कमल हासन और ओवैसी साथ मिलकर लड़ सकते हैं तमिलनाडु विधानसभा चुनाव

कमल हासन और ओवैसी साथ मिलकर लड़ सकते हैं तमिलनाडु विधानसभा चुनाव

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले हैं लेकिन अभी से राज्य का राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है। अभिनेता से नेता बने कमल हासन इस बार राज्य विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका अदा करने वाले हैं। वह दूसरे राजनीतिक दलों पर लगातार हमले कर रहे हैं। इसी बीच कमल हासन की पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) से गठजोड़ की चर्चा सुरू हो गई है।

सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि बिहार में अच्छे प्रदर्शन के बाद अब ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) से गठजोड़ हो सकता है। राज्य की 25 सीटों पर दोनों दल मिलकर चुनाव लड़ सकती हैं।

एआईएमआईएम से जुड़े सुत्रों का कहना है कि सोमवार को ओवैसी ने तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों पर राज्य के पार्टी पदाधिकारियों के साथ चर्चा की। तमिलनाडु चुनाव की योजना को अंतिम रूप देने के लिए हैदराबाद में मीटिंग हो रही है। इसमें पार्टी के त्रिची और चेन्नई में जनवरी में सम्मेलन होने की संभावना है।

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ओवैसी की पार्टी के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष वेकेल अहमद ने कहा, “पार्टी 25 से 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। उत्तर तमिलनाडु में हमारे पास एक मुस्लिम गढ़ है। हमें मदुरै, कृष्णगिरि, वेल्लोर और तिरुपथुर में अच्छा समर्थन मिल रहा है। एआईएमआईएम ने आखिरी बार वानीयंबादी से चुवाल लड़ा था।”

उन्होंने आगे कहा, “एआईएमआईएम तमिलनाडु की किन सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और कहां नहीं, इसे लेकर एक इंटरनल सर्वे चल रहा है। इसके रिजल्ट के आधार पर आगे की दिशा तय करेंगे।” बिहार विधानसभा चुनाव के बाद एआईएमआईएम का मनोबल बढ़ा हुआ है।

बिहार विधानसभा चुनावों में ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम बहुल पांच निर्वाचन क्षेत्रों – बैसी, अमौर, कोचाधामन, बहादुरगंज और जोकीहाट में अपने प्रत्यासी उतारे थे और जीत हासिल की थी। वहीं, हैदराबाद निकाय चुनावों में भी पार्टी 44 सीटें हासिल करने में भी कामयाब रही। इसबार उसने चार सीटों की बढ़त हासिल की। जबकि बीजेपी को दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा।

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ओवैसी ने बिहार चुनाव के बाद ही ऐलान किया था कि उनकी पार्टी अब तमिलनाडु चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगी। बता दें कि तमिलनाडु में रानीपेट, तिरुपत्तूर, वेल्लोर, कृष्णगिरि, रामनाथपुरम, त्रिची, पुदुकोट्टई, मदुरै और तिरुनेलवेली मुस्लिम बहुल जिले हैं।

माना जा रहा है कि इन जिलों के मुस्लिम मतदाता चुनावी गणित की दिशा बदलते रहे हैं और इस बार भी बदल सकते हैं। लिहाजा माना जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी इन्हीं सीटों पर दांव खेलेगी।

कमल हासन ने इस बीच आज सोमवार को ऐलान किया कि उनकी पार्टी 2021 का विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेगी। एमएनएम प्रमुख हसन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं बाद में उस निर्वाचन क्षेत्र की घोषणा करूंगा, जहां से मैं चुनाव लड़ूंगा।” उल्लेखनीय है कि अगले साल पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु और पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के एलान हो सकते हैं।

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