केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों को गाजियाबाद जिलाधिकारी ने दिल्ली-यूपी गाजीपुर बॉर्डर पर धरना स्थल को खाली करने का निर्देश दिए गए हैं। किसानों को आज रात तक धरना वाले जगह को खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। कल शाम से ही दिल्ली-यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है।
वहीं दूसरी तरफ आज मीडिया से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत रो पड़े। उन्होंने गुरुवार को कहा कि अगर सरकार ने कृषि को वापस नहीं लिया तो वे आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यहां अत्याचार हो रहा है, लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ये कानून वापस होंगे। यदि ये कानून वापस नहीं हुए तो राकेश टिकैत आत्महत्या करेगा।”
टिकैत ने कहा, “हम अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे और सरकार से बातचीत होने तक साइट खाली नहीं करेंगे। प्रशासन ने पानी और बिजली की आपूर्ति सहित दूसरी बुनियादी सुविधाओं को काट दिया है। हमें अपने गाँवों से पानी मंगाएंगे।”
We’ll continue our sit-in protest & will not vacate site till talks with government are held. Administration has removed basic facilities including water & electricity supply. We’ll get water from our villages: Bharatiya Kisan Union spokesperson Rakesh Tikait at Ghazipur border pic.twitter.com/oa9r39DMVw
— ANI (@ANI) January 28, 2021
ये भी पढ़ें: एक तरफ पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया, दूसरी तरफ किसान बोले- आंदोलन रहेगा जारी
उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को मारने की कोशिश की जा रही है। यहां के सभी लोगों को मारने की साजिश हो रही है। उन्होंने बताया कि बीजेपी के विधायक यहां 300 लोगों के साथ लाठी डंडे लेकर आए हैं।
जब उनसे सरेंडर करने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे सरेंडर नहीं करने जा रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “जिसने भी लाल किले पर तिरंगे के अलावा झंडा फहराया था, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को जांच करनी चाहिए।” इतना ही नहीं उन्होंने कोर्ट से कमेटी गठित करने की भी मांग की।
उन्होंने आगे कहा, “कोर्ट जांच कराए कि लाल किले पर हुई हिंसा में आखिर कौन-कौन शामिल थे। कॉल डिटेल्स निकालकर जांच करवाई जाए।” टिकैत ने कहा कि तिरंगे का अपमान कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: देश के 16 पार्टियों ने किसानों के समर्थन में किया राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का एलान
दूसरी तरफ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी कहा कि किसान आंदोलन जबरदस्ती खत्म नहीं होगा। जब तक सांस चलेगी तब तक लड़ेंगे। अभी हमारी कोई योजना नहीं है। अभी हम मीटिंग करेंगे। पता नहीं सरकार क्या-क्या षड्यंत्र करती है।
Leave a Reply