देश के 16 पार्टियों ने किसानों के समर्थन में किया राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का एलान

देश के 16 पार्टियों ने किसानों के समर्थन में किया राष्ट्रपति अभिभाषण के बहिष्कार का एलान

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने बहिष्कार का फैसला एलान किया है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। कल शुक्रवार से बजट सत्र शुरू होने वाला है।

गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को कहा, ” कल संसद में माननीय राष्ट्रपति का जो अभिभाषण है हम उसका बहिष्कार करते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सरकार ने किसानों की मर्जी के बिना ये तीन बिल जबरदस्ती पास किए थे।”

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विपक्षी दलों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, ”किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है। सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए और किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए यह फैसला किया है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया जाएगा।”

अभिभाषण बहिष्कार का जिन पार्टियों ने फैसला किया है उसमें कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, माकपा, भाकपा, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस (एम) और एआईयूडीएफ के नाम शामिल हैं।

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उल्लेखनीय है कि नियम के मुताबिक, देश के राष्ट्रपति बजट सत्र के पहले दिन राज्यसभा और लोकसभा के संयुक्त सदन को संबोधित करते हैं। आमतौर पर राष्ट्रपति के अभिभाषण के दिन संसद स्थित सेंट्रल हॉल में राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य एक साथ बैठते हैं। हालांकि, कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष इंतजाम किया गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 29 जनवरी को संसद के दोनों को सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे।

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