हमारे बॉडी को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की जरूरत होती है। इसका सबसे बड़ा सोर्स है सूरज की रोशनी यानी धूप। लोगों को लगता है कि सिर्फ पेड़-पौधों को ही सुरज से फायदा होता है।
पेड़-पौधों को ही फोटोसिंथेसिस के लिए धूप की जरूरत होती है। पर यह इंसान के लिए भी उतना ही फायदेमंद है। अगर हम नियमित रूप से 10 मिनट सुबह की नर्म धूप में बैठें तो इसके कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।
गांव में रहने वालों को विटामिन डी की कमी नहीं होती है। लेकिन अगर आप शहर में रहते हैं तो धूप बहुत कम ही नसीब होती है। ऐसे में शहरी लोगों में विटामिन डी की भारी कमी पाई जाती है जिससे वे गांव के लोगों के मुकाबले अधिक बीमार रहते हैं।
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ऐसे में हेल्दी रहने के लिए धूप बेहद जरूरी है, इतना जरूरी जैसे पेड़ों को। इसलिए बालकनी, छत या बरामदे में ही सही, जहां भी धूप मिले थोड़ी देर धूप जरूर बैठे। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसका असर हेल्थ पर पड़ेगा और आपको लगेगा कि ये दिक्कतें किसी और चीज की वजह से सामने आ रही हैं। हालांकि, इसका कारण धूप होगा।
एक रिसर्च में यह बात सामने आमने आई है कि भारत में करीब 80 फीसदी लोगों में विटामिन-डी की कमी है। चिंता की बात यह है कि 90 फीसदी बच्चे भी विटामिन-डी की कमी से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स झेल रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली में 90 से 97 फीसदी स्कूली बच्चों में (6-17 वर्ष की आयु के) विटामिन-डी की कमी पाई गई है।

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धूप के फायदे
धूप से हड्डियां मजबूत रहती हैं। हमें शरीर के लिए आवश्यक 90 फीसदी विटामिन डी धूप से मिलता है, जो हड्डियों को हेल्दी रखने के लिए फायदेमंद है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस होने के चांसेस भी कम होते हैं।
धूप में बैठने से बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो सदी-जुकाम, खांसी-बुखार जैसी बीमारियों से हमें बचाता है। अगर आपको यकीन न हो तो जब सर्दी-जुकाम हो जाए तो धूप सेंक कर देखिए। यह दवा लेने से अधिक फायदा करता है।
धूप सेंकने से मेटाबोलिज्म में सुधार होता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। एक शोध मुताबिक कि सूरज की रोशनी और बीएमआई के बीच गहरा संबंध है। वेट कम करने में यह सहायक करता है।
शरीर में धूप सेंकने से मेलाटोनिन नामक हार्मोन बनता है, जिससे अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है और अच्छी नींद आती है।
थोड़ी देर धूप में बैठने से बॉडी बैक्टीरिया फ्री तो होता ही है, साथ ही स्किन ग्लो होने लगती है। इससे पिंपल्स, एक्ने और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
थोड़ी देर नियमित रूप से धूप में बैठने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ब्लडप्रेशर कंट्रोल में रहता है और हार्ट डिसीज का रिस्क भी कम हो जाता है।
सूरज का धूप ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। ऐसे में हार्ट डिजिज का खतरा कम रहता है।
धूप सेंकने से रक्त में रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कण और व्हाइट ब्लड सेल्स यानी सफेद कण की संख्या बढ़ती है।
धूप में बैठने से पाचन तंत्र दुरुश्त रहता है। कब्ज की समस्या दूर होती है।
सूरज से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें हमारे इम्यून सिस्टम की हाइपर एक्टिविटी को कम करती हैं, जिससे सोरायसिस जैसी स्किन प्रॉब्लम होने का खतरा नहीं रहता है।
रोज धूप सेंकने से हमारा दिमाग स्वस्थ रहता है। ऐसा करने से आपको खुद फर्क महसूस होने लगेगा।
सूरज की रोशनी से सभी तरह के इंफेक्शन, फंगल इंफेक्शन और कई दूसरी बीमारियां को भी ठीक करता है।
विटामिन-डी की कमी पूरी करने का सबसे आसान तरीका है, सुबह 10 बजे से पहले सूरज की रोशनी में बैठना। विटामिन-डी की कमी रोजाना 15 से 20 मिनट धूप सेंककर पूरी की जा सकती है।

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कितनी धूप जरूरी?
हफ्ते में तीन दिन सुबह-सुबह 20 से 30 मिनट तक धूप सेंक लेना पर्याप्त है। अगर हर दिन नहीं बैठ सकते तो सेहतमंद रहने के लिए इतनी धूप काफी है। इससे शरीर के लिए आवश्यक विटामिन डी की पूर्ति हो जाती है।
किन बातों का रखें ध्यान
– हो सके तो तेज धूप से बचिए। इससे निकलने वाली अल्ट्रा वायलेट किरणें आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
– अगर पसीना आ जा जाए तो उसके बाद धूप में नहीं बैठना चाहिए।
– दोपहर बाद धूप में बैठने का कोई कम फायदेमंद होता है। इसलिए दोपहर के बाद धूप में जाने से बचें और सुबह की आदत डालें।
नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।
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