कोरोना का नया स्ट्रेन है बेहत खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही करें डॉक्टर से कंसल्ट

कोरोना का नया स्ट्रेन है बेहत खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही करें डॉक्टर से कंसल्ट

कोरोना का मामला एक बार फिर चरम पर है। कई शहरों में हालात बेकाबू हो गए हैं जिसके चलते लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं। धीरे-धीरे नियमों में सख्ती की जा रही है। टीकाकरण का रफ्तार भी बढ़ा दिया गया है। लेकिन हालात लगातार बेकाबू होते जा रहे हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कितने लंबे समय के लिए कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक इम्‍युनिटी बनी रहती है। सवाल मन में आने का एक वजह ये भी कई लोग ऐसे हैं जो वैक्‍सीन लेने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं।

इसी बीच इंस्‍टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्‍स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के तरफ से आए एक अध्‍ययन में दावा किया गया है कि प्राकृतिक इम्‍युनिटी कोरोना वायरस के खिलाफ बनी रहती है पर कुल संक्रमितों में से 20 से 30 फीसदी लोगों ने 6 महीने के बाद इस प्राकृतिक इम्‍युनिटी को गंवा दिया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं जब इस तरह के स्टडी सामने आए हैं। पहले भी यह कहा जाता रहा है कि संक्रमित व्यक्ति में बना इम्‍युनिटी कुछ ही दिनों तक रहता है और आगे चलकर सामान्य स्थिति में आ जाता है।

आईजीआईबी के डायरेक्‍टर डॉ. अनुराग अग्रवाल ने एक ट्वीट में कहा, “अध्‍ययन में पाया गया कि 20 से 30 फीसदी लोगों के शरीर में वायरस को बेअसर करने की प्रक्रिया खत्‍म होने लगी। ऐसा तब हुआ जब वे सीरोपॉजिटिव थे।” डॉ. अग्रवाल का मानना है कि छह महीने का यह अध्‍ययन इस बात का पता लगाने में सहायक होगा कि आखिर मुंबई जैसे शहरों में अधिक सीरोपॉजिटिविटी होने के बाद भी संक्रमण से राहत क्‍यों नहीं मिल पा रही है।

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कोरोना का नया स्ट्रेन है बेहत खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही करें डॉक्टर से कंसल्ट

यह शोध काफी महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इससे यह जाना जा सकता है कि आखिर देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर कब तक रहेगी. यह वैक्‍सीन के महत्‍व को भी दर्शाता है. शोध अभी भी जारी है. लेकिन मौजूदा समय में कई ऐसी वैक्‍सीन हैं जो संक्रमणों से लड़ने और मौत से बचाने में महत्‍वपूर्ण मानी जाती हैं.

शोधकर्ता परेशान हैं कि दिल्‍ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में लोगों के शरीर में अधिक सीरोपॉजिटिविटी होने के बावजूद आखिर कोरोना के अधिक केस क्‍यों आ रहे हैं। आईजीआईबी के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ. शांतनू सेन गुप्‍ता ने बताया, “सितंबर में हमने सीएसआईआर की लैब में सीरो सर्वे किया था। इसमें सिर्फ 10 फीसदी प्रतिभागियों में ही वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली थीं। हमने इस पर 3 से 6 महीने तक निगरानी रखी और जांच की।”

देखा जाए तो कोरोना के नए-नए स्ट्रेन सामने आ रहे हैं और लक्षण भी तेजी से बदल रहे हैं। हालांकि, कई लोगों में बगैर लक्षण के भी कोरोना सामने आ रहा है। पहले खांसी, बुखार, खाने का टेस्ट और स्मैल न मिलना इस जानलेवा वायरस के कॉमन लक्षण थे। लेकिन नए स्ट्रेन में तबाही के साथ-साथ अब नए लक्षण भी देखने को मिले हैं। आइए आपको बताते हैं कि कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण पुराने वेरिएंट से कितने अलग हैं और इनकी कैसे पहचान की जा सकती है। अगर नीचे दिए गए लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत है।

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कोरोना का नया स्ट्रेन है बेहत खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही करें डॉक्टर से कंसल्ट
  • बुखार का बने रहना
  • त्वचा पर चकत्ते, कोविड टोज़
  • आंखें लाल होना
  • शरीर या जोड़ों में दर्द
  • उल्टी जैसा होना, पेट में ऐंठन या इससे संबंधित अन्य समस्या
  • फंटे होठ, चेहरे और होठों का नीला पड़ना
  • इरिटेशन
  • थकान, सुस्ती और अधिक नींद आना

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कोरोना का नया स्ट्रेन है बेहत खतरनाक, ये लक्षण दिखते ही करें डॉक्टर से कंसल्ट

छोटे शिशुओं में भी कोरोना के लक्षण दिख सकते हैं। ऐसे जो या तो पैदा हुए हैं और एक साल से भी छोटे हैं।

  • त्वचा पर अलग रंग के पैच नजर आना
  • बुखार
  • भूख न लगना या चिड़चिड़ापन
  • उल्टी
  • मांसपेशियों में दर्द
  • होठों व त्वचा में सूजन
  • छाले होना

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