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आर्यन केस में नया मोड़, गोसावी के बॉडीगार्ड का दावा, खाली कागज पर जबरन साइन करवाया
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आर्यन केस में नया मोड़, गोसावी के बॉडीगार्ड का दावा, खाली कागज पर जबरन साइन करवाया

बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से संबंधित मुंबई क्रूज ड्रग्स केस नया मोड़ आ गया है। फरार किरण वी. गोसावी के बॉडीगार्ड प्रभाकर सैल ने एक नोटरीकृत हलफनामे में चौंका देने वाले खुलासे किए हैं। ऑर्थर रोड जेल में बंद आर्यन खान को लेकर किरण गोसावी के बॉडीगार्ड ने खुलासा किया है...

महात्मा गाँधी के रास्तों पर चलकर ही आदर्श भारत और शराबबंदी का मार्ग प्रशस्त
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महात्मा गाँधी के रास्तों पर चलकर ही आदर्श भारत और शराबबंदी का मार्ग प्रशस्त

विश्व में अनेक महापुरुष अवतरित हुए हैं जिनकी शिक्षा ने संसार के प्रत्येक जनमानस को प्रभावित किया है। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। भारतीय सामाजिक परिदृश्य में महात्मा गाँधी के विचारों ने आमजन के मन-मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ी है। गाँधी भारतीय परिवेश में हमेशा प्रासंगिक रहे हैं। उनके विचारों से प्रेरणा लेकर हजारों...

नियंत्रण खो रही कांग्रेस, अब केंद्रीय नेतृत्व को मजबूत होना होगा
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नियंत्रण खो रही कांग्रेस, अब केंद्रीय नेतृत्व को मजबूत होना होगा

कांग्रेस पार्टी भारत का सबसे पुराना राजनीतिक दल है, जिसने आजादी के बाद से लगातार लंबे समय तक केंद्र में सरकार चलाई है परन्तु हम देखते हैं कि इंदिरा गांधी के बाद से कांग्रेस पार्टी लगातार कमज़ोर होती आई है और आज इस स्तर पर पहुंच गई है कि हर नेता अपनी मर्जियां चला रहा...

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की वैचारिक दृष्टि
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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की वैचारिक दृष्टि

रामधारी सिंह दिनकर के दृष्टिकोण को परस्पर दो प्रमुख विचारधाराओं के परिप्रेक्ष्य में रखकर समझा जा सकता है। उनके दृष्टिकोण का पहला ध्रुव मार्क्सवाद है और दूसरा ध्रुव गांधीवाद है। वे विचारधाराओं के इन्हीं दो ध्रुवों के बीच आजीवन आवाजाही करते रहे हैं। अनेक अवसरों पर गांधी से उनकी असहमतियां भी प्रकट हुई हैं, इसलिए...

जयंती विशेष: समय की सलीबों पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’
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जयंती विशेष: समय की सलीबों पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’

मौजूदा समय में दिनकर की ‛राष्ट्रवाद’ संबंधी समझ को दृढ़ता के साथ रेखांकित करने की जरूरत है क्योंकि हिंदुत्ववादी शक्तियां उनकी राष्ट्रीय भावों की ओजपूर्ण कविताओं के सहारे अपने अंधराष्ट्रवाद के अभियान को साधना चाहती हैं। यह अकारण नहीं है कि हिमालय के शिखरों पर चढ़कर उनकी कविताओं के ‛आलाप’ किए जा रहे हैं। ऐसा...

संस्मरण : सैयद अली शाह गिलानी- कश्मीर में अलगाववाद के प्रतीक
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संस्मरण : सैयद अली शाह गिलानी- कश्मीर में अलगाववाद के प्रतीक

1 सितम्बर 2021 को पाकिस्तान में जम्मू और कश्मीर के विलय के समर्थक और अलगाववाद के नेतृत्व का सैयद अली शाह गिलानी के देहावसान के साथ एक युग का अंत है। वो 92 वर्ष के थे। गिलानी साहब ‘जमात-ए-इस्लामी’ के सदस्य रहे, विधानसभा के भी सदस्य रहे, हुर्रियत कांन्फ्रेंस में रहे और उससे अलग होकर...

कार्यानन्द शर्मा: सोशलिस्ट से कम्युनिस्ट बनने वाला किसान नेता
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कार्यानन्द शर्मा: सोशलिस्ट से कम्युनिस्ट बनने वाला किसान नेता

प्रख्यात किसान नेता कार्यानन्द शर्मा की 120 वीं जयन्ती-17 अगस्त, के अवसर पर। भाग-2 बड़हिया टाल के संघर्ष का काल 1937-39 है। देश की राजनीति में यह काल बेहद हलचलों से भरा था। 1937 में श्रीकृष्ण सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बन चुकी थी (1935 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के तहत)। मुंगेर...

कम्युनिस्ट किसान नेता जिसने गांधी हत्या की भविष्यवाणी की थी
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कम्युनिस्ट किसान नेता जिसने गांधी हत्या की भविष्यवाणी की थी

आज प्रख्यात किसान नेता कार्यानन्द शर्मा की 120वीं जयंती है। बिहार के पुराने मुंगेर व सन्थाल परगना जिले को अपना कार्यक्षेत्र बनाने वाले कार्यानन्द शर्मा महान क्रांतिकारी किसान नेता स्वामी सहजानन्द सरस्वती के सबसे अनन्य सहयोगियों में माने जाते हैं। कार्यानन्द शर्मा के नेतृत्व में चलाए गए मुंगेर व सन्थाल परगना जिले में चानन व...

वर्तमान और भविष्य के बीच संघर्ष का नाम है क्रांति- फिदेल कास्त्रो
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वर्तमान और भविष्य के बीच संघर्ष का नाम है क्रांति- फिदेल कास्त्रो

आज लैटिन अमेरिकी महादेश के विश्विविख्यात क्रांतिकारी फिदेल कास्त्रो का जन्म 95 वां दिन है। पिछले दिनों जिस ढंग से अमेरिका ने क्यूबा में दखल देने की कोशिश कर सत्ता परिवर्तन के लिए प्रयास कर रही है वैसे में फिदेल कास्त्रो की स्मृति न सिर्फ क्यूबा बल्कि समूची दुनिया में साम्राज्यवाद विरोधी संघर्षों को आवेग...

फिल्म ‘बंदिनी’ : मेरे साजन हैं उस पार, मैं मन मार, हूँ इस पार
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फिल्म ‘बंदिनी’ : मेरे साजन हैं उस पार, मैं मन मार, हूँ इस पार

मानवता और प्रेम मनुष्य मात्र की सहजवृत्ति है, मगर मातृत्व की अतिरिक्त क्षमता के कारण और उससे जनित जैविक-मनोवैज्ञानिक कारणों से भी स्त्रियों में ममत्व और करुणाशीलता के अधिक उदाहरण देखे जाते हैं। निष्ठुर, स्त्री या पुरूष कोई भी हो सकता है मगर फिर भी स्त्रियों में इसके उदाहरण अपेक्षाकृत कम मिलते हैं। “स्त्री पैदा...