जंजीर से बांधकर रखे गए पत्रकार कप्पन को AIIMS या RML स्थानांतरित करने का आदेश

जंजीर से बांधकर रखे गए पत्रकार कप्पन को AIIMS या RML स्थानांतरित करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि केरल के गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन को इलाज के लिए आरएमएल या एम्स में स्थानांतरित किया जाए या वहां जहां उनका इलाज किया जा सके। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कप्पन को इलाज के बाद, डॉक्टर की तरफ से पूरी तरह से ठीक हो जाने की प्रमाणिकता के बाद वापस मथुरा जेल में स्थानांतरित किया जाएगा।

कल कप्पन की रिहाई को लेकर हैबियस कॉर्पस की ओर से लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एन.वी. रमना ने कहा कि आप (सॉलिसिटर जनरल और उत्तर प्रदेश सरकार) मामले में आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करें। इसके बाद सुनवाई आज बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया गई था।

सिद्दीक कप्पन की पत्नी ने सीजेआई को पत्र लिखकर अपने पति की रिहाई की मांग की है। कप्पन की पत्नी रेहंथ कप्पन ने लिखा था, “कप्पन को एक जानवर की तरह बिस्तर से जंजीरों से बांध कर रखा गया है और अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो इससे उनकी असमय मृत्यु हो जाएगी।” बीते हफ्ते कप्पन कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं, केरल के 11 सांसदों ने भी मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना को पत्र लिखकर कप्पन के मामले में तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई थी।

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जंजीर से बांधकर रखे गए पत्रकार कप्पन को AIIMS या RML स्थानांतरित करने का आदेश

दरअसल, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। उन्होंने लिखा, ” ऐसा बताया जा रहा है कि पत्रकार सिद्दीक कप्पन को कोरोना संक्रमण के बाद मथुरा के केवीएम अस्पताल में भेजा गया है, जहां अस्पताल के बिस्तर पर उन्हें जंजीर से बांधकर रखा गया है, जबकि उनकी हालत काफी गंभीर है। उन्हें डायबिटीज़ है, दिल की बीमारी है।”

केरल के मुख्यमंत्री ने पत्र में ये भी लिखा है कि सामान्य लोग और मीडिया बिरादरी के लोग विशेष रूप से पत्रकार कप्पन की स्थिति और मानवाधिकारों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं और उनकी दुर्दशा के बारे में बहुत चिंतित हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से उन्हें मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। विजयन ने पत्र में ये भी कहा है कि पत्रकार कप्पन को एक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में स्थानांतरित करने पर भी गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए जहां उनकी जान बचाई जा सके।

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कप्पन को उत्तर प्रदेश पुलिस ने 5 अक्टूबर 2020 को सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती के हाथरस स्थित गांव जाते समय गिरफ्तार किया था। इस युवती की दुष्कर्म के दौरान पिटाई से बाद में मौत हो गई थी। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना था। सिद्दीक को 21 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित पाया गया था जिसके बाद उन्हें मथुरा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कप्पन की पत्नी ने सीजेआई को लिखे अपने पत्र में कहा है, “20 अप्रैल को जेल के बाथरूम में गिरने से सिद्दीक को चोटें आई थीं। उसके अगले दिन वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उसके बाद उन्हें मथुरा के के.एम. मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित किया गया था। यहीं पर इस समय वह मौजूद हैं। यहां पर उन्हें बेड से बांधकर रखा गया है। इसके चलते सिद्दीक न खाना खा पा रहा है, न चल-फिर पा रहा है, न शौचालय जा पा रहा है।” रेहंथ कप्पन ने आगे लिखा कि चार दिन से वे इसी दशा में है। इसके चलते उसकी हालत बिगड़ रही है। अगर राहत के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो वे बहुत जल्द मौत के शिकार हो जाएंगे।

बता दें कि यूपी पुलिस ने कप्पन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत राजद्रोह, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने और दुर्भावनापूर्ण उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया है। साथ ही, कप्पन पर गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं।

पुलिस का कहना है कि कप्पन को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि वे दलित लड़की के बलात्कार और हत्या के विरोध के बीच वहां कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी करने और जातिगत दंगों की साजिश रचने के लिए हाथरस जा रहे थे। पुलिस ने अपने दायर चार्जशीट में आरोप लगाया कि कप्पन और अन्य लोगों ने दोहा और मस्कट में स्थित वित्तीय संस्थानों से लगभग 80 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त की जिसका मकसद उत्तर प्रदेश में गड़बड़ी फैलाना था। पुलिस ने यह भी आरोप है कि कप्पन और उनके साथियों के लैपटॉप और मोबाइल फोन से कई सबूत बरामद किए गए हैं।


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