मोदी सरकार के कोविड-19 मिसमैनेजमेंट पर राहुल गांधी का श्वेत पत्र, जानें क्या कहा

मोदी सरकार के कोविड-19 मिसमैनेजमेंट पर राहुल गांधी का श्वेत पत्र, जानें क्या कहा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के कोविड प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है। कांग्रेस का ‘श्वेत पत्र’ जारी किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य राष्ट्र को कोरोना वायरस की तीसरी लहर के लिहाज से तैयार करने में मदद देना है।

राहुल गांधी ने कहा कि सारा देश जानता है कि कोविड-19 की तीसरी लहर आने वाली है, हम सरकार से इसके लिए तैयारी करने का अनुरोध करते हैं। दरअसल, उन्होंने आज मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कोविड मिसमैनेजमेंट पर एक रिपोर्ट जारी की। राहुल ने इसे ‘व्हाइट पेपर’ नाम दिया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस व्हाइट पेपर मकसद कोरोना की तीसरी लहर से बचने में देश की मदद करना है। दूसरी लहर सरकार की लापरवाही की वजह से खतरनाक हुई। अब तीसरी लहर के लिए हमें पहले से ही तैयारी करनी होगी। इसमें वो गलतियां नहीं होनी चाहिए, जो पहले की गईं।

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उन्होंने कहा, “कोरोना से लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीनेशन है। सरकार को तेजी से वैक्सीनेशन ड्राइव को बढ़ाना होगा। वायरस लगातार म्यूटेड हो रहा है। एक्सपर्ट्स ने पहले ही दूसरी लहर की चेतावनी जारी की थी। इसके बाद भी सरकार ने समय पर कदम नहीं उठाए। इसलिए हमने इस पेपर में पूरी डीटेल के साथ उन गलतियों के बारे में बताया है और तीसरी लहर से लड़ने के लिए सुझाव भी दिए हैं। पुरानी गलतियों को सुधार कर ही थर्ड वेव से लड़ा जा सकता है।”

मोदी सरकार के कोविड-19 मिसमैनेजमेंट पर राहुल गांधी का श्वेत पत्र, जानें क्या कहा

राहुल ने कहा, “व्हाइट पेपर का मकसद रास्ता दिखाने का है। हमने चार मेन पॉइंट दिए हैं। पहला- तीसरी लहर की तैयारी अभी से शुरू की जाए। पिछली गलतियों को फिर से न दोहराया जाए। दूसरा- इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। ऑक्सीजन, बेड, दवा की कमी न हो। थर्ड वेव में हर गांव, हर शहर में ऑक्सीजन जैसी सुविधाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। तीसरा- कोरोना बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है, यह इकोनॉमिकल-सोशल बीमारी है। इसलिए सबसे गरीब लोगों, छोटे उद्योग-धंधों को आर्थिक सहायता देने की जरूरत है। हमने न्याय योजना की सलाह दी है। अगर प्रधानमंत्री को नाम नहीं पसंद, तो वे योजना का नाम बदल सकते हैं। इससे गरीबों तक सीधे आर्थिक मदद पहुंचाई जा सकेगी। चौथा- कोविड कंपंसेशन फंड बनाया जाए। जिन परिवारों में किसी मौत कोरोना से मौत हुई है, उन्हें इस फंड से सहायता राशि दी जाए।”

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उन्होंने आगे कहा, “दो तरीकों की कोविड डेथ होती है। पहली- ऐसी जो नहीं होनी चाहिए थी, जिन्हें बचाया जा सकता था। दूसरी- जिन्हें कई गंभीर बीमारियां हुईं। भारत में सेकंड वेव में 90 फीसद मौतें बेवजह थी। इन्हें बचाया जा सकता था। इसका सबसे बड़ा कारण ऑक्सीजन की कमी थी। मैंने कई डॉक्टर्स से बात की, उनका कहना है कि अगर समय से ऑक्सीजन दी जाती, तो इन मौतों का टाला जा सकता था। हमारे देश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।”


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