क्या है वॉटर रिटेंशन और ये क्यों होता है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

क्या है वॉटर रिटेंशन और ये क्यों होता है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

क्या आपका अचानक से वजन बढ़ रहा है या फिर बढ़ गया है? क्या आपका शरीर अचानक से भारी लगने लगा है? या फिर आपके पैरों और एड़ियों में तेज दर्द रहता है? क्या आपके चेहरे, हाथ, पैर और पेट पर सूजन आ जाती है? अगर इसका जवाब है ‘हाँ’ तो हो सकता है आपको वॉटर रिटेंशन की शिकायत हो सकती है। क्योंकि ये सभी वॉटर रिटेंशन के लक्षण हैं।

क्या है वॉटर रिटेंशन और ये क्यों होता है?

शरीर के अंगों में पानी का जमा होना और उस वजह से सूजन होना वॉटर रिटेंशन होता है। इसके होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे-

  • लंबी यात्रा के दौरान एक ही जगह पर बैठे रहने के कारण वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है।
  • हार्मोन्स में असंतुलन भी एक कारण हो सकता है।
  • नमक का अधिक सेवन करने से।
  • महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण।
  • हार्ट फंक्शन में गड़बड़ी के कारण भी वॉटर रिटेंशन हो सकता है। क्योंकि जब हार्ट कमजोर हो जाता है और ब्लड को ठीक से पंप नहीं कर पाता तो वॉटर रिटेंशन की प्रॉब्लम हो जाती है।
  • कुछ दवाइयों के सेवन और कुछ मेडिकल कंडीशन से भी वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है।
क्या है वॉटर रिटेंशन और ये क्यों होता है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

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वॉटर रिटेंशन के लक्षण

  • भूख का न लगना।
  • पैरों, एड़ियों और टखनों में दर्द रहना।
  • शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन।
  • अचानक से वजन का बढ़ना या फिर कम हो जाना।
  • पेट में भारीपन महसूस होना।
  • जोड़ों में जकड़न का महसूस होना, साथ ही चलने-फिरने या उठने-बैठने में तकलीफ होना।
  • पैरों या हाथों पर हल्का-सा भी दबाने पर गड्ढा-सा पड़ जाना।

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क्या है वॉटर रिटेंशन और ये क्यों होता है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

वॉटर रिटेंशन के घरेलू उपाय

  1. डायट अच्छी लें। डाइट में खासकर ऐसी चीजें शामिल करें, जिसमें मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में हो। जैसे दही, हरी सब्जियां, नट्स आदि।
  2. हर रोज विटामिन B6 से भरपूर चीजों का सेवन करें। जैसे कि आलू, अखरोट और केला।
  3. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। क्योंकि शरीर को जब पर्याप्‍त मात्रा में पानी नहीं मिलता, तो शरीर में पानी जमा होने लगता है। इसलिए थोड़े-थोड़े अंतराल पर पानी, नींबू पानी या संतरे का जूस पीएं। इससे शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ेगी।
  4. नमक का सेवन कम करें। इसके अलावा मिर्च, हल्दी का भी कम इस्तेमाल करें।
  5. स्ट्रेस से दूर रहें। नियमित योगा,एक्सरसाइज करें।
  6. पर्वतासन, वीरभद्रासन, हलासन और सूर्य नमस्कार जैसे योगासन रोजाना करें।
  7. एक ही अवस्था में ज्यादा देर तक बैठे या खड़े न रहें। क्योंकि देर तक एक ही अवस्था में रहने के कारण भी वॉटर रिटेंशन हो सकता है। इसलिए थोड़ी-थोड़ी देर में टहलें।
  8. ऑफिस में काम करते समय कुर्सी पर क्रॉस लेग करके न बैठें। इससे ब्लड सर्कुलेशन अवरुद्ध होता है।
  9. इसके अलावा वॉटर रिटेंशन को दूर करने के लिए सेब, अंगूर, स्‍ट्रॉबैरी, हरी सब्जियां, चुकंदर आदि का सेवन करें। इससे आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई होने में मदद मिलेगी। साथ ही डायट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें।
  10. चाय, कॉफी, शराब और जंक फूड पास्ता, पेस्ट्री, सोडा, स्नैक्स का कम से कम सेवन करें।
  11. रिफाइंड आइटम्स को अपने भोजन में शामिल न करें।

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