उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, दी ये दलील

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, दी ये दलील

तीरथ सिंह रावत में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा दे दिया है। आज उन्होंने देर रात राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से देहरादून स्थित राजभवन जाकर मुलाकात की और उनको अपना इस्तीफा पत्र सौंप दिया।

शुक्रवार शाम से उनके इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही थी। हालांकि, इससे पूर्व उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनवाईं पर इस्तीफे को लेकर कोई जिक्र नहीं किया।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में 20 हजार नई नियुक्तियां की जाएंगी। वहीं, जब तीरथ सिंह रावत से इस्तीफे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली, कोई जवाब नहीं दिया।

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उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। कोरोना से निजात पाने के लिए कई कदम उठाए गए। कोरोना से प्रभावित लोगों के लिए कई योजनाएं दी। सबसे प्रभावित परिवहन क्षेत्र के लिए विशेष व्यवस्था की।

बताया जा रहा है कि 3 जुलाई को 3 बजे भाजपा मुख्यालय में विधानमंडल की बैठक होगी। पार्टी ने सभी विधायकों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि प्रदेश के नेतृत्व को लेकर शनिवार को होने वाली बैठक में कोई फैसला लिया जा सकता है।

तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को ये भी संकेत दिया कि उप-चुनाव पर निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद भाजपा अपना निर्णय ले सकती है। कुछ दिनों से उत्तराखंड के सियासी गलियारों में पिछले ये खबरें तेजी से घूम रही थीं कि भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिए नए नेता का चयन कर सकती है।

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पार्टी ने इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया था। पर पर्यवेक्षकों का कहना है कि राज्य विधानसभा के कार्यकाल का एक साल से भी कम समय बचा हुआ है। और मुमकिन है कि निर्वाचन आयोग उत्तराखंड की रिक्त सीटों पर उपचुनाव कराने पर कोई आदेश न दे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, दी ये दलील

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कोरोना महामारी के बीच चुनाव कराने को लेकर हाल के दिनों में आई अदालती टिप्पणियों पर भी निर्वाचन आयोग ध्यान रखेगा और उप-चुनाव को लेकर कोई फैसला करने या न करने का निर्णय लेगा।

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उल्लेखनीय है कि 10 मार्च को पौड़ी गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के मुताबिक, पद पर बने रहने के लिए उन्हें 10 सितंबर से पहले राज्य विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी था।

जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 151 ए में निर्वाचन आयोग को ये अधिकार दिया गया है कि संसद और राज्य विधानसभा की सीटों के खाली होने की सूरत में छह महीने के भीतर उपचुनाव कराकर उन्हें भरा जाए लेकिन इसमें एक शर्त है कि संसद और राज्य विधानसभा का एक साल या उससे ज्यादा का कार्यकाल बचा हुआ हो।


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