ठंड के मौसम में नहाना एक जंग की तरह है। पानी छूते ही लगता है आज छोड़ देते हैं कल नहाया जाएगा। फिर कल भी वही होता है। ऐसे कर आलस बढ़ता चला जाता है। खैर ठंड तो खत्म हो गई। अब तो नहाना कोई बड़ी बात नहीं। और आलस तो बिल्कुल भी नहीं होनी चाहिए।
क्योंकि रोजाना नहाना सेहत के लिए बहुत जरूरी है। हालांकि, भारत में नहाने का अर्थ पवित्रता से लिया जाता है। क्योंकि लोगों को लगता है कि ऐसा करके वो अपने शरीर को पवित्र कर रहे हैं। कई लोग तो रोज पूजा-पाठ करने के लिए नहाना जरूरी समझते हैं। तो कई ऐसे भी हैं जो आलस के कारण नहीं नहाते। इसलिए आपके लिए जाना बेहद जरूरी है कि नहाने में आलस करना आपकी सेहत के लिए बुरा हो सकता है।

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आज आपकी बताएंगे रोजाना नहाने को लेकर विज्ञान क्या कहता है-
अध्ययन क्या कहते हैं?
नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल इनफार्मेशन (NCBI) में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, नहाने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। शोध में बताया गया कि कुछ लोगों पर अध्ययन करने पर पता चला कि रोजाना नहाने वाले लोगों के शरीर में दर्द, तनाव और अवसाद जैसे लक्षणों में कमी देखने को मिली। इसके अलावा नियमित नहाने से त्वचा में भी सुधार देखने को मिला।
रोजाना नहाने के फायदे
ह्रदय रोग का खतरा होता है कम
रोजाना नहाने से रक्तचाप में सुधार होता है और ब्लड वेसल्स बेहतर तरीके से काम करती हैं। हल्के गुनगुने पानी से नहाने से ब्लड प्रेशर कम होता है और ह्रदय की प्रक्रियाओं में सुधार होता है। गुनगुने पानी से नहाने पर शरीर का रक्तचाप भी सुधरता है।

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श्वसन तंत्र मजबूत
हर रोज नहाने से आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है। दरअसल, गर्म पानी से नहाने पर दिल तेजी से धड़कने लगता है और ऑक्सीजन का लेवल बेहतर हो जाता है। यही नहीं गुनगुने पानी की भाप आपके साइनस और सीने को साफ करने में मदद करता है।
इसके अलावा ठंडे पानी में डुबकी लगाने से भी फेफड़ों की सेहत में सुधार होती है और ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ जाती है। यही कारण हैं कि तैरने को भी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है।
मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को शांति
रोजाना नहाने से दर्द और सूजन में तो कमी आती ही है साथ ही तंत्रिका तंत्र को शांति भी मिलती है। जिसके कारण शरीर में तनाव और चिंता का स्तर कम होने लगता है और आपके मूड में सुधार लाता है।

इसलिए स्केलेरोसिस से पीड़ित के लिए हाइड्रोथेरेपी मदद करती है क्योंकि पानी का तापमान और दबाव धीरे-धीरे रीढ़ के दर्द को कम करता है। इसके साथ ही पोस्टुरल स्थिरता प्रदान करता है और पार्किंसन्स रोग जैसी स्थितियों से जुड़े लक्षणों को रोजाना नहाने से कम कर सकता है।
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मांसपेशियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद
हर रोज नहाने से ऑस्टियोआर्थराइटिस के जोखिम को कम करता है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स को भी कम करता है। नहाने से शरीर में रक्त का प्रवाह अच्छा रहता है, जिससे जोड़ों और मांसपेशियों की कसरत हो जाती है। यही नहीं रोजाना स्नान करने से इम्युनिटी भी बढ़ती है और ये सर्दी या फ्लू से राहत देने में मदद करती है।

हार्मोन का संतुलन
रोजाना स्नान करने से पिट्यूटरी ग्रंथि जैसे एड्रेनोकोर्टिकोट्रोपिक हार्मोन या एसीटीएच और अन्य हार्मोन जैसे बीटा एंडोर्फिन और कोर्टिसोल द्वारा जारी हार्मोन अधिक संतुलित होते हैं। खासकर हल्के गुनगुने पानी से स्नान करने पर सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ा सकता है, जो मस्तिष्क में हैप्पी हार्मोन रिलीज करता है।
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त्वचा के लिए फायदेमंद
गुनगुने पानी से स्नान करने से ये हमारे छिद्रों को खोलता है और हमारे पसीने का कारण बनता है, जोकि शरीर को प्राकृतिक तरीके से नमी पहुंचाता है। गर्म पानी से नहाने से बैक्टीरिया मरते हैं और प्रतिरक्षा में सुधार करता है। जबकि ठंडा पानी हमारी त्वचा को कस सकता है और पसीना और खुले छिद्रों को कम कर देता है।
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