कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दी। फारूकी ने हाई कोर्ट के जमानत नहीं देने के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई थी। जिस पर न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है।
Supreme Court gives interim bail to comedian Munawar Faruqui who was arrested by Madhya Pradesh police in a case related to allegedly hurting religious sentiments. SC issued notice to MP Police on Faruqui’s plea challenging the MP High Court order declining him bail in the case. pic.twitter.com/VDa3px5ZHD
— ANI (@ANI) February 5, 2021
इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान पीठ ने कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए फारूकी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज मामले में जारी पेशी वारंट पर भी रोक लगा दिया है।
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Just in | SC releases comedian #MunawarFaruqui on ad-interim bail. Issues notice to Madhya Pradesh govt. Acknowledges Faruqui’s argument that allegations are vague. Notes arrest did not follow procedure u/s 41 CrPC (arrest without warrant).
— The Hindu (@the_hindu) February 5, 2021
– @kdrajagopal reports.
फारूकी समेत पांच लोगों को हिंदूवादी नेता एकलव्य गौड़ सिंह की शिकायत पर 1 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। एकलव्य गौड़ भाजपा विधायक और महापौर मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे हैं। उन सभी पर आरोप लगाया गया था कि फारूकी ने नववर्ष के मौके पर इंदौर में हुए एक हास्य कार्यक्रम के दौरान हिंदू देवी-देवताओं तथा केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की।
तुकोगंज पुलिस स्टेशन के टाउन इंस्पेक्टर कमलेश शर्मा ने बीते दिनों मीडिया तो बताया था कि शिकायतकर्ता ने जो वीडियो सबमिट किया है, उसमें एक दूसरा कॉमेडियन भगवान गणेश के बारे में मजाक करता दिख रहा है। कमलेश शर्मा ने साफ शब्दों में कहा था, “हिंदू देवताओं या गृहमंत्री अमित शाह का अपमान करते हुए उनके (मुनव्वर फारुकी) के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।”
इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट जारी कर जीनोशा अग्नीस नामक एक चश्मदीद ने बताया था कि उस दिन शो की रात क्या हुआ था। उन्होंने लिखा था, “जैसे ही मुनव्वर को स्पॉटलाइट मिली, ‘पॉलिटिकल कनेक्शन वाला एक शख्स’ अपने कुछ ‘दोस्तों’, जो कि ‘ऑडियंस’ में बैठे थे, स्टेज की तरफ बढ़ने लगे। मैंने आयोजकों को ‘चुप चाप वहां बैठ जा’ बोलते हुए सुना, और ‘पॉलिटिकल कनेक्शन वाले शख्स’ ने माइक ले लिया और अपनी धार्मिक भावनाएं आहत होने के बारे में बोलने लगा।”
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अग्नीस ने लिखा था कि तब तक मुनव्वर ने परफॉर्म करना भी शुरू नहीं किया था, जब शख्स स्टेज पर आ गया। उन्होंने आगे लिखा था, “असलियत में, उन्होंने कोई आपत्तिजनक बातें नहीं की। उनके जोक ने न हिंदू धर्म का अपमान किया न इस्लाम धर्म का। मुनव्वर ने बहुत विनम्रता से साफ किया कि उनका कभी किसी को चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था और उन्हें साथ बैठकर अपना शो देखने के लिए कहा। मुनव्वर ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाला। ‘दोस्तों’ वाली भीड़ तितर-बितर हो गई, कुछ लोग वहीं रुक गए।” यह कार्यक्रम शादी समारोह के दौरान हुआ था।
वहीं दूसरी शिकायतकर्ता एकलव्य सिंह गौड़ ने कहा था, “हमें इंदौर में फारुखी के शो को लेकर सूचना मिली थी। हम वहां पहुंचे और देखा कि वो हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ा रहे हैं। हमने वीडियो भी रिकॉर्ड किया। हमने शो को बंद किया और लोगों से जाने के लिए कहा। उन्होंने शो के लिए अनुमति नहीं ली थी। उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का भी उल्लंघन किया। हम उन्हें पुलिस स्टेशन ले गए और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई।”
मुनव्वर फारुकी ने सुप्रीम कोर्ट में कुल दो याचिकाएं दायर की हैं। एक में उन्होंने खुद को जमानत पर रिहा करने की गुहार लगाई है और दूसरे में अपने खिलाफ दर्ज अलग-अलग राज्यों में मुकदमों को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं याचिका पर अंतरिम जमानत देते हुए नोटिस जारी किया है। उनके खिलाफ पिछले महीने प्रयागराज में दर्ज केस में प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया। प्रयागराज पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट इंदौर सीजेएम कोर्ट और जेल में पेश किया। फिलहाल, इस प्रोडक्शन वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
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