नई दिल्ली: किसान आंदोलन का सबके अधिक कहीं प्रभाव पड़ा है तो वह है हरियाणा राज्य। अगर आज किसानों के पांचवें दौर की वार्ता सफल नहीं होती है तो राज्य की राजनीतिक रुख बदल सकती है। वैसे भी हरियाणा कांग्रेस ने एलान किया है कि वह बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा, “किसानों को दिल्ली जाने से रोकने की बड़ी गलती कर प्रदेश सरकार लोगों और विधायकों का विश्वास हार चुकी है।”
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पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने यह बातें गुरुग्राम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने गवर्नर से कहा कि वो हरियाणा विधानसभा का एक आपात सत्र बुलाएं। उन्होंने कहा, “तीन निर्दलीय विधायक सरकार से बाहर आ चुके हैं। लोगों का विश्वास हारने के बाद सरकार विधायकों का विश्वास भी हार रही है। हम गवर्नर से किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक आपात सत्र बुलाने की मांग करते हैं। उसमें हम लोगों और विधानसभा का विश्वास खो चुकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “अगर किसानों को ना रोका गया होता, अगर उन पर वॉटर कैनन ना चलाई गई होती, अगर किसानों पर आंसू गैस के गोले ना दागे गए होते, तो शायद यह स्थिति नहीं बनती। हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए यह कदम निंदनीय हैं। यह सरकार की अब तक की सबसे बड़ी गलती है।”
हुड्डा ने एक ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, “अविश्वास प्रस्ताव दोगली भूमिका वाले एमएलए व पार्टियों का ख़ुलासा करेगा। जनता को पता चले कौन-सा विधायक कुर्सी के साथ, कौन किसान के साथ। बीते 1 हफ्ते में 3 निर्दलीय एमएलए सरकार से किनारा कर चुके। गठबंधन सरकार जनता का विश्वास खोने के बाद, तेज़ी से विधायकों का भी विश्वास खो रही है।”
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हुड्डा ने कहा कि किसानों और उनकी मांग के समर्थन में कांग्रेस पूरी तरह से है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार के सहयोगी निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने सबसे पहले सरकार से समर्थन वापस लिया था। उन्होंने राज्य के पशुसंवर्द्धन बोर्ड से भी इस्तीफा दे दिया था।
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