प्रॉपर्टी पर आधिकार पाने के लिए रणधीर कपूर और बहन रीमा जैन पहुंचे हाईकोर्ट

प्रॉपर्टी पर आधिकार पाने के लिए रणधीर कपूर और बहन रीमा जैन पहुंचे हाईकोर्ट

फिल्म इंडस्ट्री के सूत्रधार कपूर खानदान का बॉलीवुड में अपनी एक खास पहचान है। फिल्म इंडस्ट्री में इसकी नींव पृथ्वीराज कपूर ने रखी थी। इसके बाद इस पद को राज कपूर ने संभाला। पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक इस खानदान का बॉलीवुड में अपना ही दबदबा है।

लेकिन हाल ही में कपूर खानदान के दो चिरागों ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। पहले ऋषि कपूर इस दुनिया को अलविदा कहा। और फिर 9 फरवरी 2021 को राज कपूर के सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया। कपूर खानदान की इस पीढ़ी में अब रणधीर कपूर और उनकी बहन रीमा जैन हैं।

प्रॉपर्टी पर आधिकार पाने के लिए रणधीर कपूर और बहन रीमा जैन पहुंचे हाईकोर्ट
कपूर परिवार

राजीव कपूर की बात करें तो उन्होंने साल 2001 में आरती सभरवाल से से शादी की थी, लेकिन दो साल बाद ही यानी साल 2003 में दोनों का तलाक हो गया था। इसलिए राजीव कपूर की मौत के बाद रणधीर कपूर और उनकी बहन रीमा जैन ने राजीव कपूर की प्रॉपर्टी पर अपने हक के लिए हाईकोर्ट में पीटिशन फाइल की है। हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की है।

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हाईकोर्ट ने सुनवाई में दोनों से राजीव कपूर के तलाक के सबूत लाने को कहा है। जस्टिस गौतम पटेल ने इस पीटिशन पर सुनवाई की है। वहीं सुनवाई में रणधीर और रीमा के वकील ने कहा है कि उनके पास राजीव और आरती के तलाक के कागज नहीं हैं और उन्हें नहीं पता कि किस फैमिली कोर्ट ने तलाक का आदेश जारी किया था।

प्रॉपर्टी पर आधिकार पाने के लिए रणधीर कपूर और बहन रीमा जैन पहुंचे हाईकोर्ट
राजीव कपूर की पूर्व पत्नी आरती सभरवाल

रणधीर कपूर और रीमा जैन के वकील ने कहा, “सिर्फ भाई और बहन ही राजीव कपूर की प्रॉपर्टी के हकदार हैं। हमारे पास उनके तलाक के कागज नहीं हैं। हम इसे ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमे यह नहीं मिले हैं। उन्हें तलाक के कागज पेश करने से छूट दी जाए।”

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जिसपर जस्टिस गौतम ने कहा है कि कोर्ट तलाक के आदेश के कागज पेश न करने की छूट देने के लिए तैयार है लेकिन पहले स्वीकृति पत्र दिया जाए। जस्टिस गौतम पटेल ने अपने आदेश में यह भी कहा, “रीमा जैन के 21 अप्रैल के अतिरिक्त हलफनामे में इस तलाक के तथ्य की फिर से पुष्टि है। यह नोट करता है कि सार्वजनिक डोमेन में कुछ सामग्री है जो तलाक का उल्लेख करती है।” बता दें फिलहाल इस मामले की सुनवाई अभी स्थगित कर दी गई है।


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