रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का एलान, डॉलर में कारोबार पर लग सकता है रोक

रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का एलान, डॉलर में कारोबार पर लग सकता है रोक

यूरोपीय संघ ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का एलान किया है। यह फैसला यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग राष्ट्रों की मान्यता दिए जाने के खिलाफ लगाया जाएगा। यूरोपीय संघ ने फैसला किया है कि रूस के बैंकों और धनी नेताओं को निशाना बनाते हुए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। रूस ने सोमवार को यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग राष्ट्रों के रूप में मान्यता दे दी थी, जिसके जवाब में यूरोपीय संघ यह कार्रवाई कर रहा है। आने वाले कुछ ही दिनों में इन प्रतिबंधों का एलान किया जा सकता है।

माना जा रहा है कि अमेरिका रूस को डॉलर में कारोबार करने से रोक सकता है। इसका मतलब ये कि पश्चिमी देशों की जो भी कंपनी रूसी संस्थाओं से डॉलर में कारोबार करेगी उसे जुर्माना देना पड़ेगा। यानी रूस की दुनिया से खरीद-फरोख्त की क्षमता सीमित हो जाएगी। रूस पर इस प्रतिबंध का गहरा असर होगा क्योंकि उसके तेल और गैस का ज्यादातर कारोबार डॉलर में ही होता है।

वहीं, एक तरफ, रूसी सेना के टैंकों के यूक्रेन की तरफ मार्च करना शुरू कर दिया। दूसरी तरफ राष्ट्रपति बाइडेन ने साफ किया है कि वह नाटो बैलेस्टिक देशों की मदद के लिए फोर्स भेज रहे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने खबर दी है कि रूस की सेना के 100 से अधिक ट्रकों का काफिला यूक्रेन की सीमा की ओर जाते देखा गया है। रॉयटर्स ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से ये खबर दी है। रॉयटर्स के मुताबिक, रूसी सेना का काफिला बेलगोरोड इलाके में यूक्रेनी सीमा की तरफ जाते देखा गया है।

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पुतिन ने क्या कहा?

यूक्रेन की सीमा की तरफ रूसी सैनिकों के जाने की खबर ऐसे समय में सामने आई है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद ये साफ कर चुके हैं कि यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। पुतिन ने कहा है कि हमने यूक्रेन में सेना भेजने को लेकर अभी आदेश नहीं दिया है। उन्होंने कहा है कि हालात को देखते हुए सैनिकों की तैनाती को लेकर फैसला लिया जाएगा। सेना की तैनाती समझौते के मुताबिक ही की जाएगी। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि यूक्रेन के साथ विवाद का हल हो सकता है बशर्ते यूक्रेन नाटो में शामिल न हो।

उधर, फ्रांस के विदेश मंत्री ज्याँ-इवेस ला ड्रियाँ ने मंगलवार को पुष्टि की कि रूस पर प्रतिबंधों पर यूरोपीय संघ के सभी सदस्य एकमत हैं। संघ के विदेश मामलों के प्रमुख योसेप बोरेल ने कहा कि ये प्रतिबंध, “रूस को नुकसान पहुंचाएंगे, और बहुत नुकसान पहुंचाएंगे।” बोरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ रूस के उन 351 सांसदों को निशाना बनाएगा जिन्होंने डोनेत्स्क और लुहांस्क को मान्यता देने के पक्ष में मतदान किया था।

इसके अलावा 27 लोगों और संस्थाओं को भी प्रतिबंधों के दायरे में रखा जाएगा, जिनसे यूक्रेन की संप्रभुता को खतरा है। इन लोगों में रूसी उद्योगपति, मीडियाकर्मी और राजनेता शामिल हैं, जिनके लिए बोरेल ने ‘ओलीगार्क’ शब्द का प्रयोग किया। सोवियत रूस के समय ओलिगार्क ऐसे धनी रूसी लोगों को कहा जाता था, जो राजनीतिक रूप से अत्याधिक प्रभावशाली होते थे।

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प्रतिबंधों का मसौदा

प्रस्तावित प्रतिबंधों के मसौदे में कहा गया है कि उन सभी को निशाना बनाया जाएगा जो यूक्रेन पर ‘अवैध फैसले’ में शामिल थे। जैसे कि रूसी सेना और पूर्वी यूक्रेन के इलाकों में अन्य संगठनों को धन उपलब्ध कराने वाले बैंकों को प्रतिबंध झेलने होंगे।इस प्रस्ताव को अब यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स से औपचारिक अनुमति की जरूरत है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा कि आज की यह कार्रवाई रूस के आक्रामक व्यवहार का जवाब है।

उन्होंने कहा, “अगर रूस इस संकट को बढ़ाना जारी रखता है, जो उसने खुद पैदा किया है, तो हम और भी कदम उठाने को तैयार हैं।” जैसा कि मालूम है कि रूस ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देने का फैसला किया था। वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसमें कहा गया है कि रूस इन दो क्षेत्रों, डोनेत्स्क पीपल्स रिपब्लिक और लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक की आजादी को मान्यता देता है।

कई अन्य देशों ने भी रूस के खिलाफ कार्रवाई का एलान किया है। इनमें अमेरिका और जर्मनी प्रमुख हैं। जर्मनी ने रूस से गैस लाने के लिए बनाई गई नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन की लाइसेंसिंग प्रक्रिया रोक दी है। जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा कि इस तरह के संकट वाले माहौल में जर्मनी गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट को लेकर आगे नहीं बढ़ेगा। जापान और ब्रिटेन ने भी रूस पर प्रतिबंधों का एलान किया है।

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बाइडेन ने क्या कहा?

अमेरिका ने भी रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की पहली सूची का एलान कर दिया है। बाइडेन ने पत्रकारों को बताया कि रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। साथ ही, रूस के धनी लोगों और उनके परिजनों पर भी प्रतिबंध लगेंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण में वीईबी बैंक और रूस की सेना के बैंक प्रोमसियाजबैंक प्रतिबंधों के दायरे में होंगे। साथ ही रूस के पश्चिमी देशों से किसी भी वित्तीय सुविधा लेने पर भी पाबंदी होगी।

दूसरी तरफ, पश्चिमी देशों द्वारा कार्रवाई के बीच रूस ने कहा है कि समस्या का यही हल है कि यूक्रेन नाटो सदस्यता का विचार त्याग दे। पुतिन ने कहा, “सर्वोत्तम हल यह है कि कीव की मौजूदा सरकार नाटो की सदस्यता खुद ही नकार दे और निष्पक्ष रहे।” व्लादिमीर पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कुछ मांगें रखी हैं जिनमें क्रीमिया को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता देना भी शामिल है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “यूक्रेन पर रूस का आक्रमण प्रभावी रूप से शुरू हो चुका है।” मॉरिसन ने कहा कि रूस यूक्रेन पर पूरे प्रभाव से आक्रमण करने के अंतिम बिंदु पर है और बहुत हद तक संभव है कि वह अगले 24 घंटे के भीतर यूक्रेन पर हमला कर भी दे।

उन्होंने उन मीडिया रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि अभी से ही शेलिंग की आवाजें आने लगी हैं और जिस तरह की परिस्थितियां बनी हैं उससे युद्ध शुरू हो चुका है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में लिबरल डेमोक्रेसी वाले देशों को साथ खड़े होने की ज़रूरत है और सत्तावादी सोच का विरोध करने की आवश्यकता है।


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