पटना: जनतांत्रिक अधिकारों व नागरिक सरकारों को उठाने वाली पटना के नागरिकों की सक्रिय संस्था ‘सिटीजन फोरम’ पटना के सामान्य सभा (जीबी) अर्से बाद आयोजित की गई। बैठक में संगठन के स्वरुप, प्रकृति पर विशद चर्चा होने के साथ-साथ नई कमिटी का गठन किया गया। साथ ही संगठन को सुचारू रूप से चलाने के लिए नए संयोजकों का चयन किया गया। श्रीकृष्णा नगर के रोड नम्बर 23 स्थित ‘न्यू भारत मिशन’ के दफ्तर में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में शहर के कई सामाजिक कार्यकर्ता, प्रबुद्ध तथा गणमान्य लोग शामिल हुए। बैठक में संगठन को विस्तार देते हुए नये स्वरूप का गठन किया गया तथा आने वाले समय में कई कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव भी पास किया गया।
सिटीजन फोरम की बैठक को सुचारू रुप से चलाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता नन्दकिशोर सिंह, ‘फिलहाल’ पत्रिका की सम्पादक प्रीति सिन्हा, रंगकर्मी मोना झा, राजनेता अरुण मिश्रा और मज़दूर नेता अजय कुमार के नेतृत्व में अध्यक्ष मंडल गठित किया गया।
बैठक की शुरुआत में जयप्रकाश ललन ने पिछले एक वर्ष के कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। पटना शहर में होने वाले नागरिक हस्तक्षेपों और आम लोगों द्वारा मिलने वाले उसके समर्थन की चर्चा करते हुए और अधिक हस्तक्षेप की दशा में आ रही चुनौतियों का जिक्र किया गया।
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पिछले एक वर्ष में सिटीजन फोरम द्वारा नागरिक सवाल पर किए गए कार्यक्रम की समीक्षा रखी गई और उसमें सुधार के सुझाव मांगे गए। जिस पर कई सदस्यों ने अपनी बात रखी। मजदूर नेता छात्र नेता विश्वजीत कुमार, ग़ज़नफ़र नवाब, बुद्धिजीवी अशोक कुमार सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार सिन्हा, आंगनबाड़ी कर्मचारियों के नेता कौशलेन्द्र, महिला नेत्री निवेदिता झा, ग़ालिब खान, मनोज चन्द्रवंशी, शिक्षाविद अनिल कुमार राय, सामाजिक कार्यकर्ता सूर्यकर जितेंद्र, कवि आदित्य कमल ने कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे। इनलोगों ने समवेत स्वर में कहा कि नागरिकों के सवाल को और मजबूती से उठाने के लिए संगठन के स्वरूप में बदलाव कर उसे विस्तार दिया जाए।
इनलोगों ने सामान्य सभा में नागरिकों की एक सामान्य परिषद बनाने का सुझाव रखा जिसे बहस के बाद स्वीकार कर लिया गया। सुझाव में शहर के डॉक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर सहित समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को जोड़ने व शामिल करने पर जोर दिया गया ताकि ‘सिटीजन्स फोरम’ नागरिकों की प्रतिनिधि सभा बन सके।
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इसके बाद 51 लोगों की सामान्य परिषद का गठन किया गया। इसमें लगभग 10 स्थान रिक्त रखे गए। बीस सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया गया। संस्कृतिकर्मी अनीश अंकुर तथा मोना झा को संयुक्तरूप से इस समन्वय समिति का संयोजक चुना गया।
बैठक में कई प्रस्ताव भी पास हुआ। जिसमें किसानों आंदोलन को समर्थन व सहयोग करने की बात की गई। आने वाले दिनों में संगठन के दायरे को बढ़ाना, सक्रियता में तेजी लाना, नागरिक सवालों को मुखरता से उठाना तथा नागरिकों से जुड़े लगभग सभी महत्वपूर्ण मसले पर हस्तक्षेप का प्रस्ताव पास भी पास किया गया। पटना शहर में नागरिक सुविधाओं मसलन पैदल चलने वालों की स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं का हाल और इसके साथ साथ नागरिक प्रतिरोध के सिकुड़ते जा रहे स्थलों ओर चिंता व्यक्त करते हुए इसके लिए मजबूती से संघर्ष करने पर बल प्रदान किया गया।
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इन सभी प्रस्तावों को कार्यरूप में परिणत करने की जिम्मेदारी नई चुनी गई बीस सदस्यीय समन्वय समिति को सौंपी गयी। समन्वय समिति में चुने गए सदस्यों में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज चंद्रवंशी, प्रीति सिन्हा, जय प्रकाश, अजय कुमार, मणिलाल, सरफराज़, संजय श्याम, चंद्रकांता खान, मणिकांत पाठक, विनोद रंजन, अजय सिन्हा, नंदकिशोर सिंह, मनोज चन्द्रवँशी, गालिब , संजय श्याम, रामपुकार, रूपेश कुमार प्रमुख नाम हैं।
बैठक में काफी संख्या में शहर के गणमान्य तथा सामाजिक लोग मौजूद रहे, जिसमें गौतम गुलाल, सौजन्य उपाध्याय, आकांक्षा, निकोलाई शर्मा, रंजीत, राकेश कुमुद, साधना मिश्रा, कमलकांत कोइल, अमरनाथ, नागेश्वर, राजकुमार शाही आदि प्रमुख थे। सभा के अंत में एक मिनट का मौन रख पिछले दिनों दिवंगत लोगों को श्रद्धाजंलि दी गई।
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