कल से ट्रैक्टर मार्च और 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान नेता

कल से ट्रैक्टर मार्च और 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे किसान नेता

नई दिल्ली: किसान आंदोलन का आज 17वां दिन है। कृषि कानून के खिलाफ शुरू हुआ ये आंदोलन अब धीरे-धीरे तेज रफ्तार पकड़ता जा रहा है। आज किसानों ने सरकार के खिलाफ किलेबंदी की और जगह-जगह टोल प्लाजों पर धरना दिया। किसानों ने दिल्ली के आसपास के इलाकों में टोल प्लाजों को फ्री कर दिया। इसके बाद सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों ने एलान किया वे दो दिन बाद भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

शनिवार को संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा, “14 दिसंबर को सभी किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर एक ही मंच पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। हम चाहते हैं कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले, हम इनमें किसी प्रकार के संशोधन के पक्ष में नहीं हैं।” केंद्र पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “केंद्र सरकार हमारे आंदोलन को विफल करना चाहती है, लेकिन हम इसे शांतिपूर्वक जारी रखेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हम अपने आंदोलन को विफल करने के लिए केंद्र द्वारा किसी भी प्रयास को कामयाब नहीं होने देंगे। हमें विभाजित करने और हमारे आंदोलन के लोगों को भड़काने के लिए सरकार ने कई प्रयास किए थे, लेकिन हम शांतिपूर्वक ढंग से इस आंदोलन को जीत की ओर ले जाएंगे।”

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पन्नू ने इसके बाद कहा, “हजारों किसान ‘दिल्ली चलो’ के आह्वान के साथ रविवार सुबह 11 बजे राजस्थान के शाहजहांपुर से ट्रैक्टर मार्च शुरू करेंगे और जयपुर-दिल्ली हाइवे को जाम करेंगे। हमारे देशव्यापी आह्वान के बाद हरियाणा के सभी टोल प्लाजा आज टोल फ्री हैं।” हालांकि, कमल प्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि अगर सरकार एक बार फिर से बातचीत शुरू करना चाहती है, तो हम तैयार हैं, लेकिन हम पहले तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने पर चर्चा करेंगे।”

दूसरी तरफ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के नेता सरदार वीएम सिंह ने मीडिया से कहा, “बाकी संगठन सरकार से बात करें न करें हम बातचीत के लिए तैयार हैं। उनका डेडलॉक है हमारा नहीं। सरकार हमसे बात करे। हमारी मुख्‍य मांग एमएसपी की गारंटी है। बाकी बातचीत में देखेंगे।”

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उन्होंने कहा, “हम एमएसपी पर आश्वासन चाहते हैं। हम इसके तहत अपनी उपज की खरीद की गारंटी चाहते हैं। एमएसपी गारंटी विधेयक लाने पर किसान लाभान्वित होंगे।” वहीं, उत्‍तर प्रदेश के किसान नेता डूंगर सिंह ने कहा, “हम आलू, गन्‍ना, अनाज, सब्‍जी और दूध समेत सभी उपज पर एमएसपी चाहते हैं। हम लिखित रूप ये यह गारंटी नहीं चाहते हैं। लेकिन हम एमएसपी के लिए एक कानून चाहते हैं।”

उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों से शुक्रवार को कहा था कि किसान अपने मंच का दुरुपयोग नहीं होने देने के लिए सतर्क रहें। दरअसल, शुक्रवार को टिकरी बॉर्डर पर विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किए गए सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करने वाली तख्तियां लिए कुछ प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें वायरल हुई थी।

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भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से जब आज सरकार के तरफ से आए इन आरोपों से संबंधित सवाला पूछा गया कि क्या ‘राष्ट्र-विरोधी तत्व’ आंदोलन में शामिल हो गए हैं? तो टिकैत ने कहा, “अगर किसी प्रतिबंधित संगठन के लोग हमारे बीच घूम रहे हैं, तो उन्हें सलाखों के पीछे डाल दें। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को उन्हें जरूर पकड़ना चाहिए। हमें ऐसा कोई व्यक्ति यहां नहीं मिला, अगर हम ऐसा कोई मिला तो हम उन्हें वापस भेज देंगे।” भाकियू नेता ने कहा कि सरकार जब तक तीनों नए कानूनों को निरस्त नहीं करती है तब तक किसानों के घर लौटने का सवाल ही नहीं है।

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