आ रही ‘ओमिक्रॉन सुनामी’, रहें तैयार, 20-30 साल के युवकों पर करेगा अधिक हमला: WHO

आ रही ‘ओमिक्रॉन सुनामी’, रहें तैयार, 20-30 साल के युवकों पर करेगा अधिक हमला: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि जल्द की कोरोना के मामलों में भारी उछाल आएगा। संगठन के एक अधिकारी ने मंगलवार को यूरोपिय देशों से कहा कि महाद्वीप के सरकारों को ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण कोविड-19 केस में ‘भारी उछाल’ के लिए तैयार रहना चाहिए।

इतना ही नहीं WHO ने ये भी कहा कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से बचने के लिए वैक्‍सीन की बूस्टर डोज के व्यापक इंतजाम करना होगा। जैसा कि मालूम है, कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है जिसमें भारत भी शामिल है। लगभग 200 देशों में अब ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं।

वियना में मीडिया को संबोधित करते हुए WHO के स्थानीय निदेशक डॉक्टर हैंस क्लूज ने कहा, “हम एक और तूफान को आते हुए देख सकते हैं।” क्लूज ने कहा, “कुछ ही सप्ताह में ओमिक्रॉन यूरोप के और अधिक देशों में हावी हो जाएगा, जिसके चलते पहले ही बुरे दौर से गुजर रही स्वास्थ्य व्यवस्थाएं और प्रभावित होंगी।”

WHO ने कहा, अभी ओमिक्रोन वैरिएंट की गंभीरता के कोई स्पष्ट सबूत नहीं

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क्लूज ने जानकारी देते हुए कहा कि 53 यूरोपीय क्षेत्रों में से अब तक 38 सदस्य देशों में ओमिक्रॉन पाया जा चुका है। ब्रिटेन, डेनमार्क और पुर्तगाल में यह पहले ही हावी हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह क्षेत्र में कोरोना वायरस के चलते 27 हजार लोगों की मौत हुई और 26 लाख अतिरिक्त मामले सामने आए हैं। हालांकि, इन मामलों में सभी स्वरूपों के संक्रमण के मामले शामिल हैं।

क्लूज ने आगे कहा कि पिछले साल इसी अवधि की तुलना में यह संख्या 40 प्रतिशत अधिक है। फिर उन्होंने कहा, “कोविड-19 मामलों की बढ़ती तादाद के परिणामस्वरूप और अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा सकता है। उन्होंने यूरोपीय देशों से अपने-अपने नागरिकों को जल्द से जल्द बूस्टर डोज़ देने की अपील की है।”

उन्‍होंने कहा कि ओमिक्रॉन से बचने का अब एकमात्र उपाय है वैक्‍सीन की बूस्‍टर डोज। क्लूज ने कहा कि अब तक यूरोप में ओमिक्रॉन के शुरुआती मामलों में से 89 फीसदी केस आम कोविड ​​​​-19 लक्षणों जैसे खांसी, गले में खराश और बुखार से जुड़े थे।

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क्लूज ने बताया कि ये वैरिएंट 20 से 30 साल की उम्र के लोगों में ज्‍यादा हमला कर रहा है। अभी तक देखा गया है कि ज्‍यादातर केस वहां बिगड़े हैं ‘जहां पर ज्‍यादा संभाएं’ हो रही हैं। उन्होंने कहा, “नए कोविड​​​​-19 संक्रमण को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार काफी लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होगी।”

इधर, भारत में भी ओमिक्रॉन की वजह से फरवरी से तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है। एक चिंता बढ़ाने वाली स्टडी सामने आई है जिसमें दावा किया है कि फरवरी 2022 में भारत में ओमिक्रॉन चरम पर पहुंच सकता है। स्टडी के हवाले से यह भी कहा गया है कि इससे भारत को चिंतित होने की बजाय सावधान रहने की जरूरत है।

यह भी शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि फरवरी के बाद अगले ही महीने ओमिक्रॉन के मामले घटने लगेंगे, जिससे राहत मिलेगी। हालांकि, भारत में ओमिक्रॉन के कुल मामले देखते ही देखते 220 हो चुके हैं।

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IIT कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल और महामारी संक्रमण पर नजर रखने वाली सूत्रा मॉडल के सह-संस्थापक एम विद्यासागर ने ने बताया कि कोरोना के रोजाना नए मामले फरवरी में 1.5 से 1.8 लाख तक हो सकते हैं। ऐसा तब हो सकता है, जब नए वैरिएंट से प्राकृतिक रूप से या टीकाकरण के माध्यम से बचाव बना रहे।

मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि नया वैरिएंट जितनी तेजी से बढ़ेगा, उतनी ही गति से कम भी होगा। दक्षिण अफ्रीका में मामलों की संख्या तीन सप्ताह में चरम पर जाने के बाद गिरावट शुरू हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में कोविड के मामलों की औसत संख्या 15 दिसंबर को लगभग 23,000 के उच्च स्तर पर रही। अब 20,000 से नीचे आ गई है।


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