महाराष्ट्र के भंडारा जिला में दर्दनाक हादसा, 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत

महाराष्ट्र के भंडारा जिला में दर्दनाक हादसा, 10 नवजात बच्चों की जलकर मौत

मुम्बई: महाराष्ट्र के भंडारा जिला में शनिवार की सुबह दर्दनाक हो गया है। एक सरकारी अस्पताल में आग लगने से यहां 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। अस्पताल के बच्चा वार्ड में 17 नवजात बच्चों को रखा गया था।

हादसे के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर प्रमोद खंडाते ने मीडिया को बताया, “देर रात करीब 2 बजे के आसपास यह हादसा हुआ है। अस्पताल के आउट बोर्न यूनिट में धुआं निकल रहा था। जब अस्पताल की नर्स ने दरवाजा खोला तो देखा आउट बॉर्न यूनिट में सब जगह धुआं ही धुआं था।”

शुरूआती तफ्तीश के मुताबिक, हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई। सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) में आग लग गई। कुल 17 बच्चे इस वार्ड में भर्ती थे। खबरों को अनुसार, इस वार्ड में उन बच्चों को रखा गया था जिनकी हालत नाजुक थी। जिन बच्चों का वजन भी बेहद कम होता है उन्हें इस वार्ड में रखा जाता है।

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राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, “भंडारा स्थित जिला सामान्य अस्पताल की नवजात देखभाल यूनिट में आग लगने से 10 नवजातों की मौत की खबर चौंकाने वाली और दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने भंडारा पुलिस को घटना की पूरी जांच करने का आदेश दिया है। आज मैं खुद भंडारा जिला के इस अस्पताल में जा रहा हूं।”

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “महाराष्ट्र के भंडारा में हुए अग्नि हादसे में शिशुओं की असामयिक मृत्यु से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस ह्रदय विदारक घटना में अपनी संतानों को खोने वाले परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना”

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे को लेकर ट्वीट किया, “महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली त्रासदी है, जहां हमने कीमती युवा जीवन को खो दिया। मेरे विचार सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएंगे।”

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बच्चों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा है, “महाराष्ट्र के भंडारा जिला जेनेरल अस्पताल में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। उन बच्चों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं, जिन्होंने अपनी जान गंवाईं। मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि वे घायलों और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करें।”

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उल्लेखनीय है कि बीते साल सितंबर महीने में भी महाराष्ट्र कोल्हापुर जिले के एक सरकारी अस्पताल में आग लगी थी। छत्रपति प्रमिला राजे शासकीय अस्पताल में भी लगी आग का कारणशॉर्ट सर्किट बताया गया था। कोरोना संक्रमितों का इलाज इस अस्पताल में चल रहा था। जब घटना हुई थी उस समय वहां 400 से ज्यादा मरीज एडमिट थे। हालांकि, आग से उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ था।

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