बीते 30 सालों में डबल हो गए हैं ब्लड प्रेशर के मरीज, जानें क्या कहता है रिसर्च

बीते 30 सालों में डबल हो गए हैं ब्लड प्रेशर के मरीज, जानें क्या कहता है रिसर्च

ब्लड प्रेशर की समस्या आज के समय में आम हो गई है। लेकिन एक ताजा अध्ययन में पाया गया है कि ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों की संख्या 1990 के बाद से दोगुनी से अधिक हो गई है। वहीं साल 2019 में सभी पीड़ितों में से आधे से लगभग 72 करोड़ लोगों का इलाज नहीं हो पाया। ब्लड प्रेशर स्ट्रोक, हृदय और लिवर की बीमारी के लिए प्रमुख कारक है।

इसलिए पिछले 30 सालों में विश्व स्तर पर ब्लड प्रेशर की दर कैसे विकसित हुई है यह जानने के लिए गैर-संचारी रोग जोखिम कारक सहयोग (NCD-RisC) की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने दुनिया के लगभग हर देश को कवर करते हुए 1,200 से अधिक राष्ट्रीय अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया।

इस टीम ने ब्लड प्रेशर की दर का अनुमान लगाने के लिए मॉडलिंग का इस्तेमाल किया। साथ ही इसके लिए दवा लेने वाले लोगों की संख्या भी जानी। विश्लेषण में पाया गया कि साल 2019 में 65.2 करोड़ पुरुष ब्लड प्रेशर से पीड़ित थे। वहीं 62.6 करोड़ महिलाएं इस समस्या से जूझ रही थीं। जोकि 1990 में अनुमानित 33.1 करोड़ महिलाओं और 31.7 करोड़ पुरुषों की तुलना में लगभग दोगुना है।

बीते 30 सालों में डबल हो गए हैं ब्लड प्रेशर के मरीज, जानें क्या कहता है रिसर्च

ये भी पढ़ें: फिट और हेल्दी रहने के लिए खान-पान की आदत में जल्द करें ये 5 आदत बदलाव

बीमारी के प्रति अज्ञानता

विश्लेषण में यह भी पाया गया कि 51 प्रतिशत पुरुष और 41 प्रतिशत महिलाएं अपनी स्थिति से बिल्कुल अनजान थे। यानी कि लाखों लोग प्रभावी उपचार से वंचित थे।

मुख्य शोधकर्ता, इंपीरियल कॉलेज लंदन के माजिद एज्जती के मुताबिक, “दशकों में चिकित्सा और औषधीय प्रगति के बावजूद ब्लड प्रेशर प्रबंधन में वैश्विक प्रगति धीमी रही है और ब्लड प्रेशर वाले अधिकांश लोग इलाज से वंचित रहते हैं।”

वहीं, लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित विश्लेषण में कहा गया है कि कनाडा और पेरू में व्यस्कों के बीच ब्लड प्रेशर का अनुपात सबसे कम था। यानी कि लगभग चार में से एक इस स्थिति के साथ जी रहे थे।

स्विट्जरलैंड,जापान, ब्रिटेन,ताइवान, दक्षिण कोरिया और स्पेन में महिलाओं में ब्लड प्रेशर की दर 24 प्रतिशत से भी कम थी। जबकि बंगलादेश, इरीट्रिया, इथियोपिया और सोलोमन द्वीप समूह में पुरुषों में 25 प्रतिशत से कम दर थी।

बीते 30 सालों में डबल हो गए हैं ब्लड प्रेशर के मरीज, जानें क्या कहता है रिसर्च

ये भी पढ़ें: हाई ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल करने के लिए करें ये 10 आसान और कारगर उपाय

कोविड-19 भी एक कारण

शोध के लेखकों ने कहा कि अध्ययन ब्लड प्रेशर के रोग-निर्णय और इलाज तक पहुंच को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर पांच में से एक पुरुष और चार में से एक महिला का इलाज उनकी इस स्थिति के लिए किया जा रहा है।

शेफील्ड विश्वविद्यालय में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर रॉबर्ट स्टोरी कहते हैं कि कोरोना वायरस ने सरकारों को ब्लड प्रेशर की वास्तविकता से ध्यान हटा दिया है।

स्टोरी के मुताबिक, “रक्त संचारी रोग की महामारी को पिछले 18 महीनों में कम ध्यान दिया गया है। अस्वस्थ जीवनशैली, उच्च वसा, चीनी, नमक, शराब, धूम्रपान का सेवन और व्यायाम से बचना। यह दुनिया भर के रुझानों के संबंध को दर्शाता है।”

स्टोरी ने जोर देकर कहा, “यह जरूरी है कि हृदय रोग और स्ट्रोक के टाइम बम से बचने के लिए सभी देशों की सरकारों को एक नीति अपनानी चाहिए।”


[प्रिय पाठक, पल-पल के न्यूज, संपादकीय, कविता-कहानी पढ़ने के लिए ‘न्यूज बताओ’ से जुड़ें। आप हमें फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी फॉलो कर सकते हैं।]

Leave a Reply

Your email address will not be published.