छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला में सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमला, लगा कर्फ्यू

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला में सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमला, लगा कर्फ्यू

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा की खबर है। हिंसक घटनाओं के बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ में जिले में इंटरनेट की सेवाएं भी बंद कर दी गई है। इसके अलावा जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है।

सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कुछ हिंसक भीड़ सड़क पर जा रही है और हिंसक नारे लगा रही है। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी रायपुर से करीब 126 किलोमीटर दूर स्थित कबीरधाम जिले के मुख्यालय कवर्धा में धार्मिक झंडे को हटाने को लेकर रविवार को दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी।

घटना के बाद मंगलवार को​​ हिंदू संगठनों ने रैली निकाली गई जिसकी अनुमति प्रशासन ने नहीं दी थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शहर में भीड़ ने घरों और दुकानों पर पथराव किया है। भीड़ को तितर-बितर करने के प्रयास में कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई है।

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बीबीसी के मुताबिक, जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया, “अभी तो कर्फ्यू लगा हुआ है। पुलिस लगातार गश्त कर रही है। शहर के भीतर एक हजार से अधिक जवानों को तैनात किया गया है। हालांकि, अभी स्थिति नियंत्रण में है लेकिन हम इस पर नज़र बनाए हुए हैं।”

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभी तक हिंसक गतिविधियों में लिप्त 66 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के कबीरधाम पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया और पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के दिशा-निर्देश दिए हैं।

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला में सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमला, लगा कर्फ्यू

देखा जाए तो सांप्रदायिक सौहार्द्र के लिए कवर्धा के नाम से चर्चित कबीरधाम जिला जाना जाता रहा है। इसी इलाके से कबीरपंथ के चार आचार्य भी हुए हैं। कबीरधाम, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह जिला है। इसके अलावा राज्य के वन मंत्री और प्रवक्ता मोहम्मद अकबर इसी इलाके से विधायक हैं।

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रमन सिंह ने सरकार पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “ढाई-ढाई साल के खेल में सरकार इतनी मशग़ूल है कि न उनसे क़ानून व्यवस्था संभल रही है और न ही विकास संभल रहा है। कवर्धा जैसी शांत जगह में अब ये इतनी बड़ी घटना हो जाती है कि लाठी चार्ज करना पड़ जाता है। सरकार को ध्यान देना चाहिए।”

बताया जा है कि भाजपा बुधवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को कबीरधाम भेजने की घोषणा की है। दूसरी तरफ राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि व्यवस्था को बनाए रखने के दृष्टिकोण से पुलिस बेहतर काम कर रही है।

कबीरधाम की घटना को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिक उन्माद की कोई घटना नहीं हुई है। साहू ने आगे कहा कि कबीरधाम की घटना को किसी सांप्रदायिक चश्मे से देखना ठीक नहीं है।

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला में सांप्रदायिक हिंसा, पुलिस पर हमला, लगा कर्फ्यू

उन्होंने कहा, “हम ऐसा कोई काम नहीं करते, जिससे धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिकता बढ़े। हम लोग कोशिश करते हैं कि उसे किस तरीके से रोका जाए।” वहीं, पुलिस का कहना है कि लोहारा नाका चौक पर रविवार को बिजली के खंबे पर एक झंडा लगाने और फिर उसे उतारने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई।

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झंडा लगाने वाले युवक के साथ भी मारपीट की गई। घटना के दो दिन बाद यानी मंगलवार को भाजपा और विश्व हिंदू परिषद ने कबीरधाम को बंद रखने का एलान कर दिया। हालांकि, प्रशासन ने धारा 144 लागू लाए हुई थी पर भारी संख्या में पहुंची भीड़ ने एक बड़ी रैली निकाली जिसमें साम्प्रदायिक नारे लगाए गए।

भाजपा और विश्व परिषद के लोगों ने माग रखी कि इस विवाद में जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें गिरफ्तार किया जाए। वहीं, पुलिस का कहना है कि कबीरधाम जिले में सुनियोजित तरीके से भीड़ को भड़काने की कोशिश की गई।

बताया जा रहा है कि शहर को बंद कराने वाली रैली में कई पड़ोसी जिलों से लोग मंगलवार को शहर पहुंचे थे जिन्होंने जगह-जगह तोड़फोड़ की और आगजनी की। पुलिस दावा कर रही है कि हिंसक और बेक़ाबू भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया, इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इधर, मंगलवार की देर शाम, जिला प्रशासन ने उसी जगह पर फिर से झंडा लगा दिया, जिस जगह से विवाद शुरू हुआ था।


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