मेट्रो मैन बोले- ‘हिंदुत्व’ से बाज आए BJP, कहा- ‘लव जिहाद’ कोई मुद्दा नहीं

मेट्रो मैन बोले- ‘हिंदुत्व’ से बाज आए BJP, कहा- ‘लव जिहाद’ कोई मुद्दा नहीं

सक्रिय राजनीति छोड़ने के बाद ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कुछ सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि हिंदुत्व की राजनीति छोड़िए और सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखिए। मेट्रो मैन ने जोर देकर ये भी कहा कि केरल में ‘लव जिहाद’ कोई मुद्दा नहीं है। जैसा कि मालूम है कि श्रीधरन को बीजेपी ने केरल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया था।

मेट्रो मैन ने कहा, “उन्हें अपने रवैये में थोड़ा बदलाव करना होगा। मसलन, बीजेपी को हिंदुइज्म और हिंदुत्व को ज्यादा नहीं उभारना चाहिए। उन्हें निश्चित रूप से एक संदेश देना चाहिए कि वो केरल के सभी लोगों के लिए हैं सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं हैं और उनके दिमाग में सभी वर्गों का हित रहना चाहिए। इसी बुनियादी बदलाव की जरूरत है।”

इतना ही नहीं उन्होंने केरल बीजेपी की आलोचना की। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर प्रशंसा भी की। श्रीधरन ने कहा, “ठीक वैसे ही जैसे हमारे अपने पीएम कर रहे हैं…हमारे पीएम कभी हिंदुत्व की बात नहीं करते, वो कभी ऐसी बात नहीं करते कि वो किसी वर्ग विशेष के लोगों के साथ खड़े हैं। वो भारत के सभी लोगों के लिए हैं। हमें भी वही रवैया अपनाना चाहिए।”

मेट्रो मैन बोले- 'हिंदुत्व' से बाज आए BJP, कहा- 'लव जिहाद' कोई मुद्दा नहीं

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हालांकि, श्रीधरन ने दोहराया कि उन्होंने सिर्फ बढ़ती उम्र के चलते सक्रिय राजनीति छोड़ी है। बीजेपी से बाहर नहीं जा रहे हैं। मेट्रो मैन ने कहा, “मैं पार्टी के लिए मौजूद रहूंगा। लेकिन मैं इस मायने में सक्रिय नहीं रहूंगा कि कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा और हड़ताल जैसी चीज़ों में हिस्सा नहीं लूंगा। मैं बीजेपी के लिए उपलब्ध हूं। मेरा ज्ञान और विषयों का मेरा अनुभव…वो उपलब्ध रहेगा।”

श्रीधरन ने इसके बाद कि आज केरल में बीजेपी ही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, “लोग मौजूदा यूडीएफ सरकार से ऊब चुके हैं। यूडीएफ, कांग्रेस और मुस्लिम लीग, खासकर उनकी लोकप्रियता बहुत तेजी से घट रही है। बीजेपी के लिए ये एक अच्छा मौका है कि वो मजबूती हासिल करें और केरल में एक निर्णायक शक्ति बन जाएं। ये मुमकिन है इसीलिए मैंने कहा कि केरल में बीजेपी की संभावनाएं बहुत अच्छी हैं।”

जब उनसे हाई-प्रोफाइल प्रचार के बावजूद एक भी सीट न जीत पाने की बीजेपी की नाकामी को लेकर पूछा गया तो उन्होंने पार्टी प्रबंधन और रणनीतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “बीजेपी को जिस चीज़ ने प्रभावित किया वो उसकी रणनीतियां थीं जो उसने अपनाईं। सबसे बड़ी गलती ये थी कि केरल बीजेपी अध्यक्ष को बार बार बदला गया। मेरे ख्याल में पिछले दो-तीन सालों में तीन-चार बदलाव किए गए और मौजूदा पदधारी के पास बहुत कम समय था कि वो लोगों के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत कर पाता। बड़ी वजह वही थी।”

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श्रीधरन ने ये भी कहा कि हम अपनी पार्टी को एकजुटता के साथ पेश नहीं कर सके। सबसे अहम बात ये है कि केंद्र पूरे देश के लिए इतने अच्छे काम कर रहा था लेकिन हम उसे सही तरीके से केरल के लोगों के सामने नहीं रख सके। फिर उन्होंने कहा, “केंद्र जो कुछ भी कर रहा है उसका श्रेय दूसरी पार्टियां ले जा रही हैं और हम उसे रोक नहीं पा रहे हैं। इसलिए रणनीति को बदलना होगा और उसके लिए पर्याप्त समय है। अगले चुनावों तक बीजेपी अपना पुनर्गठन कर सकती है और लोगों का विश्वास जीत सकती है। वो सबसे महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने आगे कहा कि अगर ‘पर्याप्त समय’ दिया जाए तो मौजूदा नेतृत्व लोगों के दिलों तक पहुंचने में कामयाब हो जाएगा। उन्होंने कहा, “हालांकि, आपको उन्हें समय देना होगा। चुनावों से सिर्फ चार महीना पहले किसी नेता को मत लाइए। वो काफी नहीं है। जब तक वो राष्ट्रीय स्तर का न हो और दुर्भाग्यवश ऐसे नेता केरल बीजेपी में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। मौजूदा नेतृत्व काफी गंभीर है। वो काफी सक्षम है और उन्हें लोगों के दिलो-दिमाग तक पहुंचने की कोशिश करनी चाहिए।”

जब उनसे सक्रिय राजनीति छोड़ने को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी सेहत गिर रही है और उम्र बढ़ रही है। उन्होंने ये भी दलील दी कि बीजेपी ऐसी पार्टी है जो सभी लोगों के लिए है।

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि बीजेपी की सियासत हिंदुत्व से जुड़ी है, बिल्कुल नहीं। आज बीजेपी ही अकेली ऐसी पार्टी है जिसमें लोगों का विश्वास है और इस पार्टी को निश्चित रूप से सभी भारतीयों के हितों का ध्यान है। पिछले सात साल से ज़ाहिर है कि पीएम मोदी किस तरह इतने सारे बदलाव और सुधार लाए हैं। ये सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए हैं। यही वो रवैया और छवि है जिसे बीजेपी को केरल में भी दर्शाना चाहिए।”

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श्रीधरन से जब पूछा गया कि क्या ‘लव जिहाद’ केरल में एक मुद्दा है? जिसकी बात चर्च भी कर रहा है। श्रीधरन ने इसके जवाब में कहा कि ये कोई ‘बहुत गंभीर खतरा’ नहीं है। उन्होंने कहा, “एक तरह से ये है, हम कह नहीं सकते…लेकिन मुझे लगता है कि ये कोई बहुत गंभीर खतरा नहीं है। लोगों की सोच में बदलाव लाकर उन्हें इसमें (लव जिहाद) निहित खतरों से आगाह कराकर इसे आसानी के साथ दबाया जा सकता है। लोग इसे समझ गए हैं और मुझे नहीं लगता कि अब ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।”

मेट्रो मैन ने कहा कि खासतौर पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। ये घटनाएं छिटपुट हैं लेकिन जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें ‘पार्टी से बाहर’ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ये सब बहुत छिटपुट घटनाएं हैं। एक या दो लोग कह रहे हैं…उससे पार्टी को कोई परेशानी पैदा नहीं होती। वो सब व्यक्ति हैं। बात सिर्फ ये है कि ‘हम कुछ ज्यादा सहनशील’ हैं।

श्रीधरन ने कहा कि जो लोग इस तरह से बर्ताव करते हैं। मेरे हिसाब से उन्हें वास्तव में पार्टी से निकाल फेंकना चाहिए ताकि लोगों को विश्वास हो जाए कि हम ऐसी योजना नहीं बना रहे हैं। अगर लोग राष्ट्र के खिलाफ काम करना चाह रहे हैं, राष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करना चाहते हैं तो हमें आवाज उठानी होगी और उन्हें बेनकाब करना होगा। वो भी जरूरी है। ये सब छिटपुट घटनाएं हैं और हमें इन्हें आम नहीं बनाना चाहिए।


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