चाय की लोकप्रियता से कोई इनकार नहीं कर सकता है। यह गर्म पेय दुनिया के अधिकांश हिस्सों में लोकप्रिय है। दिल की सेहत को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ शरीर को कैंसर से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा भी रोजाना चाय पीने से कुछ फायदे होते हैं।
अगर आप पढ़ते हुए चाय पी रहे हैं, तो समझ लीजिए आप शरीर को भी लाभ पहुंचा रहे हैं। चीनी के बगैर चाय एंटीऑक्सीडेंट से भरी होती है जो विभिन्न रोगों को रोकने और शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करने में मदद करती है।

तो चलिए जानते हैं कि रोजाना चाय पीने के क्या फायदे हैं और इसे पीने के जोखिम क्या-क्या हैं-
कैंसर का जोखिम
मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में पोषण और जीवन शैली मनोरोग के निदेशक ओमा नायडू के अनुसार, चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और दूसरे तत्व कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। एक तरह से यह कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
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सेहतमंद त्वचा
दूध के बिना चाय पीने की आदत बनाने से त्वचा कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। उमा नायडू कहती हैं कि काली चाय सबसे आम प्रकार के त्वचा कैंसर के जोखिम को कम करने में फायदेमंद है। कुल मिलाकर, आइस्ड टी की तुलना में गर्म चाय ज्यादा फायदेमंद है।
डायबिटीज का खतरा
हर दिन दूध के बिना चाय पीने से टाइप-2 मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। एशिया-पेसिफिक जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, लाल चाय को पीने से खाने के बाद बल्ड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
दांत की मजबूती
हालांकि, दिन भर चाय पीने से दांतों के मामूली पीलेपन की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा दूध वाली चाय पीने और लंबे समय तक पानी नहीं पीने से दांतों में जर्म तेजी पनपते हैं। खासकर रात में। हालांकि, यह मददगार भी हो सकता है।
जर्नल ओरल और मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी में प्रकाशित शोध के अनुसार, ग्रीन टी में एंटीसेप्टिक प्रभाव होता है जो मुंह में कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया की दर को कम करता है। रोजाना ग्रीन टी पीने से भी कैविटीज की गंभीरता को कम किया जा सकता है।
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दिल का सेहत
चाय पीने से रक्त प्रवाह ठीक रहता है, जिससे हृदय पर दबाव नहीं बढ़ता है। रोजाना तीन कप ब्लैक टी पीना दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। क्योंकि इसके तत्व सूजन को कम करते हैं और धमनियों में खुन के थक्के जमने के खतरे को कम करता है।
नींद में सुधार
अगर आप रात को अक्सर बार-बार बिस्तर पर करवटें बदलते हैं, तो बिस्तर पर जाने से पहले एक कप चाय पीने की आदत बनाने की कोशिश करें। एक अध्ययन में पाया गया कि चाय पीने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और अनिद्रा से पीड़ित लोगों की मदद करता है। यह इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है।
जेहन की मजबूती
चाय एकाग्रता और सतर्कता में सुधार करती है। चाय में अमीनो एसिड थिएनिन मन को शांत करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। अगर कभी भी ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो, तो काम से पहले एक कप गर्म चाय पाने की कोशिश करें ।
मेटाबॉलिज्म की गति
चाय में मौजूद कैफीन मेटाबॉलिज्म को तेज करने और वसा (प्रति दिन 100 कैलोरी) को जलाने में मदद करता है, लेकिन बहुत ज्यादा कैफीन हानिकारक है। एक कप ग्रीन टी में 40 मिलीग्राम कैफीन होता है और चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, दैनिक कैफीन का सेवन 3 से 400 मिलीग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
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आयरन का पाचन
चाय में टैनिन नामक जटिल कार्बनिक यौगिक होते हैं जो कुछ खाद्य पदार्थों से आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। आयरन की कमी दुनिया में सबसे आम पोषण संबंधी कमियों में से एक है। ये लाखों लोगों को प्रभावित करती है और एनीमिया जैसी बीमारियों की ओर ले जाती है।
रक्तस्राव का खतरा
हर दिन अधिक मात्रा में चाय पीना आपको मामूली चोट या खरोच आने पर भी रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। कैलिफोर्निया के बेवर्ली हिल्स में बोर्ड सर्टिफाइड प्लास्टिक सर्जन मिशेल ली बताती हैं, ”अधिक मात्रा में चाय का सेवन आपको परेशान कर सकता है। मुझे सर्जरी से दो से तीन सप्ताह पहले अपने सभी रोगियों को चाय पीने से रोकने की आवश्यकता पड़ती है।”
दवा पर प्रभाव
चाय के फायदे असंख्य हैं, लेकिन जो लोग हृदय रोग और ब्लड प्रेसर की दवाईयां लेते हैं, उन्हें डॉक्टर की सलाह से चाय का सेवन करना चाहिए।
चाय की मात्रा
रोजाना कितनी मात्रा में चाय पीनी चाहिए इसको लेकर अलग-अलग अनुसंधान के परिणाम अलग हैं। इसको लेकर कोई स्पष्ट राय नहीं है, लेकिन संतुलित मात्रा में पीना बेहतर है। अगर आप दिनभर में 3 से 4 कप चाय पीते हैं तो बेहतर है। दूध वाली चाय के बजाए काली या ग्रीम टी पीना आप पसंद करते हैं तो सेहत के लिए ये और भी अच्छा है। चीनी मात्रा कम रहे हो सबसे बेहतर है।
नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।
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