कार्डियक हाइपरट्रॉफी क्या है? हैवी वर्कआउट करते हैं तो हो जाएं होशियार

कार्डियक हाइपरट्रॉफी क्या है? हैवी वर्कआउट करते हैं तो हो जाएं होशियार

कार्डियक हाइपरट्रॉफी (Cardiac Hypertrophy) एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जो हार्ट मसल्स को प्रभावित करती है। इसमें मरीज के हार्ट में स्ट्रक्चर यानी संरचनात्मक बदलाव आ जाते हैं, जिसके चलते हार्ट की मसल्स मोटी और कठोर हो जाती है। सुनने में यह स्थिति कम खतरनाक लग सकती है पर अगर इसका समय पर सही इलाज न हो तो ये कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

कार्डियक हाइपरट्रॉफी क्या है? हैवी वर्कआउट करते हैं तो हो जाएं होशियार

कार्डियक हाइपरट्रॉफी का कारण

कार्डियक हाइपरट्रॉफी के लिए ऐसी प्रतिक्रियाएं जिम्मेदार होती है जो हृदय पर अतिरिक्त तनाव डालती है। जिसमें पहला है- हाई ब्लड प्रेशर, जिसमें हार्ट को पूरे दिन ब्लड की सप्लाई करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है जिसके कारण हार्ट की मसल्स मोटी हो जाती है और ये स्थिति हाइपरट्रॉफी का कारण बन सकती है। दूसरा है- हृदय वाल्व रोग। तीसरा कारण है- वंशानुगत (हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी), इसका अलावा मोटापा, इन्फिल्ट्राटेरिव कार्डियोमायोपैथी और एथलीट शामिल है। इसके अलावा ऐसे लोग जो हैवी वर्कआउट करते हैं उन्हें कार्डियक हाइपरट्रॉफी हो सकती है जिसे ‘एथलीट का हृदय’ भी कहते हैं।

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कार्डियक हाइपरट्रॉफी का लक्षण

कार्डियक हाइपरट्रॉफी क्या है? हैवी वर्कआउट करते हैं तो हो जाएं होशियार

इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है क्योंकि स्थिति लगभग सामान्य रहती है। लेकिन जैसे जैसे स्थिति बिगड़ती है निम्न लक्षण महसूस किए जा सकते हैं:

  • सांस की तकलीफ, खासकर शारीरिक गतिविधि के दौरान।
  • थकान और कमजोरी महसूस होना।
  • सीने में दर्द या बेचैनी का एहसास होना।
  • तेज या अनियमित दिल की धड़कन का तेज या अनियमित हो जाना।
  • चक्कर आना या बेहोशी की हालत में आ जाना।

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कार्डियक हाइपरट्रॉफी का बचाव और इलाज

कार्डियक हाइपरट्रॉफी के निदान के लिए डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री चेक करने के साथ शारीरिक जांच और ब्लड टेस्ट कराते हैं। हृदय की संरचना और कामकाज सामान्य है या नहीं ये देखने के लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी), इकोकार्डियोग्राम और कार्डियक एमआरआई स्कैन का उपयोग कर सकते हैं। कार्डियक हाइपरट्रॉफी के उपचार का मुख्य उद्देश्य बीमारी का कारण जानना और लक्षणों को कंट्रोल करना है। व्यक्ति की स्थिति के आधार पर, उपचार के विकल्प निम्न हो सकते हैं:

  1. लाइफस्टाइल में बदलाव करना: संतुलित डाइट, नियमित एक्सरसाइज और वजन प्रबंधन कार्डियक हाइपरट्रॉफी को मैनेज करने में मदद करते हैं। सकते हैं। खासकर तब जब ये हाइपरटेंशन और मोटापे से संबंधित हो।
  2. दवा का सेवन: डॉक्टर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, हार्ट को अतिरिक्त प्रेशर से बचाने और हाइपरट्रॉफी के लिए जिम्मेदार स्थितियों का इलाज करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
  3. सर्जिकल स्टेप: कुछ मामलों में, खासकर तब जब हृदय वाल्व संबंधी परेशानियां शामिल होती हैं तब वाल्व रिपेयर या इसके रिप्लेसमेंट के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
  4. इंप्लांटेबल कार्डियक डिवाइस: एरिथमिया या हार्ट फेलियर वाले लोगों के लिए पेसमेकर या डिफाइब्रिलेटर जैसी इंप्लांटेबल कार्डियक डिवाइस की आवयकता हो सकती है जो हार्ट रिदम और कार्डियक फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।

कार्डियक हाइपरट्रॉफी के लिए जिम्मेदार कारणों और लक्षणों को जान-समझकर तथा अपने हार्ट कंडिशन के मुताबिक, सही लाइफस्टाइल अपनाकर कार्डियक हाइपरट्रॉफी की स्थिति से बचा और मैनेज किया सकता है।

नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।


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