रोम: संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को नोबेल शांति पुरस्कार 2020 प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार संस्था को गुरुवार को दिया गया। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डेविड बीजली ने इस सम्मान को ग्रहण किया।
The right to food is one of everyone’s essential rights. 👥🌏🍲
— World Food Programme (@WFP) December 10, 2020
Today is #HumanRightsDay, and also the day WFP formally accepts the #NobelPeacePrize. This is a powerful reminder that peace and food security go hand in hand. pic.twitter.com/PHDrK8T7Bu
युद्ध और संघर्ष वाली जगहों पर वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने भूख को हथियार के रूप में इस्तेमाल से रोकने के लिए ड्राइविंग फोर्स के रूप में कार्य किया है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम 28वां संगठन है जिसे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह 12वीं बार है जब संयुक्त राष्ट्र के किसी संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है।
पुरस्कार ग्रहण करने के बाद संगठन के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डेविड बीजली ने कहा, ”ये कल्पना करना असंभव है कि 400 ईस्वी में रोम शहर में भीषण अकाल की वजह से पूरी आबादी के 90 प्रतिशत लोग मारे गए थे। उसी समय रोमन एम्पायर के पतन की शुरुआत हुई। सवाल ये है कि पतन की वजह से अकाल हुआ या अकाल की वजह से पतन हुआ? मेरे विचार में दोनों का जवाब है- हां।”
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उन्होंने आगे ने कहा, “इस धनी, आधुनिक, तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में ये कल्पना करना भी असंभव है कि हम उसी तरह के अकाल की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन आज मेरा कर्तव्य है कि मैं ये कहूं कि अकाल, मानवता की दहलीज पर आ पहुंचा है।”
डेविड बीजली ने कहा, ”अकाल को रोकने में विफल होने पर कई जानें जाएंगी और बड़ी तबाही होगी। हमारा मानना है कि खाद्य सुरक्षा में ही शांति का मार्ग निहित है। ये नोबेल पुरस्कार सिर्फ धन्यवाद के लिए नहीं, बल्कि कदम उठाने के लिए है।”
All our 2020 laureates have now received their prizes!
— The Nobel Prize (@NobelPrize) December 10, 2020
Earlier today the Executive Director of the World Food Programme @WFP, David Beasley, received the 2020 Nobel Peace Prize on behalf of the humanitarian efforts made by the organisation.
Learn more: https://t.co/vAqET82GxT pic.twitter.com/wZewNwBmxX
बता दें कि दुनिया का सबसे बड़े मानवीय संगठनों में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम भी है। ये संगठन दुनियाभर में फूड सिक्योरिटी को बढ़ावा देता है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने साल 2019 में 88 देशों में करीब 100 मिलियन लोगों को सहायता पहुंचाई। संगठन ने कोरोना के दौर में दुनियाभर में जरूरतमंदों को खाना खिलाने और मदद पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई है।
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कोरोना महामारी के बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है, क्योंकि भूख से जूझ रहे लोगों की संख्या में बेतहासा इजाफा इस दौरान हुआ है। संस्था का कहना है कि जब तक वैक्सीन नहीं आती, तब तक खाना ही सबसे अच्छी वैक्सीन है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने साल 2030 तक दुनिया से भुखमरी को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। संस्था का मुख्यालय रोम में है।
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