संशोधन प्रस्ताव खारिज, किसान बोलें- अगर सरकार जिद्द पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं

संशोधन प्रस्ताव खारिज, किसान बोलें- अगर सरकार जिद्द पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं

नई दिल्ली: कृषि कानून से संबंधित सरकार के संशोधन प्रस्ताव को किसानों ने नामंजूर कर दिया है। ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह बगू ने कहा, “सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव हमें मंजूर नहीं। अभी हमारी मीटिंग खत्म हुई है। आगे अभी हरियाणा के साथ के साथ बैठक है, जिसमें हम आगे के कदम का विचार करेंगे।”

किसानों को भेजे गए प्रस्ताव के बारे में इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी। जावड़ेकर ने कहा, “किसानों को डरने की जरूरत नहीं है। एएमपीसी भी रहेगा और एमएसपी भी रहेगी। किसानों को दूसरी सुविधा भी मिलेगी। जहां पर ज्यादा दाम मिलेगा, किसान वहां अपनी उपज बेच सकेंगे।”

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वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “कृषि कानून का मसला किसानों की शान से जुड़ा है, ऐसे में वो इससे पीछे नहीं हटेंगे। सरकार कानून में कुछ बदलाव सुझा रही है, लेकिन हमारी मांग कानून को वापस लेने की है। अगर सरकार जिद्द पर अड़ी है तो हम भी अड़े हैं, कानून वापस ही होगा।”

केंद्र सरकार ने आज किसानों को कृषि कानून संशोधन से संबंधित प्रस्ताव भेजा था। जिस पर दोपहर 1 बजे सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों की एक बैठक होनी थी। इस बैठक में किसानों के केंद्र के संशोधन प्रस्ताव को खारिज कर किया। कल मंगवार को भारत बंद के बाद किसानों नेताओं और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बैठक हुई थी, जो असफल रही थी।

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किसान नेताओं ने अमित शाह के साथ बैठक के बाद कृषि कानून में सशोधन के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। किसान नेताओं ने पहले भी कहा था कि मोदी सरकार संशोधन का प्रस्ताव भेजती है तो वे तैयार नहीं होंगे। वहीं अमित शाह ने किसान नेताओं से कहा था कि सरकार की ओर से किसानों को बुधवार यानी आज एक संशोधन प्रस्ताव भेजा जाएगा। हालांकि, किसान नेताओं ने आज कहा था कि वे प्रस्ताव मिल-बैठकर चर्चा करेंगे और फिर फैसला लेंगे।

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