जब राज कुमार ने रामानंद सागर की फिल्म को अपने कुत्ते से पूछकर ठुकरा दिया

जब राज कुमार ने रामानंद सागर की फिल्म को अपने कुत्ते से पूछकर ठुकरा दिया

फिल्म इंडस्ट्री में राज कुमार एक ऐसे अभिनेता थे जिन्हें अक्सर लोग अकड़ू समझते और जानते हैं। लेकिन ‘जानी’ कहते ही जेहन में उनकी एक छवि उभरती है जिसकी आवाज की कशिश और एक्टिंग के हुनर के सभी कायल थे। राज कुमार ऐसे नायाब एक्टर थे जिन्होंने तकरीबन 60 फिल्मों में एक से बढ़कर एक अदाकारी की।

हिंदी सिनेमा जगत में 60 से लेकर 80 के दशक तक राज कुमार के लिए सुनहरा दौर रहा। साल 1952 में रिलीज हुई फिल्म ‘रंगीली’ से फिल्म इंडस्ट्री एंट्री में शुरूआत करने वाले राज कुमार ने ‘आबशार’, ‘घमंड’ और ‘लाखों में एक’ जैसी फिल्मों में दमदार एक्टिंग के जरिए अच्छा-खासा रुतबा हासिल कर लिया था।

राज कुमार की एक्टिंग और डायलॉग डिलीवरी की चर्चा हर दौर में होती रही है। वे अपनी बेहतरीन डॉयलॉग डिलीवरी की वजह से आज भी याद किए जाते हैं। जब भी किसी को डायलॉग सुनने के मन करता है उसके जेहन में सबसे पहला नाम राज कुमार का ही आता है।

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यह रुतबा जो उनकी सफल फिल्मों की वजह से बना था वो स्‍टारडम के ढलान पर भी जस-का-तस बना रहा। वैसे ही उनकी जिन्दगी से जुड़े ऐसे कई रोमांचक किस्से हैं जिसकी आज भी चर्चा होती है। चलिए उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा बताते हैं जब अपने कुत्ते से पूछकर उन्होंने डायरेक्टर का ऑफर ठुकरा दिया था।

दरअसल, यह वाक्या 70 के दशक का है। उन दिनों राज कुमार के पास कम ही फिल्मों के ऑफर थे लेकिन बावजूद इसके उनके तेवर और स्टाइल में कोई कमी नहीं आई थी। राज कुमार स्टारर फिल्म ‘इंसानियत का देवता’, ‘पुलिस और मुजरिम’ जैसी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास नहीं कर पा रही थीं।

उसी दौरान एक दिन जाने-माने डायरेक्‍टर रामानंद सागर, जिन्होंने रामायण सीरियल बनाकर काफी मक़बूलियत हासिल की, राज कुमार के घर एक फिल्म का ऑफर लेकर पहुंचे। रामानंद सागर और राज कुमार के बहुत अच्छे दोस्त भी थे।

जब राज कुमार ने रामानंद सागर की फिल्म को अपने कुत्ते से पूछकर ठुकरा दिया

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कहते हैं कि रामानंद सागर ने राज कुमार को फिल्म के बारे में बताया। उन्होंने लीड रोल की बात कही और साथ में 10 लाख रुपये देने की बात रखी। तभी राज कुमार का कुत्ता वहां जिसके बाद कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद उनके दोस्त को भी नहीं थी।

दरअसल, रामानंद सागर फिल्म ‘आंखे’ में राज कुमार को कास्ट करना चाहते थे। रामानंद ने कहानी सुनाई, लेकिन तुनक मिजाज राजकुमार को कहानी पसंद नहीं आई और उन्होंने अपने पालतू कुत्ते को आवाज लगाई। जैसे ही उनका कुत्ता पास आया राज कुमार ने पूछा, “क्या तुम रोल करना चाहते हो?” कुत्ते ने उनकी ओर देखकर गर्दन हिलाया।

राज कुमार ने अपने दोस्त रामानंद सागर से कहा, “देखा ये रोल तो मेरा कुत्ता भी नहीं करना चाहेगा।” रामानंद सागर को ये रवैया बहुत बुरा लगा और वो वहां से चले आए। इसके बाद उन्होंने ये फिल्म धर्मेंद्र को ऑफर किया। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही। आज भी ‘आंखे’ को धर्मेंद्र की सबसे अच्छी फिल्मों में गिना जाता है। रामानंद ने उसके बाद कभी भी राज कुमार के साथ काम नहीं किया।


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