सिंगापुर के PM ने बताया नेहरू को महान, मोदी सरकार हुई आग बबूला

सिंगापुर के PM ने बताया नेहरू को महान, मोदी सरकार हुई आग बबूला

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के संसद में दिए गए एक भाषण पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए गुरुवार को दिल्ली में सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वॉन्ग को तलब किया। द हिंदू अखबार ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत ने ली सीन लूंग के बयान को ‘गैर-जरुरी’ और ‘अस्वीकार्य’ बताया है।

दरअसल, कुछ दिन पहले सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली शिन लॉन्ग ने अपनी संसद में एक बहस के दौरान भारत के बारे में कहा था कि लोकसभा में लगभग आधे सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं, जो नेहरू के भारत से अब तक की लोकतांत्रिक राजनीति में हुए पतन का संकेत है।

जैसा कि मालूम है कि सिंगापुर भारत का प्रमुख साझीदार है और दोनों देशों के नेतृत्व के संबंध काफी अच्छे रहे हैं। हालांकि, भारत सरकार द्वारा एक सहयोगी देश के राजदूत को तलब करना असामान्य है, लेकिन भारत सरकार विदेशों में हो रही टिप्पणियों को लेकर खासी संवेदनशील रही है।

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भारत सरकार ने इसी हफ्ते ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक काउंसिल (OIC) की टिप्पणी पर ऐतराज जताया था। जिसमें भारत में मुसलमानों के खिलाफ हो रहे हिंसा पर संगठन ने गंभीर चिंता जाहिर की थी। वहीं दूसरी तरफ भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे अंदरूनी मामलों में दखल बताया।

ली शिन लॉन्ग ने क्या कहा?

सिंगापुर में देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर बुधवार को ली शिन लॉन्ग ने बहस के दौरान भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र किया था और जमकर तारीफ की थी। उन्होंने ने कहा, “चीजें जुनून के साथ शुरू होती हैं। जो नेता आजादी के लिए लड़े और उसे हासिल किया, वे अद्वितीय होते हैं। उनका हौसला, संस्कृति और क्षमता अद्भुत होती है। वे आग से गुजर कर आए और देश के नेता व नायक बने। वे लोग डेविड बेन-गुरियन, जवाहर लाल नेहरू जैसे होते हैं, और हमारे पास अपने भी ऐसे नेता हैं।”

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने इसके बाद भारत की मौजूदा लोकतांत्रिक स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश अब नेहरू के भारत जैसा नहीं रहा। उन्होंने कहा, “नेहरू का भारत अब, कुछ मीडिया समाचारों के मुताबिक, ऐसा हो गया है जहां लगभग आधे सांसदों के खिलाफ अपाराधिक मामले चल रहे हैं, और इनमें बलात्कार और कत्ल के मामले भी शामिल हैं। हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि इनमे से कई आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।”

सिंगापुर के PM ने बताया नेहरू को महान, मोदी सरकार हुई आग बबूला
23 नवंबर, 2015 को कोमल विलास रेस्तरां, लिटिल इंडिया, सिंगापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के पीएम ली सीन लूंग। फोटो साभार: दैनिक भास्कर

क्यों आया नेहरू का जिक्र?

यह बहस एक स्थानीय सांसद वर्कर्स पार्टी की रईसा खान पर लगे झूठ बोलने के आरोपों के कारण हो रही थी। प्रधानमंत्री लॉन्ग ने कहा कि सिंगापुर के लोग अपने नेताओं और संस्थाओं पर तभी भरोसा कर पाएंगे जबकि सरकार निष्ठा को सर्वोच्च स्थान देगी और ऐसे मानक स्थापित करेगी, जो सबके लिए बराबर हों।

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उन्होंने इस्राएल के हालात पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आज कई राजनीतिक व्यवस्थाएं ऐसी हो चुकी हैं जिन्हें उनके संस्थापक पहचान तक नहीं पाएंगे। बेन-गुरियन का इस्राएल ऐसा हो गया है कि वहां दो साल में चार चुनावों के बाद भी बड़ी मुश्किल से कोई सरकार बनी। और, देश के कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी अपराधिक आरोप झेल रहे हैं और कई तो जेल भी जा चुके हैं।”

माननीय जन प्रतिनिधि या अपराधी

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने अपने 40 मिनट के भाषण में कहा, “सिंगापुर को वैसा होने से क्या रोक सकता है? कुछ भी नहीं। हम कोई दूसरे देशों से ज्यादा समझदार या गुणी नहीं हैं। आधुनिक सिंगापुर ऐसी किसी व्यवस्था के साथ नहीं जन्मा है जो उसे विफल होने से रोक सके।”

बीते साल आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 363 विधायकों और सांसदों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की है। ये ऐसे मामले हैं जहां अदालत ने आरोपों को अनुमति दी है।

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पिछले साल अगस्त में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा था कि 296 विधायकों और 67 सांसदों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे ज्यादा 83 नेता भारतीय जनता पार्टी के हैं। कांग्रेस 47 सदस्यों के साथ दूसरे नंबर पर है जबकि तृणमूल कांग्रेस (25) तीसरे नंबर पर है।

तत्कालीन रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी नेताओं में चार केंद्रीय मंत्री और राज्य के 35 मंत्री भी शामिल थे। केंद्रीय मंत्रियों में संजीव कुमार बालियान, सत्यपाल सिंह बाघेल, कैलाश चौधरी और अश्विनी कुमार चौबे का नाम था, जिनके खिलाफ अपहरण, डकैती और हत्या की कोशिश जैसे गंभीर अपराधों में मामले दर्ज थे।


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