दक्षिण अफ्रीका में सार्स-कोव-2 वायरस (कोविड-19) के नए स्वरूप का पता लगने के बाद हर तरफ अफरा-तफरी मची हुई है। ओमिक्रोन वैरिएंट को अब तक का सबसे अधिक म्यूटेशन वाला कोरोना वायरस का रूप बताया जा रहा है। हालांकि, कुछ लोग जानकारी के अभाव में पैनिक हो रहे हैं जो सही नहीं है।
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर में पेश आया है। यहां कल्याणपुर के डिविनिटी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 501 में रहने वाले डॉक्टर सुशील कुमार ने शुक्रवार शाम अपनी शिक्षक पत्नी चंद्रप्रभा (48), बेटा शिखर (18) और बेटी खुशी (16) की निर्मम हत्या कर दी।
वारदात के बाद रूरा में तैनात भाई को मैसेज कर जानकारी भी दी। मैसेज पढ़कर फ्लैट पहुंचे भाई के सामने पुलिस ने दरवाजे का लॉक तोड़ा और अंदर दाखिल हुई, जहां पत्नी और बच्चों के शव अलग-अलग कमरों में पड़े मिले।
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शवों के पास से एक नोट बरामद हुआ जिसमें बताया गया है कि कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रोन की वजह से डॉ. सुशील दहशत और डिप्रेशन में है। वारदात को अंजाम देने के बाद डॉ. सुनील कहां गायब हो गए हैं किसी को कुछ नहीं मालूम।
बताया जाता है कि डॉ. सुशील मंधना के रामा मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विभाग में हेड ऑफ डिपार्टमेंट हैं। डॉ. सुशील ने शुक्रवार शाम 5:32 बजे रूरा निवासी अपने भाई सुनील को मैसेज भेजा जिसमें लिखा था कि भैया पुलिस को इन्फॉर्म कर दो मैंने डिप्रेशन के चलते…..।
मैसेज देखकर सुनील ने फोन करना शुरू किया तो कोई जवाब किसी के नंबर से नहीं मिला। वह आनन-फानन में अपार्टमेंट पहुंचे। दरवाजा न खोलने पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस दरवाजा तोड़कर भीतर घुसी तो देखा कि चंद्रप्रभा, शिखर और खुशी का शव अलग-अलग कमरों में पड़ा था।
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पुलिस कमिश्नर असीम अरुण, एडिशनल सीपी क्राइम आनंद प्रकाश तिवारी, डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल के साथ फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। तीन घंटे तक तफ्तीश करते हुए साक्ष्य जुटाए। मूल रूप से डॉ. सुशील कुमार रायबरेली के रहने वाले थे।
बताया जा रहा कि डॉ. सुशील कुमार ने हथौड़े से पत्नि चंद्रप्रभा का सिर कूंचा। जिस तरह से सिर क्षत विक्षत था उससे स्पष्ट है कि जब तक चंद्रप्रभा की सांसें थम नहीं गईं तब तक उन पर वार करता रहा।
वहीं, शिखर और खुशी का गला घोंटा गया था। चंद्रप्रभा शिवराजपुर स्थित एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका थीं। शिखर दिल्ली के कैड इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। बेटी वुडबाइन स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई कर रही थी।
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डॉ. सुशील के घर से एक डायरी बरामद हुई है। डायरी में एक नोट लिखा है। एक जगह लिखा है- “अब लाशें नहीं गिननी हैं Omicron”। नोट में डॉक्टर ने खुद को लापरवाह बताते हुए जीवनलीला खत्म होने की बात कहीं। लिखा है कि परिवार को खत्म करके खुद को खत्म कर रहा हूं।
डॉ. सुशील ने नोट में लिखा है-“… मैं अपने परिवार को कष्ट में नहीं छोड़ सकता। सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर जा रहा हूं। सारे कष्ट एक ही पल में दूर कर रहा हूं। अपने पीछे किसी को कष्ट में नहीं देख सकता था। मेरी आत्मा कभी मुझे माफ नहीं करती। अलविदा…!”
पुलिस को आशंका है कि कहीं सुशील खुद को नुकसान न पहुंचा ले। क्राइम ब्रांच समेत कई अलग-अलग टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। हालांकि, डॉक्टर की दोनों कारें अपार्टमेंट में खड़ी हैं। संभावना है कि वह वहां से पैदल निकल गए हों। उसका मोबाइल भी बंद है। इसलिए पुलिस उसको ट्रेस नहीं कर पा रही है। हर एक थाने की पुलिस को सुशील की फोटो भेजकर तत्काल तलाश करने के निर्देश पुलिस कमिश्नर ने दिए हैं।
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया, “आरोपी डॉक्टर का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। जिसका लंबे समय से इलाज चल रहा था। पुलिस को मौके से एक डायरी बरामद हुई है। जिसमें आरोपी ने परिवार की हत्या व अन्य बातें लिखी हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। इसमें सर्विलांस की टीम भी शामिल है। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।” हालांकि, कुछ लोग इस हत्याकांड को दूसरे एंगल से भी देख रहे हैं।
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