मुम्बई: कोरोना काल में लोगों के मसीहा बने सोनू सूद को आज कौन नहीं जानता। उन्होंने लॉकडाउन में जिस तरह से प्रवासी मजदूरों की मदद की उससे सभी के दिलों में एक अलग ही जगह बना ली। हालांकि, सभी जहन में एक ही सवाल घूमता था कि आखिर सोनू लोगों की मदद कैसे कर रहे हैं। उनके पास इतने पैसे कहाँ से आ रहे हैं।
इसका जवाब लोग अपने मुताबिक ढूंढते और सोच कर रह जाते हैं। लेकिन हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सोनू प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने, उनके खाने-पीने की व्यवस्था, लोगों के रहने के लिए घर बनवाने, लोगों के इलाज के लिए अपनी कीमती चीजों को गिरवी रखा है।
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जी हाँ, सोनू सूद ने अपनी 8 प्रॉपर्टी गिरवी रखी है। ताकि वो जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें। अपने आठ प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर उससे 10 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। उस कर्ज से लोगों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सोनू ने अपनी दो दुकानें और छह फ्लैट्स गिरवी रखे हैं। इन प्रॉपर्टीज के मालिक सोनू और उनकी पत्नी सोनाली हैं। ये दोनों दुकानें ग्राउंड फ्लोर पर हैं और फ्लैट्स शिव सागर कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में है। ये हाउसिंग सोसायटी इस्कॉन मंदिर के पास एबी नायर रोड पर स्थित है।
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दस्तावेजों के मुताबिक, 10 करोड़ रुपये के लोन पर 5 लाख रुपये के पंजीकरण शुल्क का सोनू द्वारा भुगतान किया गया है। हालांकि, इस खबर पर सोनू की तरफ से कन्फर्मेशन नहीं मिल पाया है। गौरतलब है कि सोनू सूद लॉकडाउन के समय से ट्विटर पर काफी एक्टिव हैं। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर भी जारी की है। लोगों को रोजगार देने की भी बात कही है।
इससे पहले उन्होंने पंजाब में पैरामेडिकल स्टाफ को 1500 पीपीई किट और पुलिस अफसरों को 25000 फेस शील्ड्स भी दे चुके हैं। इसके अलावा कई लोगों का इलाज करवाया और घर से दूर फंसे लोगों को चार्टर्ड प्लेन से घर भी पहुंचा चुके हैं।
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