यूक्रेन पर रूस के हमला का आज दूसरा दिन है। वहां आम नागरिकों के अलावा भारतीय नागरिक भी फंसे हुए हैं जिसमें सबसे संख्या छात्रों की है। बीबीसी के मुताबिक, यूक्रेन के इवानो में फंसे उत्तर प्रदेश के बिजनौर निवासी सना उर्रहमान नाम के एक छात्र ने बताया, “यूक्रेन में एयर स्ट्राइक होने के बाद यहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है। सुपर मार्केट में लोगों ने दाल, आटा सब कुछ खरीद लिया है। हम जब तक पहुंचे तब तक सब कुछ बिक चुका था। ऐसे में हमारे पास खाने के लिए मैगी, फल, ब्रेड या फिर जूस आदि खरीदना मजबूरी हो गया था। हम क्या करें, खाने के लिए जो कुछ खरीदा है, वो मुश्किल से दो-तीन दिन ही चल पाएगा।”
A father saying goodbye to his family in Ukraine. No words. pic.twitter.com/zsJdwZAdaK
— Chef Andrew Gruel (@ChefGruel) February 24, 2022
इवानो फ्रेंकविस्क इंटरनेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र सना उर्रहमान ने आगे बताया, “भारतीय दूतावास की ओर से यूक्रेन छोड़ने की बार-बार एडवाइजरी जारी हो रही थी, लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की अनुमति नहीं मिल पाई थी, बाद में जब तक ऑनलाइन कक्षाओं के अनुमति मिली, तब तक हालात खराब हो चुके थे।”
उन्होंने कहा, “बुधवार रात को यहां कुछ जगह एयर स्ट्राइक की गई है। इसके बाद ‘अतब’ सुपरमार्केट में खाद्य सामग्री लेने वाले लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। हमें नहीं मालूम था कि इतनी जल्दी सब कुछ खत्म हो जाएगा।” जासिम नदीम नाम के एक दूसरे छात्र ने बताया, “सुपर मार्केट से सभी स्टूडेंट अपने-अपने खाने का सामान ही लेकर आए हैं, लेकिन किसी को भी आटा या फिर चावल नहीं मिल पाया है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि हम लोग बिना रोटी और चावल खाए सो रहे हैं।”
Indian students stranded in kyiv Railway station in Ukraine.#RussiaUkraineConflict
— Hemant Rajaura (@hemantrajora_) February 24, 2022
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उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश पर रूसी हमले में अब तक 137 नागरिक और सैन्यकर्मी मारे गए हैं। राष्ट्रपति का कहना है कि यूक्रेन को रूस से युद्ध के लिए अकेला छोड़ दिया गया है। उन्होंने शुक्रवार तड़के जारी एक वीडियो संबोधन में जान गंवाने वालों को ‘हीरो’ बताया। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के हमले में सैकड़ों और घायल हुए हैं।
जेलेंस्की ने कहा कि कि रूस के दावे के बावजूद कि वह केवल सैन्य ठिकानों पर हमला कर रहा है, नागरिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया है। उनके शब्दों में, “वे लोगों को मार रहे हैं और शांतिपूर्ण शहरों को सैन्य ठिकानों में बदल रहे हैं। यह गलत है और इसे कभी माफ नहीं किया जाएगा।” राष्ट्रपति ने कहा कि ओडेसा क्षेत्र के जमीनी द्वीप पर सभी सीमा रक्षक गुरुवार को मारे गए। यूक्रेन की सीमा रक्षक सेवा ने पहले दिन में बताया कि द्वीप को रूसियों ने ले लिया था।
मायखाइलो पोडोलीक के हवाले से दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, रायटर्स को यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के एक सलाहकार ने कहा कि चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूसी बलों ने कब्जा कर लिया है। शुक्रवार को दूसरे दिन भी यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाकों की अवाजे सुनी गईं। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि दुश्मन राजधानी कीव में घुस गए हैं। पूर्वी यूक्रेन में तो संघर्ष चल ही रहा है लेकिन उत्तर और काला सागर के दक्षिण में युद्ध छिड़ गया है।
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खबरों के मुताबिक, उत्तर में रेडियोएक्टिव चर्नोबिल परमाणु ठिकाने पर भी संघर्ष हुआ है। इसे रूसी बलों ने अपने नियंत्रण में कर लिया है। अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन के सैनिकों को बंधक बनाया गया है। हजारों यूक्रेनी नागरिक सुरक्षित ठिकाने की तलाश में पश्चिम की तरफ भाग रहे हैं। पोलैंड और रोमानिया की सीमा से लगे इलाके की ओर बढ़ रहे हैं। यूक्रेन के ज्यादातर लोग बंकरों और अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर रह रहे हैं। देश की रक्षा में नागरिकों को हथियार उठाने की अनुमति दे दी गई है।
फोर्ब्स में छपी एक रिपोर्ट की माने तो यूक्रेन में चल रहे हमलों के बीच रूसी अरबतियों ने करीब 90 अरब डॉलर गँवा दिए हैं। फोर्ब्स ने अपनी रिपोर्ट में रूसी समाचार एजेंसी तास के हवाले से बताया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश के शीर्ष अरबपतियों की बैठक भी बुलाई है। जब से रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का ऐलान किया है, जब से शेयर बाजार भी धड़ाम से गिरे हैं। इस कारण भी लोगों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस बीच अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने भी अपनी पाबंदी में रूस के बैंकों और अरबपतियों को निशाना बनाया है। उनकी संपत्ति फ्रीज कर दी गई है और उनके आने जाने पर भी रोक लगा दी गई है।

फोर्ब्स ने आंकड़ों के हवाले से बताया है कि रूसी अरबपतियों ने 16 फरवरी से अब तक करीब 90 अरब डॉलर गँवा दिए हैं जिनमें से तकरीबन 39 अरब डॉलर का नुकसान सिर्फ गुरुवार को ही हुआ है। दूसरी तरफ, ब्लूमबर्ग ने भी यही रिपोर्ट दी है. रूस का शेयर बाजार 33 फीसदी गिर गया है, जबकि डॉलर के मुकाबले रुबल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चली गई है। फोर्ब्स ने बताया है कि रूस के जिन अरबपतियों को भारी नुकसान हुआ है उनमें- एलेक्पेरोफ, मिखेल्सन, मोरदाशोफ, पोतेनिन और केरिमोफ हैं।
Plunging stock markets and ruble hitting record lows have cost the 116 Russian billionaires tracked by Forbes at least $90 billion since the start of the military buildup for the invasion of Ukraine
— Iain Martin (@_IainMartin) February 24, 2022
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ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा एक चौंकाने वाला दावा किया है। हथियारों पर नजर रखनेवालों का कहना है कि अभी तक रूस ने ‘हल्के’ और ‘पुराने’ हथियारों का इस्तेमाल किया है। इस्तेमाल होनीवाली दो सबसे नई मिसाइलों में एक सात और एक सोलह साल पुरानी है। मतलब अत्याधुनिक ड्रोन, हाइपरसोनिक, इलेक्ट्रिक आदि हथियार नहीं चलाए गए हैं।
देखा जाए तो यूरोपीय संघ और नाटो के बयानों से अब तक साफ नजर आ रहा है कि वे रूस पर दबाव बनाने के लिए केवल आर्थिक पाबंदियों का ही सहारा लेंगे। नाटो और रूस में सीधी भिड़ंत की कोई आशंका नहीं है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इसी तरफ इशारा किया है कि उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है। हालांकि, एक अच्छी बात ये है कि रूसी जनता अब सड़कों पर निकल आई है और उन्होंने ‘नो वार’ का अहवान किया है।
’NO TO WAR’ : MORE THAN 1,600 RUSSIANS DETAINED
— Inquirer (@inquirerdotnet) February 25, 2022
LOOK: People attended an anti-war protest in Saint Petersburg, Russia after President Vladimir Putin authorized a military operation in Ukraine on February 24. | 📷Reuters pic.twitter.com/Jj52c8VjPj
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के हवाले से विदेश मामलों के जानकार प्रकाश के. रे ने ट्वीट किया है कि पश्चिम को यूक्रेन की कितनी चिंता है, इसे ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से समझा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, बेबी ट्वींस गणराज्यों (लुहान्सक और दोनेत्स्क) को रूस द्वारा मान्यता देने के 24 घंटे के भीतर ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस से 3.5 मिलियन बैरल तेल और अन्य शोधित उत्पाद खरीदे हैं, जिनकी कीमत वर्तमान दरों के हिसाब से 350 मिलियन डॉलर से अधिक है।
पश्चिम को यूक्रेन की कितनी चिंता है, इसे ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट से समझा जा सकता है.
— Prakash K Ray (@pkray11) February 24, 2022
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इतना ही नहीं, पश्चिम ने 250 मिलियन डॉलर का गैस भी खरीदा है। इन चीजों के अलावा, बड़ी मात्रा में अलम्यूनियम, कोयला, निकेल, टाइटेनियम, सोना और अन्य वस्तुओं की खरीद हुई है। कुल मिलाकर, 24 घंटे में 700 मिलियन डॉलर से अधिक की खरीदारी हुई है। कुछ लोग हंसी में कह रहे हैं कि बेबी ट्वींस गणराज्यों को मान्यता देने के बदले पुतिन ने कमाई भी की है।
उधर, आर्थिक पाबंदियों को देखते हुए चीन ने कहा है कि वह रूस के सभी उत्पादक क्षेत्रों से गेहूं की खरीद करेगा। बहुत संभव है कि यूरोप की ओर से चीन को संपर्क किया जाएगा कि वह सैनिक कार्रवाई को समेटने के लिए रूस को कहे। इक्विटी मार्केट धड़ाम हुआ है, पर डॉलर और चीनी युआन को फायदा हुआ है। रूबल भी धड़ाम हुआ है और अन्य मुख्य मुद्राएं भी घटी हैं।
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