोदी सरकार ने UAPA कानून को बनाया हथियार, मुसलमानों के खिलाफ सबसे ज्यादा इस्तेमाल
Post

मोदी सरकार ने UAPA कानून को बनाया हथियार, मुसलमानों के खिलाफ सबसे ज्यादा इस्तेमाल

ग़ैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किए गए पिंजरा तोड़ संगठन की कार्यकर्ताओं देवांगना कलीता, नताशा नरवाल और जामिया के छात्र आसिफ इक़बाल तन्हा को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा ज़मानत फिर इस फैसले को दिल्ली पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती ने इस कानून को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।...

कम्युनिस्ट नैतिकता के बिना आर्थिक समाजवाद मुझे आकर्षित नहीं करता
Post

कम्युनिस्ट नैतिकता के बिना आर्थिक समाजवाद मुझे आकर्षित नहीं करता

पीठ पर बंधे थैले के वजन से दब कर वे जमीन पर गिर पड़े। किसी तरह बैठने के बाद थैले को उन्होंने मुश्किल से उतारा। अपनी डायरी के लिए थैले के अंदर हाथ डाल टटोला। थैले के बाकी चीजों के बीच डायरी थोड़ी छुपी सी थी। उन्होंने इलाके के भौगौलिक नक्शे को पीछे किया। इस...

किशोरी प्रसन्न सिंह : एक ईमानदार और सच्चा स्वतंत्रता सेनानी
Post

किशोरी प्रसन्न सिंह : एक ईमानदार और सच्चा स्वतंत्रता सेनानी

सात दिसंबर 1920 को महात्मा गाँधी हाजीपुर आने वाले थे। जहाँ उनकी सभा होनी थी, स्टेशन से वहाँ तक जाने का रास्ता ठीक नहीं था। उस रास्ते को ठीक करने के लिए छात्रों का एक समूह अपने शिक्षक के नेतृत्व में लगभग तीस किलोमीटर दूर से सभा के एक दिन पहले यानी छह दिसंबर को...

वेलेंटाइन डे और पप्पू जी
Post

वेलेंटाइन डे और पप्पू जी

प्रेम का आयातित पर्व ‘वेलेन्टाइन डे’ जैसे-जैसे निकट आता जा रहा था, पप्पू जी के दिल का रोमांच दिन-दूनी और रात चौगुनी गति से बढ़ता जा रहा था। पप्पू जी के पिता जी दिल्ली के खेल विभाग में अधिकारी थे और फिलहाल कॉमनवेल्थ घोटाले की वजह से तिहाड़ जेल में कैद थे। उनकी मां एक...

पत्रकारिता और लोकतंत्र समर्थकों को न्यूजक्लिक पर हुए हमले की निंदा करनी चाहिए
Post

पत्रकारिता और लोकतंत्र समर्थकों को न्यूजक्लिक पर हुए हमले की निंदा करनी चाहिए

मैं पत्रकारों पर हमले, कार्यकर्ताओं और लेखकों की गिरफ्तारी के बारे में पढ़ती रही हूँ और देख रही हूँ कि असहमति के सभी लोकतांत्रिक जगहों को कैसे समाप्त किया जा रहा है। 2010 से 2020 के बीच 150 से अधिक पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया, हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की गई, पत्रकार...

व्यंग्य | सोशल मीडिया पर रहता हूँ, मैं चितकबरा हूँ
Post

व्यंग्य | सोशल मीडिया पर रहता हूँ, मैं चितकबरा हूँ

मुझे पता है कि चुनाव क्या होता है। मुझे ये भी पता है कि चुनाव में मतदान किसे करना है। मैं ये भी जानता हूँ कि ईवीएम में किसके नाम की बत्ती जलानी है और बाहर आकर दोस्तों से क्या बताना है। आप लोगों को लग रहा होगा कि सिर्फ नेता ही चितकबरा होते हैं।...