फिश ऑयल यानी ओमेगा 3 का इस्तेमाल कितना फायदेमंद और नुकसानदायक

फिश ऑयल यानी ओमेगा 3 का इस्तेमाल कितना फायदेमंद और नुकसानदायक

इंसानी शरीर को सेहतमंद रहने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acid) यानी फिश ऑयल बहुत जरूरी है। अगर आप सीफूड के शौकिन हैं तो आपको बता दें कि ये मछली में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कई लोग चुंकि भाग-दौड़ की जिंदगी में मछली का सेवन ठीक से नहीं कर पाते हैं उनके लिए मछली के तेल का कैप्सूल बाजार में आता है।

इस कैप्सूल में व्यापक रूप से सैल्मन, माइलेट, मैकेरल, ट्यूना, ब्लूफिश, कॉड, हलिबूट, हेरिंग, सार्डिन, ट्राउट, व्हेल ब्लबर वगैरह मछलियों के तेल से बने सप्लीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है। इन कैप्सूल्स में ओमेगा -3 फैटी एसिड जैसे- डकोसाहेक्साइनाइक एसिड (DHA) और एकोसैपेंटेनोइक एसिड (EPA) , विटामिन, खनिज, प्रोटीन और दूसरे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, मछली के तेल में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड और गामा-लिनोलेनिक एसिड होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छा होता है।

अगर अगर आप मछली डायरेक्ट खाते हैं तो सबसे बेहतर है। लेकिन ऐसा सम्भव नहीं हो पाता तो मछली के तेल का सेवन कर करते हैं जिसके अनगिनत फायदे हो सकते हैं। हालांकि, अधिकतर लोगों को इसके बारे में नहीं पता होता है। फिश ऑयल वजन घटाने से लेकर त्वचा, बाल, और हड्ड्यिों को मजबूत रखने में फायदेमंद है। इसमें मौजूद डीएचए और ईपीए नामक तत्व परफेक्ट बॉडी शेप बनाए रखने में मदद कर सकता है।

बाजार में ऑयल फिश कैप्सूल्स के सैकड़ों ब्रांड मौजूद हैं। आप फिश ऑयल के फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे। कई लोग फिश ऑयल कैप्सूल्स बेनिफिट्स के बारे में जानना चाहते हैं। लेकिन अधिकतर लोग फिश ऑयल के नुकसान के बारे में ठीक से नहीं जानते हैं। कई लोग कैप्सूल फायदे के लिए लेते हैं पर नुकसान देखने को मिलने लगता है। ऐसे में इसको लेकर लोगों बीच हमेशा शंका बनी रहती है। इसलिए आज हम यहां मछली तेल के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में बताएंगे ताकि कोई शंका बाकी न रहे।

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फिश ऑयल के फायदे (Benefits of Fish Oil)

फिश ऑयल यानी ओमेगा 3 का इस्तेमाल कितना फायदेमंद और नुकसानदायक

❒ मछली के तेल का सेवन करने से हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। यह हड्डियों से जुड़ी बीमारियों ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) यानी कमजोर हड्डियों को ठीक करने में मदद कर सकता है। इसका सेवन करने से हड्डियों का घनत्व यानी डेंसिटी बढ़ता है।

❒ मछली तेल का उपयोग कर आप अपने वजन घटा सकते हैं। एक शोध के मुताबिक, 6 ग्राम रोजाना मछली का तेल शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने में मदद कर सकता है।

❒ फिश ऑयल सप्लीमेंट इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाकर टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को फायदा पहुंचाता है। हालांकि, इस पर अभी और शोध होना बाकी है।

❒ फिश ऑयल कैप्सूल त्वचा को बेहतर बनाकर आपकी सुंदरता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) का उपयोग त्वचा के कई रोगों के इलाज और उसके रोकथाम में किया जा सकता है।

❒ आँखों की रौशनी के लिए फिश ऑयल अच्छा माना जाता है। इसका सेवन उम्र के साथ बढ़ती आंखों की समस्याओं को कम करने में सहायक पाया गया है।

❒ फिश ऑयल के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसमें मौजूद इकोसैपेंटेनोइक एसिड और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है।

❒ फिश ऑयल स्किन के साथ-साथ ही बालों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। फिश ऑयल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड की वजह से बाल घने और मजबूत होते हैं। यह बालों मजबूत करने में मदद करता है।

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फिश ऑयल के नुकसान (Disadvantages of Fish Oil)

फिश ऑयल यानी ओमेगा 3 का इस्तेमाल कितना फायदेमंद और नुकसानदायक

❑ फिश ऑयल से जुड़ी किसी भी सप्लीमेंट खाने के स्किन पर किसी तरह का लाल निशान या रैशेज दिखाई दे रहा है तो तुरंत इसका सेवन करना बंद देना चाहिए। इसका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।

❑ अगर आपने ने फिश ऑयल कैप्सूल खाना शुरू कर दिया है और कमर में दर्द की शिकायत हो रही है तो खाना तुरंत बंद करें और अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। लिवर की बीमारी के कारण लोगों में मछली के तेल का सेवन करने से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है।

❑ अगर कैप्सूल लेने के बाद जीभ के स्वाद में कुछ तब्दीली महसूस हो रही है तो इसका कारण ये कैप्सूल भी हो सकते हैं। इसके अलावा अगर बदहजमी, डायरिया, उल्टी की परेशानी हो रही है तो फिर इन कैप्सूल का सेवन बंद कर दें। अपनी मर्जी से इसे न खाएं तो बेहतर है।

❑ फिश ऑयल कैप्सूल लेने के बाद पेट में गैस बन रहा है या डकार आ रहे हैं तो इनका तुरंत सेवन बंद कर दें। यह इस तेल की वजह से भी हो सकता है। इसके के अलावा फिश ऑयल कैप्सूल कई लोगों को पचाने में परेशानी होती है। कुछ लोगों को इसे खाने के बाद बुखार, छिंके, जुकाम या गले में खराश की परेशानी भी आ सकती है।

नोट: यह एक सामान्य जानकारी है। यह लेख किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर है।


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