Author: Manoj Kumar Jha (मनोज कुमार झा)

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वेलेंटाइन डे और पप्पू जी
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वेलेंटाइन डे और पप्पू जी

प्रेम का आयातित पर्व ‘वेलेन्टाइन डे’ जैसे-जैसे निकट आता जा रहा था, पप्पू जी के दिल का रोमांच दिन-दूनी और रात चौगुनी गति से बढ़ता जा रहा था। पप्पू जी के पिता जी दिल्ली के खेल विभाग में अधिकारी थे और फिलहाल कॉमनवेल्थ घोटाले की वजह से तिहाड़ जेल में कैद थे। उनकी मां एक...

मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने में वामपंथियों की रही आत्मघाती भूमिका
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मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने में वामपंथियों की रही आत्मघाती भूमिका

अब भारत में वामपंथी राजनीति का पूरी तरह पराभव हो गया है। वामपंथी राजनीति पतन के जिस गर्त में डूब चुकी है, उससे अब उसका निकल पाना फिलहाल संभव नहीं लग रहा है। आज वामपंथी राजनीति जिस हालत में पहुंच गई है, उसके पीछे ऐतिहासिक कारण रहे हैं। भारत में जब वामपंथ का उदय हुआ...

इंटरव्यू: जीवन से सीधा और सधा हुआ साक्षात्कार है त्रिलोचन का काव्य
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इंटरव्यू: जीवन से सीधा और सधा हुआ साक्षात्कार है त्रिलोचन का काव्य

त्रिलोचन हिंदी की प्रगतिशील काव्य-धारा के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कवियों में हैं। उनकी कविताओं में लोक-जीवन की अभिव्यक्ति हुई है। वे सामान्य जन के कवि हैं। उन्होंने स्वयं लिखा है- उस जनपद का कवि हूँ जो भूखा है दूखा है कला नहीं जानता…। आलोचकों ने त्रिलोचन को लोकजीवन से जुड़ा मानने के साथ ही शास्त्रीय परम्परा...

घटिया मनोरंजन का साधन बनती जा रही हैं समाचार वेबसाइट्स
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घटिया मनोरंजन का साधन बनती जा रही हैं समाचार वेबसाइट्स

िंदी में वेब पत्रकारिता को शुरू हुए ज्यादा साल नहीं हुए हैं, पर प्राय: सभी बड़े-छोटे मीडिया समूहों ने अपनी वेबसाइटें शुरू कर दी हैं। इंटरनेट के प्रसार और इंटरनेट डाटा के लगातार सस्ता होते चले जाने के कारण वेबसाइटों की पहुंच भी लोगों तक लगातार बढ़ती जा रही है।