लोकसभा में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने नागालैंड गोलीकांड मामले पर सोमवार को बयान दिया। केंद्र सरकार की तरफ से घटना के संबंध में खेद जताते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की और कहा कि गलत पहचान की वजह से गोली चली।
अमित शाह ने कहा, “सेना को ओटिंग, सोम में चरमपंथियों की गतिविधि की सूचना मिली थी। इसी आधार पर 21 कमांडों ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया।” उन्होंने कहा कि वहां एक वाहन पहुंचा, उसे रुकने का इशारा किया पर उसने भागने की कोशिश की। इसके चलते चरमपंथियों को लेने जा रहे वाहन के संदेह में, उस पर गोली चलाई गई।
गृह मंत्री ने कहा, “वाहन में सवार 8 लोगों में से 6 की मौत हो गई। बाद में पता चला कि पहचान में गलती हुई है। घायल हुए 2 अन्य लोगों को सेना द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। इसकी खबर मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों ने आर्मी यूनिट को घेर लिया, 2 वाहनों में आग लगा दी और उन पर हमला कर दिया।”
#WATCH Nagaland CM Neiphiu Rio takes part in funeral service of civilians killed in an anti-insurgency operation that went awry in Oting, Mon district pic.twitter.com/dz7iRd1i54
— ANI (@ANI) December 6, 2021
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उन्होंने आगे कहा, “इस हमले के परिणामस्वरूप, सुरक्षा बलों का एक जवान शहीद हो गया, साथ ही कई अन्य जवान घायल हो गए।” उन्होंने कहा, “सुरक्षा बलों को आत्मरक्षा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। इससे 7 और नागरिकों की मौत हो गई, कुछ अन्य घायल हो गए।”
अमित शाह ने बताया कि स्थानीय प्रशासन-पुलिस ने स्थिति सामान्य करने की कोशिश की। गृह मंत्री अभी के हालात को लेकर कहा, “मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। 5 दिसंबर को नागालैंड के डीजीपी और कमिश्नर ने घटनास्थल का दौरा किया। प्राथमिकी दर्ज कर गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच राज्य अपराध पुलिस थाने को सौंप दी गई है।”
गृह मंत्री ने सदन को बताया कि मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर एक माह में जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद रविवार की घटना के बारे में उन्होंने बताया कि घटना के बाद 5 दिसंबर की शाम को लगभग 250 लोगों की उत्तेजित भीड़ ने मोन शहर में असम राइफल्स के कंपनी ऑपरेटिंग बेस में तोड़फोड़ की और बिल्डिंग में आग लगा दी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए असम राइफल्स को गोलियां चलानी पड़ीं। इससे एक और नागरिक की मौत हो गई।

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अमित शाह ने कहा, “प्रभावित क्षेत्र में किसी अन्य घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। सेना के तृतीय कोर मुख्यालय द्वारा एक प्रेस बयान जारी किया गया है जहां निर्दोष नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की घटना पर खेद व्यक्त किया गया है।”
अमित शाह ने सदन को ये भी बताया कि सेना ने इस घटना के कारणों की उच्चतम स्तर पर जांच शुरू कर दी है जिसमें कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना की खबर मिलते ही मैंने तुरंत राज्य के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से संपर्क किया। साथ ही गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव और डीजीपी से भी संपर्क किया।
उन्होंने आगे कहा, “कल हालात का जायजा लिया गया था। गृह मंत्रालय ने तत्काल पूर्वोत्तर के प्रभारी अतिरिक्त सचिव को कोहिमा भेजा जहां उन्होंने आज मुख्य सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और अर्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई।”
Situation in Nagaland is heart-wrenching. Where is the Home Minister?
— Srinivas BV (@srinivasiyc) December 5, 2021
pic.twitter.com/epeLqeOgV7
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फिर गृह मंत्री ने कहा, “बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के अभियान चलाते समय भविष्य में इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों। सरकार घटना की बारीकी से निगरानी कर रही है और क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।”
जैसा कि मालूम है कि नागालैंड के मोन जिले में शनिवार तीन अलग-अलग घटनाओं में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में कम-से-कम 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए थे। आज सोमवार को गमगीन और तनावपूर्ण माहौल के बीच सभी 14 लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
अंतिम-संस्कार के दौरान नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियो रियो भी मौजूद थे। उन्होंने इस दौरान केंद्र सरकार से आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) हटाने की मांग की। अंतिम-संस्कार के वक्त सीएम के अलावा, उनके मंत्रिमंडल के कई सदस्य, पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे।
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