दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात तक हाईवोल्टेज ड्रामा चला। आधी रात तक तनाव की स्थिति बनी रही। लेकिन रात के 1 बजते-बजते पुलिस खाली हाथ लौटनी शुरू हो गई। यहां पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स भी तैनात की गई थी। इससे पहले लग रहा था कि पुलिस किसानों को धरना स्थल से उठा देगी या फिर बड़े नेताओं की भारी संख्या में गिरफ्तारी होगी।
हालांकि, कुछ किसान और उनके नेता इसके के लिए तैयार भी कर ली थी। लेकिन कुछ ही देर बाद पासा पलटना शुरू हो गया। दरअसल, जब किसान नेता राकेश टिकैत के रोनी बात गांवों किसानों तक पहुंची तो ताबड़-तोड़ पंचायत बुलाई जानी शुरू हो गई। एलान होने शुरू कि अब दिल्ली की ओर कुच करना है और आंदोलन को बचाना है।
Uttar Pradesh police and Provincial Armed Constabulary (PAC) deployed at Ghazipur border since yesterday evening, leaves the protest site in police and PAC vehicles. pic.twitter.com/SSYnnRczdZ
— ANI UP (@ANINewsUP) January 28, 2021
जब कई जगहों से किसानों द्वारा सड़क जाम करने की बात सामने आई तो सरकार के कान खड़े हो गए। सरकार को लगा कि अगर ज्यादा दबाव बनाया तो महौल बिगड़ सकता है। फिर धीरे-धीरे सुरक्षा बलों की पलटन लौटनी शुरू हो गई। एक तरह से जो आंदोलन लगभग खत्म होने के करीब था वह फिर से जोर पड़ लिया।
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आधी रात को ही पड़ोसी राज्यों से किसानों के जत्थे दिल्ली की तरफ रवाना होना शुरू हो गए। भिवाणी, मेरठ, बागपत से रात को ही किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इसके अलावा आज कई जगहों पर महापंचायत बुलाई कई है।
महापंचायत के बाद भारी संख्या में किसान फिर से दिल्ली की ओर कुच करेंगे। माना जा रहा है कि एकबार फिर आंदोलन जोर पकड़ेगा। अब सुबह हो गया है और हालात पूरी तरह से बदल चुके हैं।
हरियाणा के कुछ गांवों में मंदिरों और दूसरे जगहों पर एलान हुए कि किसान आंदोलन खतरे में है इसलिए दिल्ली रवाना होना है। कई किसानों का जत्था रात को ही निकल पड़ा और कई के आज आने की उम्मीद है।
हरियाणा के गाँव-गाँव से किसान भाई ग़ाज़ीपुर बॉर्डर की तरफ चल पड़े हैं। अब तो तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही घर लौटेंगे।
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 28, 2021
बाबा टिकैत का एक-एक सिपाही दिल्ली कूच करे! pic.twitter.com/HLglFoTSM0
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दोपहर में मुजफ्फरनगर में महापंचायत होना है और किसान आंदोलन के आगे की प्लानिंग होनी है। अब राकेश टिकैत के बड़े बाई नरेश टिकैत ने भी मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने ही आज मुजफ्फरनगर नगर में आज 11 बजे महापंचायत बुलाई है।
उन्होंने कहा है कि मेरे छोटे भाई के आंसू बेकार नहीं जाएंगे। नरेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, “चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आंसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे।”
एक अन्य ट्वीट में नरेश टिकैत ने कहा, “हरियाणा के गांव-गांव से किसान भाई गाजीपुर बॉर्डर की तरफ चल पड़े हैं। अब तो तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही घर लौटेंगे। बाबा टिकैत का एक-एक सिपाही दिल्ली कूच करे!”
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे और मेरे छोटे भाई राकेश टिकैत के ये आँसू व्यर्थ नहीं जाएंगे। कल सुबह महापंचायत होगी और अब हम इस आंदोलन को निर्णायक स्थिति तक पहुंचा कर ही दम लेंगे। pic.twitter.com/gSaqoi4xzk
— Naresh Tikait (@NareshTikait_) January 28, 2021
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अब सवाल उठता है कि राकेश टिकैत आखिर बीते रात रो क्यों पड़े। दरअसल, दो हजार के करीब सुरक्षा बल गाजीपुर बॉर्डर पर आ गए थे। अगर राकेश टिकैत की माने तो इसी बीच भारी संख्या में भाजपा के लोग में हथियारों के साथ बॉर्डर पर पहुंच चुके थे। माहौल पूरी तरह से खराब था। ऐसा लग रहा था कि खुन-खराबा हो जाएगा।
यही वजह थी कि कुछ देर पहले किसान नेताओं की ओर से ये संकेत दिए गए कि वे अपनी गिरफ्तारी देंगे। इसी बीच राकेश टिकैत मीडिया से बात करते-करते रो पड़े। और यहीं खेल बदल गया। जब उनके एक मीडिया चैनल ने पूछा कि वो अचानक रो क्यों पड़े तो उन्होंने बताया कि दो हजार के करीब यहां पुलिस तैनात थी। जब पुलिस ऊपर आई नीचे वाले हिस्से में बीजेपी के दो विधायक नीचे तीन-चार सौ लोगों के साथ लाठी-डंडे-गोलियों के साथ पहुंच गए और लाठियां भांजनी शुरू कर दी और किसानों के साथ गाली-गलौच करनी शुरू कर दी।
उन्होंने कहा कि हम गिरफ्तारी दे देते जब पुलिस आई थी, लेकिन हमें अपने लोगों के सुरक्षा की चिंता थी। उन्होंने बताया कि जिस तरह से बाहर माहौल खराब था उससे साफ था कि किसानों के बाहर निकलते ही उन पर हमले होंगे।
टिकैत ने बताया कि वो इसलिए रो पड़े कि उन्हें लगा कि हम अपने लोगों की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहां पर महौल था उससे साफ की हमारे जाते ही पुलिस और भाजपा के गुंडे हमारे लोगों का हाल बहुत बुरा करते। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की चिंता थी कि जो बुजुर्ग उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से यहां आए हैं वे यहां से सुरक्षित कैसे जाएंगे। हमें इसकी चिंता थी।
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फिलहाल प्रशासन के निशाने पर आए किसान नेता राकेश टिकैत के साथ आरएलडी भी आ गई है। आरएलडी नेता अजित सिंह ने राकेश टिकैत से बात कर कहा है कि आप चिंता मत करिए, सब आपके साथ हैं।
अजित सिंह और राकेश टिकैत की बातचीत की जानकारी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी ने दी। उन्होंने कहा कि अजित सिंह ने संदेश दिया है कि चिंता मत करिए, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है।
फिर से एक बार गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जुटने लगे हैं। यहां मेरठ, बड़ौत, बागपत, मुरादनगर से किसान पहुंच रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर राष्ट्रीय जाट महासंग भी किसानों को अपना समर्थन देने के लिए पहुंच रहा है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ ने कहा है कि ये किसानों की लड़ाई है। सुबह तक हजारों किसान एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे।
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