BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चमगादड़ से की मोदी सरकार की तुलना, जानें पूरा मामला

BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चमगादड़ से की मोदी सरकार की तुलना, जानें पूरा मामला

भारत की अनुमति के बिना अमेरिकी नौसेना ने लक्षद्वीप के पास अपना शुरू कर दिया जिसको लेकर पिछले कुछ घंटों में भारी बवाल मचा हुआ है। अमेरिकी नौसैनिक जहाज जॉन पॉल जोन्स (डीडीजी 53) को लेकर दावा किया गया है कि उसने लक्षद्वीप समूह के नजदीक 130 समुद्री मील पश्चिम में भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में एक अभियान को अंजाम दिया है।

खबरों के मुताबिक, यह कार्रवाई 7 अप्रैल को की गई और भी भारत के बिना अनुमति लिए। इस घटना की पुष्टि अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े ने खुद की है। उसका कहना है कि उसे इसका अधिकार भी है और स्वतंत्रता भी। सातवां बेड़ा अमेरिकी नौसेना का सबसे बड़ा अग्रिम तैनाती वाला बेड़ा है और इसकी जिम्मेदारी के क्षेत्र में पश्चिमी प्रशांत और हिंद महासागर शामिल हैं। इस घटना को लेकर मोदी सरकार पर हमले किए जा रहे हैं।

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BJP सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चमगादड़ से की मोदी सरकार की तुलना, जानें पूरा मामला

विपक्षी दल तो हमलावर है ही, दूसरी तरफ भाजपा के एक नेता ने भी इस पूरे मामले पर सवाल घड़े किए हैं। इतना ही उन्होंने नरेंद्र सरकार की तुलना चमगादड़ से की है। दरअसल, राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर तंज किया है और केंद्र सरकार को पंचतंत्र का चमगादड़ बताया है। असल में पंचतंत्र की कहानी में चमगादड़ को अवसरवादी बताया गया है। कहानी में चमगादड़ अपने स्वार्थ के लिए पाला बदलता है और अंत में दोनों ही तरफ से उसका बहिष्कार कर दिया जाता है।

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स्वामी ने ट्वीट कर इस पूरे घटनाक्रम पर कहा, “अब बाइडेन सरकार ने बता दिया है कि वे भारत के कानून का सम्मान नहीं करते हैं। पंचतंत्र के चमगादड़ की तरह मोदी सरकार की भी हालत दयनीय हो गई है।”

दरहकीकत, पंचतंत्र की एक कहानी चमगादड़ पर आधारित है। उस कहानी में एक बार पशुओं और पक्षियों में झगड़ा हो जाता है। तब चमगादड़ कहता है कि हमारे पंख होते हैं लेकिन पक्षियों की तरह अंडे नहीं देते। इसलिए हम पशु भी हैं और पक्षी भी। हम उसी दल में मिल जाएंगे जो जीतेगा। पशुओं को जीतता देख चमगादड़ उनके दल में शामिल हो जाता है और जब पक्षी जीतने लगते हैं तो उनके साथ हो जाता है। फिर अंत में पशुओं और पक्षियों में दोस्ती हो जाती और चमगादड़ का दोनों तरफ से बहिष्कार कर दिया जाता है। उसके बाद वह अंधेरी गुफाओं में रहने को मजबूर हो जाता है।


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