बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी से संबंधित 50 ट्वीट्स के खिलाफ ट्विटर ने की कार्रवाई

बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी से संबंधित 50 ट्वीट्स के खिलाफ ट्विटर ने की कार्रवाई

ट्विटर इंडिया ने गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी के साथ हुई मारपीट के मामले से जुड़े 50 ट्वीट्स के खिलाफ कार्रवाई की है। ट्विटर अधिकारियों के मुताबिक, अब्दुल समद सैफी के कथित हमले और उनकी दाढ़ी काटने वाले वीडियो से संबंधित ट्वीट्स तक पहुंच रोक दी गई है।

ट्विटर का कहना है कि उसके तरफ से ये कार्रवाई यूपी पुलिस द्वारा कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ चल रही जांच के मद्देनजर की गई है।

बयान जारी कर ट्विटर ने कहा है, “जैसा कि हमारे कंट्री विदहेल्ड पॉलिसी में बताया गया है, वैध कानूनी मांग के जवाब में या जब सामग्री स्थानीय कानून (कानूनों) का उल्लंघन करती पाई गई है, तो कुछ सामग्री तक पहुंच को रोकना आवश्यक हो सकता है।”

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इसके आगे कहा, “विदहोल्डिंग उस विशिष्ट क्षेत्राधिकार/देश तक सीमित है, जहां सामग्री को अवैध माना जाता है। हम खाताधारक को सीधे सूचित करते हैं, ताकि वे जान सकें कि हमें खाते से जुड़े ईमेल पते पर एक संदेश भेजकर खाते से संबंधित कानूनी आदेश प्राप्त हुआ है, यदि उपलब्ध हों।”

सोशल मीडिया मंच पर ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक ने बुजुर्ग अब्दुल समद के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील वीडियो क्लिप के प्रसार से जुड़े मामले में गाजियाबाद पुलिस की जांच में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शामिल होने की पेशकश की है।

अधिकारियों ने सोमवार को इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा कि गाजियाबाद पुलिस ने 17 जून को कर्नाटक के बेंगलुरु में रहने वाले प्रबंध निदेशक (एमडी) मनीष माहेश्वरी को नोटिस जारी किया था। और उनसे मामले में सात दिन के भीतर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया।

बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी से संबंधित 50 ट्वीट्स के खिलाफ ट्विटर ने की कार्रवाई

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पुलिस अधीक्षक (गाजियाबाद ग्रामीण) ईरज राजा ने बताया, “ट्विटर इंडिया के एमडी ने जवाब दिया है और कुछ समय के लिए वीडियो कॉल के जरिए जांच से जुड़ने की पेशकश की है। उन्होंने पुलिस के साथ सहयोग करने का आश्वासन दिया है।”

पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया, “ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने मुद्दे पर कुछ सूचनाएं और स्पष्टीकरण दिया है। इन सूचनाओं के संदर्भ में हम ट्विटर इंडिया के संबंधित अधिकारियों को एक और नोटिस भेजने वाले हैं।” हालांकि, पुलिस का कहना है कि गाजियाबाद पुलिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जांच में शामिल होने पर माहेश्वरी के जवाब के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है।

उल्लेखनीय है कि बीते दिनों गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग अब्दुल समद के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इतना ही नहीं उनकी दाढ़ी भी काट दिया था। पुलिस का कहना है कि उनके साथ ये मारपीट ताबीज बनाने और झाड़-फूंक करने कं संबंध में किया था। जिसमें तीन मुस्लिम युवक भी शामिल थे।

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वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम युवकों के घरवालों का कहना है कि वे घटनास्थल पर बुजुर्ग बचाने गए थे पर पुलिस ने उन्हें भी नामजद बना दिया। मुख्य अभियुक्त के साथ इन तीनों की गिरफ्तारी हुई थी जिसमें से कुछ लोगों को अब जमानत मिल गई है।

पुलिस ने घटना का वीडियो वायरल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। गाजियाबाद पुलिस ने सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने के आरोप में ट्विटर और कई पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जाने-माने पत्रकार राना अयूब, सबा नकवी, मोहम्मद जुबैर और बीबीसी के जर्नलिस्ट दिलनवाज पाशा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

इसके अलावा न्यूज वेबसाइट ‘द वायर’, कांग्रेस नेता सलमान निजामी, समा मोहम्मद और मस्कूर उस्मानी को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है। सभी लोगों पर आरोप है कि इन्होंने बिना तथ्य की पुष्टि किए इस मामले को सांप्रदायिक रंग दिया।

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इन सभी पर भारतीय दंड सहिंता की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153A (धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 295A (धार्मिक विश्वासों का अपमान), 505 (सार्वजनिक शरारत), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।


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