नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में एक अजीबो-गरीब बीमारी फैल रहा है। राजधानी में एक खतरनाक फंगल संक्रमण फैलने के मामले सामने आने के बाद लोग सकते में हैं। पिछले 15 दिनों में दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में कोरोना से ठीक हुए 13 मरीजों में ‘म्यूकर माइकोसिस’ संक्रमण होने के मामले सामने आए हैं। उनमें से अब तक पांच मरीजों की मौत हो चुकी है। यह संक्रमण आंख, नाक और जबड़े को धीरे-धीरे चीरकर गला दे रहा है।
सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. मनीष मुंजाल ने बताया, “यह एक फंगल संक्रमण है जो कोरोना से ठीक हुए लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से फैल रहा है।” उन्होंने कहा कि इस बीमारी के बारे में अभी डॉक्टरों को भी सही जानकारी नहीं हैं। सामान्य डॉक्टर इसे न्यूरो की बीमारी बताकर रेफर कर रहे। उनके पास कई ऐसे मरीज आए हैं जो न्यूरो में रेफर किए गए थे।
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डॉ. मनीष मुंजाल ने बताया कि पिछले 15 दिनों में इसके मामले अचानक बढ़ने से हैरानी हुई है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से वे लोग पीड़ित हो रहे हैं जो कोरोना से ठीक हुए हैं। बीते 15 दिनों में ऐसे 13 मरीज सामने आए हैं जिसमें से पांच मरीजों की आंखों की रौशनी चली गई। इतना ही नहीं उनकी आंख सड़कर धीरे-धीरे खत्म हो रही थी। वहीं 7 मरीजों के जबड़े खत्म हो गए और उनकी सर्जरी करनी पड़ी है।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं और अपकी नाक बंद हो रही है या पपड़ी जम रही है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें। इसे अलावा इसके लक्षणों में गालों का सुन्न होना या इनमें सूजन आने जैसे लक्षण दिखते हैं। अगर ऐसे लक्षण दिखते हैं तो फौरन डॉक्टर के पास जाकर बताएं। हो सकता है यह बीमारी म्यूकोमरकोसिस हो।
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देर से पता चलने पर नाक में मौजूद इंफेक्शन आंख तक पहुंच सकता है जिससे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। अगला स्टेज और भी खतरनाक है क्योंकि आंख के रास्ते अगर ये संक्रमण ब्रेन तक चला जाए तो जान तक जा सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का इलाज है पर मरीज का सही समय पर अस्पताल पहुंचना जरूरी है।
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