अंडरकॉन्फिडेंट बनाने वाली 5 आदतें जिसे आपको जल्द छोड़ देना चाहिए

अंडरकॉन्फिडेंट बनाने वाली 5 आदतें जिसे आपको जल्द छोड़ देना चाहिए

कहता जाता है कि आप दूसरों के सामने किस तरह से बात करते हैं यह बहुत मायने रखता है। आपका आत्मविश्वास वाला बॉडी लैंग्वेज सबसे पहले आपके भीतर से आता है। इससे पहले की कोई और आपके आत्मविश्वास को घटाने या बढ़ाने का काम करे उससे पहले आपको खुद अपने भीतर आत्मविश्वास लाना चाहिए।

हर इंसान के अंदर कुछ ऐसी आदतें होती हैं या यूं कहें की बुरी आदतें होती हैं जिनसे व्यक्ति खुद को ही अंडरकॉन्फिडेंट कर लेता है। ये आदतें खुद से बात करने से जुड़ी हो सकती हैं, किसी और को अपना परिचय देने से जुड़ी हो सकती हैं या फिर किसी स्थिति में खुद को कैसे तैयार किया जाता है उसपर भी निर्भर करती हैं। तो चलिए कुछ इन्हीं आदतों के बारे में जानते हैं जिसे आप जाने-अनजाने अपना लेते हैं।

हर इंसान के अंदर कुछ ऐसी आदतें होती हैं या यूं कहें की बुरी आदतें होती हैं जिनसे व्यक्ति खुद को ही अंडरकॉन्फिडेंट कर लेता है।

खुद की हमेशा निंदा करना

बहुत से लोगों की यह आदत होती है कि वे अपनी ही निंदा करने लगते हैं। उनसे कोई कुछ कहे ना कहे लेकिन उन्हें लगता है कि वे हर काम के लिए बुरे हैं या सही चॉइस नहीं है। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ने के बजाय कम होता चला जाता है।

नकारात्मक सोच से साथ जीना

कई स्थितियों में व्यक्ति अपनी खूबियों पर ध्यान देने के बजाय सिर्फ अपनी नकारात्मक (Negative) बातों पर ध्यानकेंद्रित करने लगता है। वह क्या कर सकता है इससे ज्यादा उसकी चिंता रहती है कि वह क्या नहीं कर सकता। उसमें क्या अच्छाई है इससे ज्यादा व्यक्ति को फिक्र सताती है कि अपनी बुराइयों का वह क्या करे। कई बार हमें अपनी सकारात्मकता पर गौर करना चाहिए और नकारात्मकता को खुदपर हावी नहीं होने देना चाहिए।

खुद का ही मजाक बनाना

बहुत से लोगों की आदत होती है कि वे किसी और के कुछ कहने से पहले अपना ही मजाक उड़ाने लगते हैं। मजाक उड़ाने की यह आदत लो सेल्फ एस्टीम (Low Self Esteem) की तरफ इशारा करती है। यह आदत आत्मविश्वास कम करने वाली होती है।

तारीफ स्वीकार न करना

आपको कोई यह कहे कि आप सुंदर लग रहे हैं तो आपको थैंक्यू बोलकर तारीफ स्वीकार करनी चाहिए बजाय यह कहने के कि ‘नहीं तुम झूट कह रहे हो’ या फिर ‘नहीं मैं कहां खूबसूरत हूं’। अपने ही आप ना सिर्फ आप अपने आत्मविश्वास को कम करते हैं बल्कि दूसरे व्यक्ति को भी आपकी तारीफ करके आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने का मौका नहीं देते। इससे आप खुद को अंडरकोंफिडेंस के गड्ढे में धंसाते जाते हैं।

मुश्किल से पहले हार मान लेना

कई बार हमें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए अपनी मुश्किलों से पार पाने की जरूरत होती है। हार के डर से, जीत का सपना ना देखना गलत है। आपको कोशिश तो करनी ही चाहिए। जिंदगी में जैसे-जैसे आप चुनौतियों को पार करते जाते हैं वैसे-वैसे आपका आत्मविश्वास बढ़ता जाता है। इसके उलट जब आप चुनौतियों से भागते हैं तो आपकी यही आदत आपको अंडरकॉन्फिडेंट बनाती जाती है।


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