इस्राइल का लेबनान पर हमला, हथियार सौदे के बाद अमेरिका का युद्धविराम पर सहमति

इस्राइल का लेबनान पर हमला, हथियार सौदे के बाद अमेरिका का युद्धविराम पर सहमति

इस्रायल ने मंगलवार को गाजा पट्टी पर जमकर बमबारी की। फिलिस्तीनी समूहों ने भी इस्रायल के शहरों की ओर रॉकेट दागे। इस्रायली सेना ने कहा कि फिलिस्तीनी समूहों ने देश के दक्षिण छोर से छह असफल रॉकेट दागे जिसके जवाब में इस्राइल ने लेबनान पर भी गोलाबारी की।

लेबनान में मौजूद संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) ने कहा है कि वह क्षेत्र में इस्राइल की ओर से दागे गए रॉकेट के बाद लेबनानी सेना के समन्वय स्थापित कर दक्षिणी लेबनान में सुरक्षा नियंत्रण को ठीक करने में जुटा है।

यूनिफिल ने ट्वीट कर आगे कहा कि स्थानीय आबादी की सुरक्षा और दक्षिणी लेबनान की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली किसी भी घटना को रोकने के लिए उसने गश्ती बढ़ा दी है। फिलहाल क्षेत्र में स्थिति अब शांत है।

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उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने इजरायल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत के बाद युद्धविराम के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है। व्हाइट हाउस ने कहा कि बिडेन ने निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए इजरायल से बात की।

अमेरिका के संघर्ष विराम पर सहमति जताने के बाद, अमेरिकी कांग्रेसवुमन इल्हान उमर ने ट्वीट कर लिखा है, “आखिरकार!! युद्धविराम का समर्थन करने में हमारी देरी ने बच्चों की हत्या और संहार किया है। अब बिडेन को कब्जे को खत्म करने के लिए जोर लगाना होगा।”

गाजा पर शासन करने वाले इस्राइल और हमास के बीच ताजा तनाव अब अपने दूसरे सप्ताह में है और इसमें कमी के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। 10 मई को शुरू हुई हिंसा के बाद से गाजा में 61 बच्चों सहित कम-से-कम 212 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। जबकि 1,500 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं। वहीं, इस्राइल ने दो बच्चों समेत 10 इस्राइली लोगों की मौत की सूचना दी है।

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जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ बात की और कहा कि यह फिलिस्तीनियों के खिलाफ इस्रायल की बार-बार उकसाने वाली कार्रवाई है। उन्होंने गुटेरेस से यह भी कहा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए, यरुशलम में इस्राइल के उल्लंघन को रोकने के लिए सक्रिय रूप से आगे बढ़ना चाहिए और गाजा पर हो रहे आक्रमण को रोकना चाहिए।

दूसरी तरफ खबर है कि अमरीका ने ऐसी घड़ी में जब इस्राइल लगातार आगे बढ़ रहा है और फिलिस्तीनियों की हत्याएं कर रहा है इस्राइल के 735 मिलियन डॉलर के हथियारों का सौदा किया है।

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मानवाधिकार समूह एमनेस्टी ने फिलिस्तीनी सशस्त्र समूहों के साथ नवीनतम संघर्ष के बीच इस्रायल को 735 मिलियन डॉलर के हथियार बेचने की अमेरिकी योजना की निंदा की है। उसने कहा है कि यह सौदा दुनियाभर में मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को कमजोर करता है।

मध्य पूर्व में एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए के एडवोकेसी डायरेक्टर फिलिप नासिफ ने कहा कि ऐसे जब अमेरिका की ओर से दिए हथियारों का इस्तेमाल युद्ध अपराध के लिए किया जा सकता है, यह सौदा किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार, नागरिकों के खिलाफ और हमलों को बढ़ावा देने का जोखिम उठा रही है।

बीते गुरुवार को चीन ने इस्राइल-फिलिस्तीनी संघर्षों को लेकर अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाया था कि उन्हें इसका बहुत खेद है कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र को इस हिंसा के खिलाफ खुलकर नहीं बोलने दे रहा है।

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चीनी विदेशमंत्री वांग यी ने एक वर्चुअल सेशन में कहा, “यह दु:खद है कि सिर्फ एक देश (अमेरिका) की वजह से सुरक्षा परिषद एक स्वर में अपनी बात नहीं रख पा रहा है। हम अमेरिका से अपील करते हैं वो अपनी ज़िम्मेदारियां उठाए।”

चीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से गाजा में हो रहे खून-खराबे को रोकने के लिए और अधिक कोशिशों की जरूरत है। दरअसल, इस्राइल के साथ हमेशा खड़ा रहने वाला अमेरिका ने पिछले हफ्ते इसराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के मुद्दे पर होने वाली एक बैठक को टाल दिया था और इस बारे में कोई बयान देने में भी कोई उत्साह नहीं दिखाया था। हालांकि, अब जब उसने इस्राइल के साथ 735 मिलियन डॉलर सौदे का करार किया है, संघर्ष विराम पर सहमति जताई है।


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