गाजियाबाद के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ शुक्रवार को बरेली की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ आया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमा नमाज के बाद विभिन्न मस्जिदों से सीधा इस्लामिया ग्राउंड पहुंचे गए और महंत के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। उनके हाथों तख्तियां थी जिस पर लिखा था गिरफ्तार करो, दर्दनाक सजा दो! खबरों के मुताबिक, यह भीड़ जमत रजा-ए-मुस्तफा संगठन की अगुवाई में जुटी थी।
जमत रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खां कादरी ने बताया, “पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में महंत नरसिंहानंद ने गुस्ताखी की है। करोड़ों मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है। लेकिन पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। मुसलमानों ने इस प्रदर्शन से यह दिखा दिया है कि वो खामोश नहीं है, अपने पैगंबर-ए-इस्लाम के लिए चुप नहीं बैठेगा।
Today protest bareli shareef pic.twitter.com/XSvlICw45b
— Mohammed Ibrahim Raza (@Ibrahimraza7774) April 9, 2021
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प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि पहले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी और अब महंत ने देश में माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खबरों के मुताबिक काजी-उल-हिंद मुफ्ती असजद रजा खां कादरी की कयादत में तमाम मुसलमान जुमा नमाज के बाद इस्लामियां ग्राउंड में इक्ट्ठा हुए।

सभी लोग आला हजरत की दरगाह से पैदल मार्च करते हुए हुए इस्लामियां ग्राउंड पहुंचे जहां उन्होंने छह सूत्रीय ज्ञापन राष्ट्रपति को संबोधित एसएसपी और एडीएम को सौंपा। इस मौके पर एसएसपी, एसपी सिटी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ अधिकारी, पुलिस, पीएसी तैनात रहे।
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उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक नाबालिग मुस्लिम लड़के के पानी पीने पर पिटाई के मामले से सुर्खियों में आए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती पर देश के कई हिस्सों में ईशनिंदा का केस दर्ज कराया गया है। यह केस पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ सरस्वती के एक विवादित बयान को लेकर दर्ज करवाया गया है।

महंत के खिलाफ पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग करने के आरोप में आईपीसी की धारा 153-ए और 295-ए के तहत पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में भी एफआईआर दर्ज कराई गई है। बताते चलें कि नरसिंहानंद सरस्वती ने देश के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को आतंकी बताते रहे हैं और उन्हें पाकिस्तान को न्यूक्लियर सीक्रेट लिक करने का आरोप लगाता रहे हैं। इतना ही नहीं वह अक्सर दूसरे धर्म को आहत करने वाले शब्दों का इस्तेमाल करते रहे हैं।
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