शिक्षिका ने बताया उइगुर उत्पीड़न की कहानी, गैंग रेप और गर्भपात कराते हैं अधिकारी

शिक्षिका ने बताया उइगुर उत्पीड़न की कहानी, गैंग रेप और गर्भपात कराते हैं अधिकारी

हर दिन कोई-न-कोई खबर चीनी उइगुर समूदाय को लेकर आती हैं। चीन में तथाकथित प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं जहां उइगुर मुस्लिमों को यातनाएं दी जाती हैं। कई बार इन यातना शिविरों में उत्पीड़न के किस्से बाहर आ चुके हैं। हालांकि चीन हर बार उन्हें नकार देता है।

एक शिक्षिका ने प्रशिक्षण केंद्र में होने वाले अत्याचार का खुलासा किया है। यह महिला यातना के इन अड्डों में कैद लोगों को पढ़ाने जाती थी। शिक्षिका ने खिलासा किया है कि कैंपों में बंद उइगुर मुस्लिमों को जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। इतना ही नहीं महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया है। महिला का कहना है कि रेप जैसी घटनाएं कैंपों में आम बात है।

दो प्रशिक्षण केंद्रों में तैनात

शिक्षिका क्विलबिनर सिदिक को चीन के प्रांत शिनजियांग में दो प्रशिक्षण केंद्रों में तैनात किया था। क्विलबिनर ने इन कैंपों में तकरीबन तीन महीने बिताए। सीएनएन की रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्विलबिनर सिदिक ने बताया कि चीनी सैनिकों को उसने एक उइगुर महिला को स्ट्रेचर पर इमारत से बाहर ले जाते हुए देखा था। उसके चेहरे पर कोई चमक नहीं थी। गाल उसके सूख चुके थे और वह सांस भी नहीं ले पा रही थी।

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एक पुलिसकर्मी ने बताया था कि स्ट्रेचर वाली महिला की मौत हो चुकी है। हालांकि, पुलिसवाले ने उसके मौत की वजह नहीं बताई। क्विलबिनर के मुताबिक, उसे साल 2017 के दौरान दो प्रशिक्षण केंद्रों में जबरन तैनात किया गया था। 

शिक्षिका अनुसार, शिनजियांग में बने कथित प्रशिक्षण कैंपों के चारों तरफ हर वक्त सुरक्षाबल तैनात रहते हैं। क्विलबिनर ने बताया कि इन आरोपों को साबित करने के लिए फिलहाल उसके पास कोई सबूत नहीं है। हालांकि, शिक्षिका की बातें उन महिलाओं से काफी मिलती-जुलती हैं, जो इन यातना शिविरों में सामूहिक दुष्कर्म और यौन शोषण की शिकार हो चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि कई बार ये बात सामने आ चुका है कि चीन में रहने वाले उइगुर समूदाय के मुस्लिमों का नरसंहार हो रहा है। चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी पर इस समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप लगते रहे हैं। कई रिपोर्ट में ये बात भी सामने आ चुकी है कि कैंपों में बंद महिलाओं पर गर्भपात के लिए दबाव डाला जाता है।

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अत्याचार के तरीकों पर चर्चा

शिक्षिका ने बताया है कि उसने प्रशिक्षण केंद्रों में तैनाती के दौरान देखा था कि रात के समय पुरुष पुलिसकर्मी एक-दूसरे से अपने-अपने अत्याचार के तरीकों पर चर्चा करते थे। एक-दूसरे को वे बताते थे कि उन्होंने महिलाओं का उत्पीड़न किस तरह किया।

आपको बता दें कि क्विलबिनर सिदिक फिलहाल नीदरलैंड में रह रही हैं। शिनजियांग में वह पली-बढ़ी और 28 साल तक बच्चों को पढ़ाती थीं। उन्होंने बताया कि उन्हें साल 2017 के दौरान चीन के एक सरकारी कार्यालय में बुलाया गया था और कहा गया था कि अब उन्हें ‘अनपढ़ों’ को पढ़ाना होगा।

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जंजीरों से बांधे हुए लोग

क्विलबिनर ने बताया कि वो मार्च 2017 के दौरान पहली बार प्रशिक्षण केंद्र पहुंची। जहां उनकी मलाकात नए छात्रों के रूप में करीब 100 पुरुषों और कुछ महिलाओं से हुई। उन्हें जंजीरों से बांधकर रखा गया था और उनके हाथ-पैर कांप रहे थे। जब क्विलबिनर ने उन्हें पढ़ाने के लिए चॉक उठाई तो उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। 

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शिक्षिका ने बताया कि जब उन्होंने इस मामले को लेकर जानकारी मीडिया को दी तो कुछ चीनी अधिकारी उनके घर आ धमके। उन्होंने उनके पति को धमकाया और साथ ही उन्होंने आरोपों को झूठा साबित करने के लिए वीडियो बनाने को कहा। क्विलबिनर ने बताया कि मुझे मेरे पति ने शिनजियांग कभी नहीं लौटने को कहा। उन्होंने मुझे वीचैट पर ब्लॉक कर दिया। मुझे नहीं पता कि वह जीवित हैं या उनकी मौत हो चुकी है।

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